छतरपुर। भाजपा सांसद और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी बुधवार देर शाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम पहुंचे थे। यहां वे नवकुंडीय अन्नपूर्णा महायज्ञ में शामिल हुए और उन्होंने पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने मंच से भोजपुरी गाने भी गाए। उनके भोजपुरी गानों पर मौजूद श्रद्धालु झूम उठे। साथ ही उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिंदू राष्ट्र के विचार का समर्थन किया। साथ ही हिंदू राष्ट्र को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा प्रख्यात भजन गायक अनूप जलौटा भी बागेश्वर धाम पहुंचे और उन्होंने भी अपने भजन गाकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
उल्लेखनीय है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्रीइन दिनों काफी चर्चाओं में हैं और उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती जा रही है। इन दिनों बागेश्वर धाम में विश्व कल्याण और हिन्दू राष्ट्र की मनोकामना के लिए नवकुंडीय अन्नपूर्णा महायज्ञ किया जा रहा है। गत 13 फरवरी से शुरू हुआ यह धर्म महाकुंभ 18 फरवरी तक चलेगा. इसमें शामिल होने के लिए देशभर से चर्चित कथावचक और बाबाओं के आने का क्रम जारी है। देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। इसे देखते हुए ही राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आने का क्रम भी जारी है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बागेश्वर धाम में मंच से बागेश्वर धाम की महिमा को गाकर सुनाया। उनके गाने सुनकर बागेश्वर धाम पहुंचे श्रद्धालु झूम उठे। इस मौके पर मनोज तिवारी ने कहा कि उन्होंने बागेश्वर धाम से भारत की संस्कृति के प्रसार की मन्नत मांगी। हिंदू राष्ट्र की बात पर उन्होंने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सत्य सनातन को यूं ही आगे बढ़ाते रहें। हिंदू राष्ट्र पर उनके विचार अच्छे हैं।
धर्म महाकुंभ में कथा व्यास श्याम सुंदर पाराशर ने अपने प्रवचनों से जनमानस को रामकथा से जोड़ा। उन्होंने कहा रामजी आनंद के स्वरूप हैं और माता जानकी शांति की स्वरूप हैं। भी व्यक्ति सीताराम को एक निष्ठ होकर याद करता है उसके जीवन में आनंद और शांति अवश्य आती है। जीवन में एक संत, एक मंत्र, एक तंत्र, एक पंथ और एक ग्रंथ पर सर्वोपरि निष्ठा रखनी चाहिए। हनुमानजी रामजी की सेवा में एक निष्ठ हैं। वे महान कार्य करते हैं फिर भी उन्हें अभिमान छू नहीं पाता। हमारे शास्त्र जीवन के गूढ़ सूत्रों से भरे हुए हैं, जिस तरह समुद्र होता है उसी तरह शास्त्र होते हैं। और संत इन्हीं समुद्र रूपी शास्त्रों से बादल बनकर स्वच्छ और पावन जल लेकर आप पर उसकी वर्षा करते हैं।
बागेश्वर धाम में यज्ञ वेदी में वैदिक मंत्रों के साथ अग्नि प्रज्जवलित कर आहूतियां दी गईं। इस दौरान बागेश्वर धाम में सागर जिले के खुर्द गांव से आए 25 सदस्यीय जय महाकाल डमरू बैंड दल ने भी शानदार प्रस्तुति दी। बागेश्वर धाम में भजन गायक अनूप जलोटा ने भी भजनों की प्रस्तुति दी। उन्होंने अपने सबसे लोकप्रिय गीत ऐसी लागी लगन प्रस्तुत किया तो जनमानस झूम उठा। उन्होंने धार्मिक भजनों के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति के गीत भी गाए। हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प को समर्पित करते हुए उन्होंने एक भजन ये देश है वीर जवानों का गाया। भजन प्रस्तुति से पहले बालाजी के दर्शन कर पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री से आशीर्वाद लिया।
Dhirendra Shastri
अनूपपुर। इस समय बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती चर्चा में हैं। आरोपों-प्रत्यारोपों की वजह से ये एक-दूसरे के कोपभाजन बने हुए हैं। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने एक बार फिर एक-दूसरे पर पलटवार किया है।
शुक्रवार की रात जबलपुर से अचानक अनूपपुर जिले के अमरकंटक पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने शनिवार की सुबह मां नर्मदा की पूजा अर्चना की और फिर बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के लिए रवाना हो गये। अमरकंटक नर्मदा मंदिर प्रांगण में उन्होंने कांग्रेस को नसीहत, रामचरित मानस पर चल रहे विवाद और संघ प्रमुख मोहन भागवत के जाति व्यवस्था के बयान पर भी जवाब दिया।
बीते दिनों निश्चलानंद सरस्वती ने बिना नाम लिए अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती को शंकराचार्य मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि अविमुक्तेश्ववरानंद के गुरुजी का 99 साल की आयु में देहावसान हुआ, लेकिन उन्होंने शंकराचार्य की गद्दी किसी को भी क्यों नहीं दी? बाद में अविमुक्तेश्ववरानंद सरस्वती ने दो लोगों को अंगरक्षक की तरह अलग-बगल खड़े कर अभिषेक कराया और शंकराचार्य बन गए। मर्यादा का अतिक्रमण करता हो, उसे हम शंकराचार्य नहीं मानते, इनको लगता है कि हम तीन हो गए, पुरी के शंकराचार्य को दबा देंगे, हमें तीस नहीं दबा पाए, तीन क्या दबाएंगे।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कौन सा अमर्यादित आचरण है, ये तो बताया जाए। वह किसी व्यक्ति या संस्था पर इस प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर पूछे गए सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘हमने अकेले बागेश्वर धाम को लेकर कुछ नहीं कहा, हर उस व्यक्ति को कहा, जो चमत्कार की बात कर रहा है, चमत्कार है तो फिर दुनिया में लोग दुखी क्यों हैं? चमत्कार से ही लोगों का दुख दूर क्यों नहीं किया जा रहा है? अस्पताल और अदालतों में भीड़ क्यों लग रही है? हमारा अभी भी वही कहना है और आगे भी वही रहेगा. जो सच है, हमें उसको कहने में कोई दिक्कत नहीं हैं।
छतरपुर। पिछले कुछ समय से अपने दरबार में चमत्कार को लेकर सुर्खियों में बने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार किसी विवाद के कारण नहीं बल्कि गृहस्थ जीवन की शुरुआत को लेकर चर्चा हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं, इसकी घोषणा उन्होंने सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात बागेश्वर धाम में लगे दिव्य दरबार में की। हालांकि अभी उन्होंने अपनी शादी को लेकर बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी है कि वे किससे शादी करेंगे, कब और कहा करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी शादी होगी तो उसका टीवी पर प्रसारण भी होगा।
सोमवार- मंगलवार दरमियानी रात पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगा। लंबे समय बाद धाम पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। आधी रात को शास्त्री भीड़ से मिलने बाहर निकले। इस दौरान दिव्य दरबार से ही धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी शादी को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही विवाह बंधन में बंधेंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमारी शादी की बात चलती रहती है। हम कोई साधु महात्मा नहीं है। हम बहुत ही सामान्य इंसान हैं और अपने ईष्ट बालाजी के चरणों में ही रहते है। हमारी परपंपरा में बहुत से महापुरुष गृहस्थ जीवन में रहे हैं। भगवान भी गृहस्थ जीवन में ही प्रकट होते हैं। यानी पहले ब्रह्मचारी, फिर गृहस्थ, वानप्रस्थ और फिर सन्यास की परंपरा है। उसी पर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा है कि वे जल्द शादी करेंगे और लोगों को बुलाएंगे। लेकिन अधिक लोगों को नहीं बुला सकते। क्योंकि उनकी व्यवस्थाएं नहीं हो पाएंगी। इसलिए शादी का टीवी पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिससे सभी लोग शादी में शामिल हो जाएंगे।
रामचरित मानस को अपमानित करने वालों को दिया जवाब
इस दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने रामचरित मानस को अपमानित करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को भारत में रहने का अधिकारी नहीं है, इन्हें जवाब देना चाहिए, ताकि लौटकर के टेढ़ी निगाह से नहीं देखें। वीडियो बयान जारी कर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा हमारे भारत के संविधान के प्रथम पृष्ठ भगवान श्री सीताराम का अंकन है। जिस संविधान का प्रथम पृष्ठ ही भगवान राम से प्रारंभ होता हो, भगवान राम के आदर्शों से प्रारंभ होता हो। उन भागवान राम की जीवन गाथा श्री रामचरित मानस, जो हमारे भारत का एक अनूठा ग्रंथ है उसके प्रति इस प्रकार का कोई कृत्य किया जाता है यह घोर निदंनीय है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय धर्म घोषित होना चाहिए, क्योंकि रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होगा तो रामराज्य आएगा। रामराज्य आएगा तो प्रजा प्रसन्न होगी, प्रजा प्रसन्न होगी तो भारत विश्व गुरू बनेगा। इसलिए प्रत्येक सनातनी, साधु महात्मा चाहते हैं कि बहुत जल्द रामचरिमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और सरकार को करना चाहिए। भारतीय नागरिक होने के नाते हमारी यह मांग है।
हरिद्वार। तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर आए बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आचार्य बालकृष्ण के साथ शनिवार को अचानक भारत माता पुरम स्थित पुरुषार्थ आश्रम पहुंचे।
उन्होंने यहां आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज से भेंट कर सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। निरंजन स्वामी महाराज ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज और आचार्य बालकृष्ण का फूल माला पहना और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।
इस दौरान निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज सनातन धर्म की रीढ़ हैं जो भारत सहित विदेशों में भी धर्म और संस्कृति की पताका को फहरा रहे हैं। इससे सनातन विरोधी ताकतें उनके विरुद्ध खड़ी हो रही हैं लेकिन समस्त संत समाज उनके साथ है और कदम से कदम मिलाकर दिन-रात उनके साथ खड़ा है।
इस दौरान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज ने कहा कि वह बहुत सौभाग्यशाली हैं जो उन्हें हरिद्वार की पावन भूमि पर संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ है। महामनीषी निरंजन स्वामी उनके बड़े भाई समान हैं। काफी समय से वह उनसे मिलने के लिए आतुर थे लेकिन समय की व्यस्तता के कारण वह उनसे मिल नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि आज उनके आश्रम पहुंचकर उन्हें आनंद की अनुभूति हुई है।
छतरपुर। इन दिनों अपने चमत्कार को लेकर देशभर में सुर्खियां बटोर रहे बागेश्वर धाम के पीठाधीश एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को धमकी मिली है। धमकी किसी अमर सिंह नाम के व्यक्ति ने उनके चचेरे भाई लोकेश गर्ग के मोबाइल पर फोन करके दी गई है। धमकी देने वाले ने पहले चचेरे भाई से कहा कि मेरी बात करवाओ। उन्होंने इससे इनकार किया तो कहा कि उनकी तेहरवीं की तैयारी कर लो। शिकायत पर बमीठा थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
छतरपुर पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को धमकी देने व्यक्ति ने अपना नाम अमर सिंह बताया है। सिम धारक की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि हमने भा.द.वि. की धारा 506, 507 प्रकरण दर्ज किया है। ऐसी आशंका है कि धमकी देने वाले ने किसी और नाम से फोन किया है। मामले की जांच के लिए 25 लोगों की एसआईटी गठित की है। इसमें अनुविभागीय अधिकारी भी शामिल हैं। बागेश्वर धाम की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। धीरेंद्र शास्त्री की सिक्योरिटी को अलग से ब्रीफ किया जाएगा कि किस तरह से उसे सतर्कता बरतना है।
पुलिस के अनुसार बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चचेरे भाई 27 वर्षीय लोकेश गर्ग पुत्र रामअवतार गर्ग निवासी ग्राम गढ़ा थाना बमीठा छतरपुर ने सोमवार देर रात बमीठा थाने में आवेदन देकर बताया था कि 22 जनवरी की रात में उनके पास मोबाइल नंबर 89763417** से फोन आया था। फोन करने वाले ने लोकेश गर्ग से कहा कि धीरेंद्र से बात कराओ। लोकेश ने फोन करने वाले से कहा कि कौन धीरेंद्र? तो फोन करने वाले ने कहा कि बागेश्वर वाले धीरेंद्र शास्त्री। इस पर लोकेश ने कहा कि हमारी पहुंच नहीं है, बात कराने की। यह बात सुनकर फोन करने वाले ने कहा कि उनकी तेरहवीं की तैयारी कर लेना। लोकेश ने कहा कि क्यों कर लेना और आप कौन बोल रहे हैं। मैं तो आपको नहीं जानता। तब फोन करने वाले ने कहा कि अमर सिंह बोल रहा हूं। धीरेंद्र की तेरहवीं की तैयारी कर लेना। इतना कहने के साथ फोन करने वाले व्यक्ति ने काल डिस्कनेक्ट कर दी। इस काल के बाद लोकेश ने बमीठा थाने में आवेदन दिया। इस पर पुलिस ने धमकी देने वाले अज्ञात अमर सिंह पर एफआइआर दर्ज की है।
मामले में छतरपुर एसपी सचिन शर्मा का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री के रिश्तेदार ने लिखित आवेदन दिया है। वो धीरेंद्र शास्त्री से बात नहीं करवा पाए तो काल करने वाला बिगड़ गया और कहा कि आप मेरी बात कराइए। नहीं तो कुछ भी कर जाउंगा। अज्ञात अमर सिंह पर केस दर्ज किया है। एसपी ने कहा कि कोई व्यक्ति उनसे बात करने की कोशिश कर रहा है। बात नहीं होने से खीझ कर उसने ऐसी बात कही है। अगले एक-दो दिन में पूरे मामले की जांच कर उसका खुलासा किया जाएगा।
वाराणसी। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में मंगलवार को राष्ट्रीय हिन्दू दल के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर आये। दल के अध्यक्ष रोशन पाण्डेय के अगुवाई में लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में जुटे कार्यकर्ताओं ने बागेश्वर धाम को समर्थन देकर उनके खिलाफ आरोप लगाने वाले शंकराचार्य और अन्य के खिलाफ आक्रोश जताया।
रोशन पांडेय ने कहा कि शंकराचार्य अपने मूल उद्देश्य से भटक रहे हैं, ऐसे में बागेश्वर धाम वाले महाराज को ये गद्दी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व के सबसे बड़े प्रतिनिधि है बागेश्वर धाम सरकार। सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर दल के कार्यकर्ताओं ने बागेश्वर धाम को शंकराचार्य बनाने एवं उनको श्रेणीबद्ध सुरक्षा देने की मांग की।
रोशन ने बताया कि शंकराचार्य समेत समस्त विरोधियों की बुद्धि-शुद्ध करने के लिए तीन दिवसीय महायज्ञ दल करने की तैयारी में है। कार्यकर्ताओं ने शंकराचार्य पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने मूल उद्देश और सिद्धांत से भटक चुके हैं। शंकराचार्य सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। खुद तो सनातनधर्म व हिंदुत्व के लिए कुछ नहीं करते और जो कर रहे हैं उन्हें भी दुष्प्रचार कर षड़यंत्र के तहत बदनाम कर रोकने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में हिंदू समाज व सनातन धर्म की रक्षा करने का पदभार ऐसे व्यक्ति को मिलनी चाहिए जो वास्तव में दिन-रात सनातन धर्म एवं हिंदुत्व की प्रतिनिधित्व कर रहा हो।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि बागेश्वर धाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू समाज को जागृत करने के साथ-साथ राष्ट्र एवं संस्कृति के लिए अथक प्रयास कर हिन्दू समाज को जागृत करने एवं धर्म का प्रचार कर रहे हैं। आज लाखों-करोड़ों हिन्दू समाज उनके साथ खड़ा है और उन्हें अपना धर्मगुरु मानता है। ऐसे में देश के साधु-संतों, मठाधीशों को भी बागेश्वर वाले महाराज का साथ देना चाहिए और उन्हें शंकराचार्य नियुक्त करना चाहिए। दल के प्रदेश अध्यक्ष बबलू अग्रहरि ने कहा कि बाबा बागेश्वर धाम धर्मांतरण किए हिंदुओं काे घर वापसी करवा रहे हैं और सनातन धर्म से जोड़ रहे हैं, इसलिए उनका विरोध हो रहा है।
नई दिल्ली। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री इस समय सुर्खियों में हैं। अपने आश्रम और अन्य स्थानों पर भक्तों के बीच भूत-प्रेत भगाने का दावा करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री पर अब उनके विरोधी खुलकर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा रहे हैं।
दादा ने दी थी दीक्षा
महज 26 वर्षीय धीरेन्द्र शास्त्री को उनके दादा ने 11 वर्ष की उम्र में शिष्य बनाकर संत परंपरा से जोड़ा था। उनके दादा इलाके के प्रतिष्ठित संत थे। युवावस्था में आने के साथ धीरेन्द्र शास्त्री का बागेश्वर धाम सुर्खियों में आने लगा। उनके आश्रम में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और अफसरों के आदि के भी पहुंचने से उनके कार्यकलाप ने लोगों का ध्यान खींचा।
देश के कई स्थानों पर जाकर कथा-प्रवचन करने वाले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री अभी हाल में महाराष्ट्र के नागपुर में कथा कहने के लिए पहुंचे थे। विरोधियों का कहना है कि चमत्कार का दावा कर अंधविश्वास फैलाने वाले धीरेन्द्र शास्त्री को वहां अपनी बातों को साबित करने की चुनौती दी गई। दावा किया जा रहा है कि अंधविश्वास विरोधी संस्था के लोगों की बात को जानकर अपनी कथा का शेड्यूल पूरा किये बिना धीरेन्द्र शास्त्री वहां से चले गए।
खुद पर लग रहे आरोपों के बीच धीरेन्द्र शास्त्री ने उन्हें चुनौती देने वालों की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि वह इसकी चिंता नहीं करते हैं। वह अपने भक्तों के बीच लगातार दरबार लगा रहे हैं। उनके समर्थक इसे धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ सनातन धर्म विरोधियों की साजिश करार देते हैं। इन सारी चर्चाओं से बेपरवाह बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के धार्मिक आयोजन जारी हैं।