मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वे अब राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं और इसके आगे कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। शरद पवार ने कहा कि वे राकांपा की बैठकों में शामिल होकर पार्टी को उचित मार्गदर्शन करते रहेंगे। फिलहाल, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के मान-मनौव्वल के बीच शरद पवार के निर्देश पर पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी की सिफारिशों के बाद एनसीपी के नए अध्यक्ष के नाम पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
वाईबी चव्हाण सभागृह में मंगलवार को शरद पवार की लिखी पुस्तक का विमोचन हो रहा था। इसी अवसर पर शरद पवार की घोषणा के बाद पूरा सभागृह स्तब्ध रह गया। शरद पवार ने अपनी किताब के विमोचन कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सार्वजनिक जीवन में कहीं रुकने पर विचार करना आवश्यक है। इसलिए मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 1999 में एनसीपी के गठन के बाद से पिछले 24 वर्षों से एनसीपी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हूं। यह पूरा सफर 1 मई 1960 से सार्वजनिक जीवन में शुरू हुआ और पिछले 63 सालों से लगातार चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इन 63 वर्षों में मैं किसी न किसी सदन के सदस्य या मंत्री के रूप में लगातार काम करता रहा हूं। राज्यसभा की सदस्यता के अगले 3 साल बचे हैं। इस अवधि के दौरान मैं राज्य और देश के मामलों पर अधिक ध्यान दूंगा, इसके अतिरिक्त मैं कोई अन्य जिम्मेदारी नहीं लूंगा। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा, कृषि, सहयोग, खेल, संस्कृति के क्षेत्र में और अधिक काम करने का इरादा रखता हूं। साथ ही मैं युवाओं, छात्र संगठनों, श्रमिकों, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा।
शरद पवार के इस ऐलान के बाद छगन भुजबल, जितेंद्र आव्हाड और दिलीप वलसे पाटिल सहित राकांपा नेताओं ने कहा, “हम राकांपा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के आपके फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम चाहते हैं कि आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।”