मुजफ्फरनगर, 13 नवंबर – जिला अधिकारी उमेश मिश्रा के कुशल नेतृत्व में और अपर जिला अधिकारी (प्रशासन) श्री नरेंद्र बहादुर सिंह की सतत देखरेख में शुक्रतीर्थ में कार्तिक गंगा स्नान मेले की सभी तैयारियां की जा रही हैं। मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन और जिला पंचायत ने इस ऐतिहासिक मेले (12 से 16 नवंबर 2024) में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं की हैं। मेला का मुख्य पर्व 15 नवंबर को होगा और प्रशासन ने इसे सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं।

1. खेलकूद प्रतियोगिताएं
पहली बार इस मेले में लड़कियों के लिए भी खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जो 13 और 14 नवंबर को आयोजित होंगी। पहले यह प्रतियोगिताएं केवल पुरुषों के लिए होती थीं, लेकिन इस बार युवतियों को भी प्रोत्साहित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से युवाओं में खेलकूद के प्रति रुझान बढ़ाने का प्रयास है।
2. सांस्कृतिक कार्यक्रम
14 नवंबर को गंगा के किनारे एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में लोक गीत और धार्मिक प्रस्तुतियां शामिल होंगी, जो इस पवित्र स्थल पर आध्यात्मिक माहौल को और भी पावन बनाएंगी। लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां श्रद्धालुओं को मनोरंजन के साथ आध्यात्मिक अनुभव भी प्रदान करेंगी।

3. प्रकाश व्यवस्था
मेले के पूरे क्षेत्र में प्रकाश की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। इस बार जिला प्रशासन ने अयोध्या और वाराणसी की तरह गंगा के पावन घाटों पर 2 दिवसीय लेजर शो का आयोजन किया है। इस शो की प्रकाश की तरंगें पूरे मेला क्षेत्र की सुंदरता को चार चांद लगाएंगी और श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। संपूर्ण क्षेत्र में मोरना से शुक्रतीर्थ तक कहीं भी डार्कजोन नहीं रहेगा।
4. प्रसारण व्यवस्था
मेले के पूरे क्षेत्र में प्रकाश की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। इस बार जिला प्रशासन ने अयोध्या और वाराणसी की तरह गंगा के पावन घाटों पर 2 दिवसीय लेजर शो का आयोजन किया है। इस शो की प्रकाश की तरंगें पूरे मेला क्षेत्र की सुंदरता को चार चांद लगाएंगी और श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। संपूर्ण क्षेत्र में मोरना से शुक्रतीर्थ तक कहीं भी डार्कजोन नहीं रहेगा।
5. सीसीटीवी और वीडियोग्राफी
मेला क्षेत्र की सुरक्षा और निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या को इस वर्ष दोगुना कर दिया गया है। इन कैमरों का नियंत्रण जिला पंचायत निरीक्षण भवन में बने कंट्रोल रूम से किया जाएगा, जहां जिला पंचायत के कर्मचारी और पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। यह व्यवस्था असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
6. बैरिकेटिंग और नाव की व्यवस्था
गंगा में स्नान के दौरान संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए गहरे स्थानों को चिन्हित कर वहां बैरिकेटिंग की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जिला पंचायत द्वारा 4 नाव मल्लाहों और गोताखोरों के साथ 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
7. पेयजल सुविधा
मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ पेयजल की बेहतर व्यवस्था की गई है। जल निगम और जिला पंचायत ने मिलकर 70 पानी की टंकियों को विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया है। इसके अलावा 3 स्थानों पर समर्सिबल पंपों के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर हैंडपंप भी लगाए गए हैं। नगर पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा अतिरिक्त 15 पानी के टैंकर भी लगातार रिफिल कर श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है।
8. महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम
महिलाओं की सुविधा के लिए घाटों पर 7 अस्थायी चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। पहले से मौजूद 3 स्थायी चेंजिंग रूम भी तैयार हैं। सभी चेंजिंग रूम को गुलाबी रंग में रंगा गया है, जिससे उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। सफाई के लिए महिला सफाई कर्मचारियों की 3 शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है।
9. शौचालय व्यवस्था
मेला क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त रखने के लिए प्रशासन ने इस बार तीन गुना अधिक शौचालयों का निर्माण किया है। अस्थायी शौचालयों में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं, जैसे पानी की टंकी, सफाई कर्मचारी और बिजली की व्यवस्था। इसके अतिरिक्त नगरपालिकाओं ने भीड़ वाले स्थानों पर मोबाइल टॉयलेट्स लगाए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
10. धूल रहित मेला
मेला क्षेत्र को धूल रहित बनाने के लिए पानी के टैंकरों से नियमित छिड़काव किया जा रहा है। यह छिड़काव श्रद्धालुओं को धूल से होने वाली परेशानियों से बचाएगा और मेला क्षेत्र की सफाई भी बनाए रखेगा।
11. साफ-सफाई व्यवस्था
मेला क्षेत्र को कई सेक्टरों में विभाजित कर सफाई कर्मचारियों की टीमें लगाई गई हैं, जिनमें से प्रत्येक टीम में एक लीडर है। घाटों और मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में डस्टबिन रखे गए हैं। पीए सिस्टम के जरिए श्रद्धालुओं को गंदगी न फैलाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। इस बार सफाई कर्मचारियों की संख्या में पिछले साल की तुलना में दो गुना वृद्धि की गई है, ताकि स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा सके।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और अपर जिला अधिकारी प्रशासन श्री नरेंद्र बहादुर सिंह के निर्देशन में जिला पंचायत और प्रशासन के अधिकारी दिन-रात मेला क्षेत्र में रहकर व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और वे इस मेले का पूरी श्रद्धा और सुरक्षित रूप से आनंद ले सकें।