नई दिल्ली । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई हिरासत दो दिनों के लिए बढ़ा दी है। आज मनीष सिसोदिया की सीबीआई हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
सीबीआई ने सिसोदिया की तीन दिनों की हिरासत बढ़ाने की मांग की थी। कोर्ट के पूछे जाने पर सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया से रोजाना रात
आठ बजे तक पूछताछ हुई है। सिसोदिया की ओर से वकील दायन कृष्णन ने कहा कि सीबीआई की पहले दिन की हिरासत अर्जी और आज की हिरासत अर्जी में कोई अंतर नहीं है। तब कोर्ट ने कहा कि ये देखना होगा कि कितनी चीजों पर अभी पूछताछ बाकी है। तब कृष्णन ने कहा कि कबूलनामा कराने तक हिरासत का आधार नहीं हो सकता है। सीबीआई ने कहा कि नए तथ्य मिले हैं, जिनके बारे में पूछताछ करनी है।
इससे पहले कोर्ट ने आज सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया। राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 10 मार्च को करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 27 फरवरी को मनीष सिसोदिया को आज तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था।
सीबीआई ने करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। सीबीआई के मुताबिक दिल्ली के आबकारी मंत्री होने के नाते सिसोदिया ने मंत्री समूह का नेतृत्व किया था। थोक बिक्री के माडल पर कोई चर्चा नहीं हुई। सीबीआई ने कहा था कि ये पूरा मामला लाभ कमाने का है। थोक बिक्री में लाभ का मार्जिन 5 फीसदी से अचानक 12 फीसदी कर दिया गया। इसके लिए गोपनीय तरीके से साजिश रची गई।
27 फरवरी को कोर्ट ने मनीष सिसोदिया आज तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को सीबीआई गिरफ्तार किया था।
बेल एप्लीकेशन को लेकर सुनवाई की तारीख तय करने की बात की जा रही है. मनीष सिसोदिया के पक्ष से कहा गया है कि त्योहार उनके लिए भी है, बेल दे दीजिए, वह फिर 9 तारीख को वापस आने को तैयार हैं.
इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर आपको लगता है कि रिमांड का आदेश गलत है, तो उसे हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. बचाव पक्ष का कहना है कि मनीष सिसोदिया की पत्नी की तबीयत सही नहीं है। पिछले 20 साल से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बचाव पक्ष का कहना है कि सीबीआई को अब रिमांड नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि 5 दिन बहुत होते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने मेरे घर पर रेड की, दफ्तर में रेड की, मेरे पैतृक घर पर रेड की। इसके बावजूद कुछ नहीं मिला. ऐसे में बचाव पक्ष की तरफ से दलील रखी जा रही है। वहीं, कहा जा रहा है कि सहयोग नहीं करना बेल न देने का कोई आधार नहीं है और न ही रिमांड इस आधार पर दी जा सकती है। कुछ दस्तावेज जो जांच के लिए जरूरी हैं, वो मिसिंग है।
सीबीआई की तरफ से आया ये जवाब
सीबीआई ने कहा कि अभी तक कुछ अधिकारियों के साथ मनीष सिसोदिया का आमना सामना करवाया गया है। इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेटेशन डाली गई थी, इसलिए समय वहां लगा. अलग-अलग गवाहों से आमना-सामना करवाना है। सीबीआई ने 3 और दिन की रिमांड मांगी है
अदालत ने पूछा कि अब तक कितने घंटे पूछताछ की. इसके जवाब में सीबीआई ने कहा अभी भी सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे हैं. सीबीआई ने कहा कि अभी तक कुछ अधिकारियों के साथ मनीष सिसोदिया का आमना सामना करवाया गया है। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेटेशन डाली गई थी. इसलिए समय वहां लगा. जांच एजेंसी ने कहा कि अलग अलग गवाहों से आमना सामना करवाना है। जांच एजेंसी ने कहा कि कुछ दस्तावेज जो जांच के लिए जरूरी हैं, वो मिसिंग है।
उधर, बचाव पक्ष ने कहा कि सहयोग नहीं करना बेल न देने का कोई आधार नहीं है और न ही रिमांड इस आधार पर दी जा सकती है।
सिसोदिया से बीजेपी ने पूछा सवाल
इस मामले में एक ओर जहां आप का दावा है कि कहीं कोई करप्शन नहीं हुआ और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है तो वहीं बीजेपी ने आप से 5 सवाल पूछे हैं।
सिसोदिया से बीजेपी ने पूछा है कि आबकारी नीति में कार्टेलाइजेशन की अनुमति क्यों दी गई? बीजेपी ने पूछा है कि मैन्युफैक्चरर को रिटेल में क्यों उतारा और बिना कैबिनेट की मंजूरी के नीति क्यों लागू की गई? बीजेपी ने पूछा है अगर नीति अच्छी थी तो आखिर उसे वापस क्यों ले लिया? बीजेपी ने आप से पांचवा सवाल पूछा है कि 144 करोड़ की लाइसेंस फी क्यों माफ की गई?
उधर, केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जनवरी में उन्होंने सिसोदिया के कार्यालय से एक कंप्यूटर जब्त किया था. बाद में पता चला कि कंप्यूटर से फाइलें और अन्य डेटा डिलीट कर दिए गए हैं। सीबीआई ने तब हटाए गए फाइलों को पुन: प्राप्त करने के लिए कंप्यूटर को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेजा था। अब एफएसएल ने उन्हें रिपोर्ट देकर कंप्यूटर से डिलीट की गई पूरी फाइल को बरामद कर लिया है।
सीबीआई के मुताबिक दिल्ली के आबकारी मंत्री के नाते सिसोदिया ने मंत्री समूह का नेतृत्व किया था। थोक बिक्री के माडल पर कोई चर्चा नहीं हुई। सीबीआई ने कहा था कि ये पूरा मामला लाभ कमाने का है। थोक बिक्री में लाभ का मार्जिन 5 फीसदी से अचानक 12 फीसदी कर दिया गया। इसके लिए गोपनीय तरीके से साजिश रची गई।