नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सुप्रीम कोर्ट के फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने से संबंधित बयान की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि भारत में कई भाषाएं हैं। यह हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं। केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को मातृभाषा में पढ़ने का विकल्प देना शामिल है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एक समारोह में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने इसके लिए तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया। यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों विशेषकर युवाओं को मदद मिलेगी।
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नई दिल्ली । चीफ जस्टिस यूयू ललित ने सोमवार को अपने अंतिम कार्यदिवस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह में चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं बड़ी उपलब्धि और संतुष्टि की भावना के साथ यहां से जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने लगभग 37 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है, लेकिन मैंने कभी भी दो संविधान बेंच को एक साथ बैठे नहीं देखा, लेकिन चीफ जस्टिस बनने के बाद विशेष दिन पर तीन संविधान बेंच बैठी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी जजों को संविधान बेंच का हिस्सा बनने का मौका मिले। इस मौके पर आगामी मनोनीत चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वादा किया कि आगे निरंतरता की भावना होगी कि वह उन सुधारों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे जिन्हें उनके पहले के चीफ जस्टिस ने शुरू किया है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस के पिता और वकील से जज बने जस्टिस यूआर ललित का जिक्र करते हुए कहा कि सीनियर जज ललित को आज बहुत गर्व होना चाहिए। इस मौके पर पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जस्टिस ललित बार और बेंच दोनों में शानदार रहे, साथ ही अन्य वकीलों और सीनियर वकीलों में भी शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि करीब 54 संविधान बेंच के मामले जो दफन पड़े थे, उन्हें व्यवस्थित किया गया। उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ललित के कार्यकाल से पहले कभी भी दो से अधिक संविधान बेंचों को एक साथ काम करते नहीं देखा। आज चीफ जस्टिस के अंतिम कार्यदिवस के दिन उनकी अध्यक्षता में बैठी बेंच की सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से सीधा प्रसारण किया गया।
नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित ने खुद को अलग कर लिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि वह मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं।
22 जुलाई को येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
मामला 2006-07 का है जब येदियुरप्पा कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री थे। येदियुरप्पा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ उद्योगपतियों को जमीन देने के लिए उन्हें डिनोटिफाई किया था। इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने 21 दिसंबर, 2015 को एफआईआर दर्ज की थी। लोकायुक्त से वासुदेव रेड्डी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत शिकायत की थी।