मेक्सिको सिटी । मेक्सिको के दक्षिणी मैक्सिकन राज्य चियापास से मंगलवार को सशस्त्र समूह ने राज्य सुरक्षा मंत्रालय के 14 कर्मचारियों का हथियारों के दम पर अपहरण कर लिया। सुरक्षा बल अपह्रत कर्मचारियों की तलाश कर रहे हैं।
राज्य सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इन सभी पुरुष कर्मचारियों को राज्य की राजधानी टक्स्टला गुटिरेज से लगभग 22 मील (34.4 किलोमीटर) पश्चिम में एक राजमार्ग पर ले गया है। सुरक्षा बल तेजी के साथ इनको सकुशल छुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं।
DEFENCE MINISTRY
वन रैंक वन पेंशन: सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को कड़ी फटकार कहा-किश्तों में भुगतान वाली अधिसूचना वापस लें
नई दिल्ली । वन रैंक वन पेंशन का बकाया भुगतान नहीं करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कड़ी फटकार लगायी है । सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि केंद्र को पेंशन का बकाया भुगतान किश्तों में देने का नोटिफिकेशन वापस लेना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से मामले में 20 मार्च तक संक्षिप्त नोट मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ये बताने को निर्देश दिया कि अब तक वन रैंक वन पेंशन को लेकर क्या भुगतान किया गया है और भविष्य में कैसे भुगतान करेंगे। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत दुख भरा है कि चार लाख सैन्यकर्मियों की मृत्यु हो गई है। कोर्ट ने कहा कि रक्षा मंत्रालय कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास ना करे।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा। कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय में पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पेंशन किश्तों में देने का फैसला क्यों लिया गया। अगर आदेश का पालन नहीं किया गया, तो हम अवमानना नोटिस जारी कर देंगे। चीफ जस्टिस ने साफ कहा था कि अदालती प्रक्रिया की शुचिता बनी रहनी चाहिए। यह युद्ध नहीं, बल्कि कानून के शासन की बात है। आप अपना घर व्यवस्थित करें।
दरअसल, 20 जनवरी को रक्षा सचिव ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि वो वन रैंक वन पेंशन के तहत पेंशन को चार किश्तों में देंगे, जबकि 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा था कि 15 मार्च तक सभी को भुगतान किया जाए। इतना ही नहीं, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन के उसके पहले आदेश के मुताबिक सभी पेंशनर्स को एरियर का भुगतान किया जाए।सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा था कि केंद्र सरकार जल्द ही पेंशन का एरियर जारी करेगी। अटार्नी जनरल ने कहा था कि वे इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देख रहे हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार करीब 25 लाख पेंशनर्स के एरियर की गणना कर रही है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हुफेजा अहमदी ने कोर्ट को बताया था कि करीब चार लाख पेंशनर्स की इस इंतजार में मौत हो गई कि उनके पेंशन का एरियर मिलेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को सेना में वन रैंक वन पेंशन पर मुहर लगा दी थी। याचिका इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि संसद में वादा करने के बावजूद वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा नहीं किया गया।
नई दिल्ली । वन रैंक वन पेंशन नीति के तहत पेंशन भुगतान के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने रक्षा मंत्रालय में पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पेंशन किश्तों में देने का फैसला क्यों लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो हम अवमानना नोटिस जारी कर देंगे। चीफ जस्टिस ने साफ कहा कि अदालती प्रक्रिया की शुचिता बनी रहनी चाहिए। यह युद्ध नहीं बल्कि कानून के शासन की बात है। आप अपना घर व्यवस्थित करें।
दरअसल, 20 जनवरी को रक्षा सचिव ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि वो वन रैंक वन पेंशन के तहत पेंशन को चार किश्तों में देंगे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 9 जनवरी को केंद्र को कहा था कि 15 मार्च तक सभी को भुगतान किया जाए। साथ ही सभी पेंशनर्स को एरियर का भुगतान करने के भी निर्देश दिए थे।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा था कि केंद्र सरकार जल्द ही पेंशन का एरियर जारी करेगी। अटार्नी जनरल ने कहा था कि वे इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देख रहे हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार करीब 25 लाख पेंशनर्स के एरियर की गणना कर रही है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हुफेजा अहमदी ने कोर्ट को बताया था कि करीब चार लाख पेंशनर्स की इस इंतजार में मौत हो गई कि उनके पेंशन का एरियर मिलेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को सेना में वन रैंक वन पेंशन पर मुहर लगा दी थी। याचिका इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि संसद में वादा करने के बावजूद वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा नहीं किया गया।