नई दिल्ली । फिल्म आदिपुरुष पर रोक लगाने संबंधी हिंदू सेना की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। याचिकाकर्ता ने याचिका में कुछ सुधार करने की अनुमति देने की मांग की। इसके बाद दिल्ली कोर्ट ने 3 जुलाई को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
हिंदू सेना ने कहा है कि फिल्म में कई आपत्तिजनक दृश्य और डायलॉग हैं। यह फिल्म भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर डाल रही है। नेपाल ने इस फिल्म पर रोक लगा दिया है। याचिका में कहा गया है कि आदिपुरुष फिल्म से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। भगवान राम, मां सीता, हनुमान जी और रावण से जुड़े आपत्तिजनक सीन को हटाए जाएं। हिंदू सेना ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि आदिपुरुष 16 जून को रिलीज हुई थी। इस फिल्म की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। ओम राउत के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रभाष, कृति सैनन और सैफ अली खान ने राम, सीता और रावण की भूमिका अदा की है। इस फिल्म को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जा चुकी है।
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नई दिल्ली । आबकारी घोटाला मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ईडी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया पर आरोप गम्भीर हैं, ऐसे में उनको 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सिसोदिया को अपनी पत्नी से घर या अस्पताल में पुलिस की मौजूदगी में मिलने की इजाजत दी। कोर्ट ने शर्त लगाई है कि पत्नी से मिलने जाने के दौरान सिसोदिया मीडिया से बात नहीं करेंगे। सिसोदिया फोन भी इस्तेमाल नहीं करेंगे।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को बताया गया कि मनीष सिसोदिया को 3 जून की सुबह उनके घर पर ले जाया गया था लेकिन वह अपनी पत्नी से मुलाकात नहीं कर पाए, क्योंकि उससे पहले ही उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। ईडी ने मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जब उन्होंने पहली बार अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, उस समय और अभी की अंतरिम जमानत की अर्जी के समय उनकी पत्नी की हालत में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
ईडी ने कहा कि पत्नी दो दशक से इस बीमारी से पीड़ित है। अगर 6 हफ्ते के लिए सिसोदिया को अंतरिम जमानत दी भी जाती है, तो उससे बहुत ज़्यादा असर नहीं होगा। इतना ही नहीं, उनके पास पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, आबाकरी, फाइनेंस, विजिलेंस, बिनली, स्वास्थ्य, गृह समेत 18 पोर्टफोलियो थे। ऐसे में वह पत्नी के एक मात्र देख भाल करने वाले नहीं हो सकते हैं। ईडी की इस दलील का मनीष सिसोदिया के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि सिसोदिया अपनी पत्नी के अकेले देखभाल करने वाले हैं, क्योंकि उनका इकलौता बेटा विदेश में पढ़ रहा है।
सिसोदिया के वकील ने ईडी की इस दलील का भी विरोध किया कि उनके पास 18 पोर्टफोलियो थे, तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि वह पत्नी के केयरटेकर नहीं हैं। हम भी दिन भर में कई मामलों से निपटारा करते हैं, दिन के अंत में घर वापस जाकर क्या हम अपने परिवार की देखभाल नहीं करते।
मनीष सिसोदिया ने पत्नी की सेहत का हवाला देते हुए 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत की मांग की थी। 2 जून को हाई कोर्ट ने फौरी राहत देते हुए मनीष सिसोदिया को पुलिस हिरासत में पत्नी से 3 जून की सुबह 10 से शाम 5 बजे तक के लिए मिलने की इजाजत दी थी। हालांकि, सिसोदिया के घर जाने से पहले उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
नई दिल्ली । दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और आबकारी नीति साउथ ग्रुप को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार की गयी थी।
कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। चार मई को कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को सिसोदिया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला बनता ही नहीं। ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है। ईडी ने सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट : दो हजार रुपये के नोट बिना पहचान पत्र के बदलने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली । दो हजार रुपये के नोट बिना किसी पहचान पत्र के बदलने के रिजर्व बैंक के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने 23 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 23 मई को रिजर्व बैंक के वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इसे जुर्माना के साथ खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि यह नोटबंदी नहीं है। त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि कोर्ट को आर्थिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी।
याचिका में मांग की गई थी कि नाम और पहचान पत्र लिए बिना यह नोट जमा नहीं किए जाने चाहिए ताकि कालाधन रखने वालों की पहचान हो सके। याचिका में कहा गया था कि रिजर्व बैंक का नोटिफिकेशन संविधान की धारा 14 का उल्लंघन है। दो हजार रुपये के नोट को बिना किसी मांग पर्ची और पहचान प्रमाण के जमा करने की अनुमति देना मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान की धारा 14 का उल्लंघन है।
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई करते हुए बीबीसी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में करने का आदेश दिया है।
याचिका एनजीओ जस्टिस ऑन ट्रायल की ओर से दायर की गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने देश और न्यायपालिका, प्रधानमंत्री सहित पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है।
हाल ही में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट की तरफ से बीबीसी, विकीमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव को भी भाजपा नेता विनय कुमार सिंह की ओर दाखिल मानहानि याचिका पर समन जारी किया जा चुका है।
उल्लेखनीय कि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को आईटी रूल्स के आपातकालीन प्रावधानों के तहत बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से संबंधित क्लिप और लिंक हटाने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कुतुब मीनार परिसर के पूर्वी गेट स्थित मुगल मस्जिद में रमजान के दौरान नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और एएसआई को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने 27 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका मुगल मस्जिद के प्रबंधन कमेटी ने दायर की है। याचिका में रमजान के महीने में नमाज पढ़ने देने की मांग पर जल्द निपटारे की मांग की गई है। मुख्य याचिका में एएसआई के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोकने की बात कही गई है। मुख्य याचिका पर अगस्त में सुनवाई नियत है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील सुफियान सिद्दीकी ने कहा था कि मुगल मस्जिद एक नोटिफाइड वक्फ संपत्ति है और एएसआई अधिकारियों ने मई से वहां नमाज पढ़ने से मना कर दिया है। मुगल मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम से अलग मस्जिद है। वो संरक्षित मस्जिद नहीं है। इस मस्जिद में इसके पहले नमाज पढ़ने से कभी नहीं रोका गया ।
याचिका में कहा गया है कि इस बात के सबूत हैं कि मुगल मस्जिद में हमेशा नमाज होती रही है। मुगल मस्जिद में नमाज पढ़ने से कोई कानून-व्यवस्था का भी मामला नहीं है। मुस्लिम समाज को नमाज पढ़ने से रोकना एक आधुनिक राष्ट्र और पुरानी सभ्यता के खिलाफ है। एएसआई को मस्जिद में लोगों को आने से रोकना एएसआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
गौरतलब है कि दिल्ली के साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका लंबित है।
दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए विवेक अग्निहोत्री और बिना शर्त मांगी माफी, अवमानना का मामला हुआ बंद
नई दिल्ली । फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री सोमवार को अवमानना के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए और बिना शर्त माफी मांगी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच विवेक अग्निहोत्री को भविष्य में सतर्क रहने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि ट्विटर कई सारे दुखों का स्रोत है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले के दूसरे सह-आरोपी एस रंगनाथन की उपस्थिति के बारे में पूछा। तब रंगनाथन के वकील जे साईं दीपक ने कहा कि कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश नहीं दिया था। तब कोर्ट ने रंगनाथन को 24 मई को पेश होने का आदेश दिया। 16 मार्च को विवेक अग्निहोत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें बुखार है। तब कोर्ट ने उन्हें 14 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया। 6 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को तलब किया था।
दरअसल, हाईकोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस मुरलीधर की बेंच से गौतम नवलखा को राहत का आदेश देने के बाद विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर पर पक्षपात का आरोप लगाया था। उसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 2018 में विवेक अग्निहोत्री और आनंद रंगनाथन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी।
नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उन्हें अगले बजट सत्र तक एक वर्ष के लिए सदन की बैठकों में भाग लेने से निलंबित किए जाने के फैसले को भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने चुनौती दी है।
दरअसल, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करके अगले बजट सत्र तक एक वर्ष के लिए सदन की बैठकों में भाग लेने से निलंबित कर दिया गया है। इसको उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट 24 मई को विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली । शाहीन बाग के कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान को दिल्ली हाईकोर्ट ने दो मामलों में अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आसिफ मोहम्मद खान को प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र में सेवाएं देने और भविष्य में ऐसे अपराध में संलिप्त नहीं होने की शर्त पर अंतरिम जमानत दी है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक 26 नवंबर, 2022 को पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस कांस्टेबल ने तैय्यब मस्जिद के पास भीड़ देखी। उस समय कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी अरीबा खान के पिता आसिफ मोहम्मद खान अपने समर्थकों के साथ भीड़ को लाउड हेलर से संबोधित कर रहे थे।
कांस्टेबल ने जब आसिफ खान से निर्वाचन आयोग की अनुमति के बारे में पूछा तो वे आक्रामक हो गए और बदतमीजी करने लगे। आसिफ खान गाली देने लगे और कांस्टेबल के साथ धक्का-मुक्की की। उसके बाद शाहीन बाग थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
नई दिल्ली । गौतम नवलखा को राहत देने से जुड़े अवमानना के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को 10 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। विवेक अग्निहोत्री गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें बुखार है। उसके बाद कोर्ट ने उन्हें 10 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।
6 दिसंबर, 2022 को कोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को तलब किया था। कोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री को 16 मार्च को पेश होने के लिए कहा था। हाई कोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस मुरलीधर की बेंच से गौतम नवलखा को राहत का आदेश देने के बाद विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस मुरलीधर पर पक्षपात का आरोप लगाया था। उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वंत: संज्ञान लेते हुए 2018 में विवेक अग्निहोत्री और आनंद रंगनाथन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी।