लखनऊ । चुनावों में शानदार नतीजे यूं ही नहीं आ जाते। इसके लिए पूरी ताकत और योजनाबद्ध तरीके से दिन-रात लगना होता है। सालों से योगी आदित्यनाथ यही काम करते रहे हैं। तब भी जब उनको जीत सुनिश्चित जान पड़ती थी।
गोरखपुर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए हुए उन्होंने नगरीय निकाय के एक चुनाव में 74 जनसभाएं करके भाजपा के पक्ष में बाजी पलट दी थी। वह भी तब मेयर भाजपा का ही बनेगा, इसका उनको पूरा यकीन था। नगरीय निकाय चुनावों में भी बतौर मुख्यमंत्री वह यही कर रहे हैं। प्रदेश की कमान संभालने के बाद चुनाव दर चुनाव वह इसी शिद्दत से प्रचार में जान लड़ा देते हैं। फिर तो मौसम भी उनके अभियान के आड़े नहीं आता।
योगी ने पहले चरण में की थी करीब 28 सभाएं
नगर निकाय के पहले चरण के चुनावों में मुख्यमंत्री योगी ने 28 जनसभाएं व सम्मेलन किए थे। इस दौरान वह 37 जिलों में से करीब दो दर्जन जिलों में पहुंचे। जिन 10 शहरों में नगर निगम के चुनाव होने थे उन सबमें वह गये थे।
वोट डालने के बाद दूसरे चरण के प्रचार में जुटे
पहले चरण का मतदान चार मई (गुरुवार) को सम्पन्न हो चुका। अपने गृह जनपद गोरखपुर में मतदान के तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी दूसरे चरण के प्रचार के लिए जनपद सिद्धार्थनगर, बस्ती, सुल्तानपुर और अयोध्या के तूफानी दौरे पर निकल गए। अयोध्या के लिए तो यह उनका दूसरा दौरा था।
अगले दिन शुक्रवार (05मई) को उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, मेरठ और गाजियाबाद का तूफानी दौरा किया। शनिवार को तय कार्यक्रम के अनुसार वह बतौर स्टार प्रचारक कर्नाटक विधानसभा के लिए चुनावी दौरे पर हैं।
नौ मई तक के प्रस्तावित दौरों की रूपरेखा तैयार
आगे उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों के लिए उनके दौरों का कार्यक्रम पहले से ही प्रस्तावित है। इस क्रम में आठ मई सोमवार को बाराबंकी, मीरजापुर और अयोध्या एवं 09 मई मंगलवार को कानपुर, बांदा एवं चित्रकूट में उनकी चुनावी सभाएं प्रस्तावित हैं।
माना जा रहा है कि दूसरे चरण का प्रचार खत्म होने के बाद जब उनके इस चुनाव के बाबत दौरों की गिनती होगी तो यह खुद में एक रिकॉर्ड होगा। हर चुनावी सभा में भाजपा शासनकाल में हुए स्थानीय स्तर पर विकास कार्य, इन विकास कार्यों को तेज गति देने के लिए लोगों से ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का अनुरोध होता है। हर चुनाव की तरह सुशासन एवं विकास के लिए अपराध एवं भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति का असरदार तरीके से जिक्र जरूर रहता है।
विपक्ष कहीं मुकाबले में नहीं
रही बात प्रमुख विपक्षी दलों की तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इन चुनावों में कहीं है ही नहीं। बसपा ने समन्वय की सारी जिम्मेदारी मंडलीय समन्वयकों के सिर डाल दी है। पार्टी की मुखिया को अब भी उम्मीद है कि दलित वोट तो उनके हैं ही। मुस्लिम मिल जाएं तो उनकी पार्टी कुछ गुल खिला सकती है। इसी उम्मीद में उन्होंने 17 नगर निगमों में 11 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। रही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की बात तो लखनऊ में उनका प्रचार मेट्रो तक सीमित रहा। गोरखपुर एवं सहारनपुर वह जरूर गये, पर रस्मअदायगी के तौर पर क्योंकि वह पहले चरण के चुनावों के बिल्कुल अंत में निकले।
chief minister yogi
शामली । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन को उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अपना मिशन बनाया है। इस मिशन को आपको साकार करना है। उन्होंने नारा देते हुए कहा कि ’उपद्रव नहीं उत्सव प्रदेश है हमारा, अब माफिया नहीं महोत्सव का प्रदेश है हमारा।’ ’नो कर्फ्यू नो दंगा, उत्तर प्रदेश में सब चंगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुंडा टैक्स वसूलने वालों की गर्मी शांत कर दी है।
शामली के वीवी इंटर कॉलेज में सोमवार को आयोजित नगर निकाय उम्मीदवारों के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने शामली के अतीत और वर्तमान को याद करते हुए कहा कि शामली को गंगा और यमुना का आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है। विदेशी हुकूमत को भी हिलाने का काम किया और स्वतंत्र भारत में देश की सुरक्षा यहां के युवा कर रहे हैं। यहां के किसानों की समृद्ध परंपरा रही है। यहां के व्यापारियों ने विपरीत परिस्थितियों में देश-प्रदेश की समृद्धि के लिए कार्य किया।
उन्होंने कहा कि छह साल पहले शामली जनपद में कैराना, कांधला में पलायन, गुंडा राज, दंगों का दंश, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, युवाओं की बेरोजगारी, व्यापार पर गुंडा टैक्स की वसूली, बिजली देने में भेदभाव, बेटियां स्कूल नहीं जा पाती थी। प्रदेश में 75 जनपद थे, लेकिन बिजली केवल चार जनपदों में मिलती थी। छह वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। तब से छह वर्ष के अंदर तस्वीर बदल दी गई है। आज शामली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश इसका जीता-जागता उदाहरण है। आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कर्फ्यू नहीं लगता। अब कांवड़ यात्रा निकलती है। आज कर्फ्यू, दंगा नहीं, गुंडा टैक्स नहीं है।
गुंडा टैक्स वसूलने वालों की गर्मी हो गई शांत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने विधानसभा चुनाव में कहा था कि मार्च 2022 आने दीजिए, कमल ही कमल नजर आएगा। जो गर्मी दिखा रहे थे, उस समय। सबकी गर्मी शांत हो गई। गुंडा टैक्स वसूलने वाले कहां चले गए, कुछ पता ही नहीं। दो बूंद आंसू बहाने वाला भी नहीं बचा। कैराना और कांधला में व्यापारियों को देखकर प्रसन्नता होती है। पूरे शामली जनपद में रौनक दिखाई दे रही है। यहां की बेटियों को गांव के स्कूल में पढ़ते देखता हूं तो मुझे लगता है कि हमारा सत्ता में आना सार्थक हो गया। पहले जब किसान अपने खेत से आता था तो उसका इंजन चोरी हो जाता था। अब ऐसा नहीं हो रहा है। सभी को अपनी बेटी सुरक्षित चाहिए। सुरक्षा की गारंटी के लिए डबल इंजन की सरकार चाहिए। किसानों को फ्री बिजली दी जा रही है।
जाति की राजनीति करने वाले गायब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाति के नाम पर राजनीति करने वाले कहां चले गए। पहले गरीबों को शौचालय, पीएम आवास योजना, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिलता था। ऐसी जिंदगी का कोई मतलब नहीं था। लोग जातिवाद के आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद के नाम पर भाजपा को वोट दे रहे हैं। जातिवादी नेता पहले तोड़ते थे और फिर सत्ता में आकर लूटते थे। गरीबों का पैसा खा जाते थे। कोरोना काल से 15 करोड़ लोगों को डबल इंजन सरकार बिना भेदभाव राशन बांट रही है। प्रदेश में 54 लाख गरीबों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया है। दो करोड़ लोगों के घरों में शौचालय बनाए है। दस करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत का लाभ मिला। विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े काम चल रहे हैं।
सुरेश राणा का नाम लेकर बढ़ाया महत्व
थाना भवन विधानसभा से चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्री सुरेश राणा का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरेश राणा अगर दोबारा विधायक बने होते तो यहां मेडिकल कॉलेज बन गया होता। वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की दिशा में प्रदेश आगे बढ़ रहा है। यह क्षेत्र पहले दंगों के लिए जाना जाता था यह क्षेत्र। सपा-बसपा के नेता किसी से पूछने नहीं आते थे। उन्हें वोट चाहिए था केवल। किसी की चिंता नहीं थी, उन्हें केवल वोट की चिंता थी। स्वच्छ भारत मिशन, अमृत मिशन, दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन आदि सभी योजनाओं का लाभ शामली जनपद को मिल रहा है।
डबल इंजन सरकार में विकास की भरमार
उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले दंगों की आग और कर्फ्यू का कफर, ना बेटी सुरक्षित ना माताओं का सम्मान। तुष्टीकरण की राजनीति व पलायन का दर्द यही शामली की पहचान बन गया था। छह वर्ष में डबल इंजन सरकार में व्यापारी सुरक्षित, बेटियां कुशल, व्यापार के लिए स्वनिधि, हर घर नल की योजना का लाभ, शांति, सुरक्षा और सौहार्द, समृद्धि चहुं ओर आज शामली की पहचान बन चुकी है। उन्होंने पूछा कि हम युवाओं के लिए कैसी सुविधा चाहते हैं। युवाओं के हाथ में तमंचे होने चाहिए या टेबलेट होने चाहिए। गोलियां की आवाज वाली गलियां चाहिए या भजन भजने वाली गलियां चाहिए। रंगदारी वसूलने वाले गुंडे चाहिए या सरकार की योजना को व्यापारी तक पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि चाहिए। शोहदों का आतंक चाहिए या फिल्म सिटी चाहिए। सडांध मारती गलियां चाहिए या स्मार्ट सिटी जैसे स्वच्छ और सुंदर नगर चाहिए। यह आपको तय करना है। छह वर्ष पहले जो कहा था, वह करके दिखाया है। युवाओं के हाथ में टेबलेट होने चाहिए। मंदिरों, गांवों और शहरों में भजन संध्या होने चाहिए। आज व्यापारियों से कोई रंगदारी वसूल नहीं कर सकता। व्यापारियों को स्वनिधि योजना का लाभ दे रहे हैं।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया, प्रदेश महामंत्री व प्रभारी सुभाष यदुवंश, सांसद प्रदीप चौधरी, जिलाध्यक्ष सत्येंद्र तोमर, जिला प्रभारी संजय शर्मा, एमएलसी वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व विधायक तेजेंद्र निर्वाल, पंकज राणा, रमेश गौड़ कश्यप, अरविंद संगल, नरेश सैनी, सेठपाल सिंह, सुमन देवी, बबली कुमारी, बबली कश्यप, नरेश सैनी, अंजनी शर्मा, सुरेश पाल कश्यप, सत्येंद्र चिकारा आदि उपस्थित रहे।
कोलकाता। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों पर कोलकाता ने भी मुहर लगा दी। उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए योगी सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई और उस पर कार्य कर रही है। इसके तहत टीम योगी ने मंगलवार को कोलकाता में रोड शो इवेंट कर निवेशकों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में आने का न्योता दिया।
कोलकाता के द ओबराय ग्रैंड होटल में आयोजित कार्यक्रम में दिग्गज उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान उद्योगपतियों ने 7000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव के लिए 14 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम के दौरान उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो संदेश भी देखा। रोड शो इवेंट के दौरान को उत्तर प्रदेश के यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, श्रम व सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, आईटी राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल, अपर मुख्य सचिव (कृषि) मनोज सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी, एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव आदि मौजूद रहे।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने योगी सरकार की निवेश फ्रेंडली नीतियों के बारे में बताते हुए उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यूपी की नीति और माहौल सबसे बढ़िया है, इसलिए हम आप सभी को बड़े बाजार में आमंत्रित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को दिया न्योता
रोड शो इवेंट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। योगी आदित्यनाथ ने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत निवेशकों की पसंदीदा जगह बन गई है। पीएम के नेतृत्व में राजनैतिक स्थायित्व और गुड गवर्नेंस के नए दौर का सृजन हुआ है। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यूपी गुड गवर्नेंस, अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस, सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार, सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र, निवेश फ्रेंडली नीतियों के साथ ईज आफ डूइंग में अग्रणी राज्य है।
यूपी हर लिहाज से निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। वैश्विक कोरोना महामारी के बावजूद यूपी में रिकार्ड 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजनाएं आरंभ हुई हैं। यह यूपी के प्रति निवेशकों का विश्वास दर्शाता है। पीएम के संकल्प के अनुरूप यूपी भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ को गति देने के लिए तैयार है।
कोलकाता में यहां से साइन हुआ एमओयू
कोलकाता से कई उद्योगपतियों ने एमओयू साइन किया। कोलकाता में कुल 7000 करोड़ रुपये के एमओयू साइन किये। टाटा स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड की तरफ से 250 करोड़ एमओयू हुआ। हल्दीराम भुजिया वाला ने 500 करोड़, अनमोल फीड्स की तरफ से मछली पालन के लिए 50 करोड़, ग्रीनटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 2000 करोड़, एलेनबेरी (मेडिकल गैस) के लिए 200 करोड़, श्याम मेटालिक्स ने 630 करोड़, ईस्टर्न इक्यूपमेंट ईएनटी ने 25 करोड़, टेक्सटाइल में लक्स इंडस्ट्री लिमिटेड ने 50 करोड़, कैप्टन स्टील ने 1650 करोड़, चार नौक हॉस्पिटल (एसकेएम ग्रुप) 200 करोड़, एसआरएमबी ने स्टील मैनुफैक्चरिंग में 250 करोड़, इनफिनिटी इंफोटेक पार्क ने 400 करोड़, फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए बाला जी वेफर्स ने 500 करोड़, मेघदूतम ट्रेवल्स ने 150 करोड़ रुपये का एमओयू किया।
14 हजार से अधिक रोजगार की संभावनाओं पर जोर
कोलकाता से आने वाले उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए 14 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार के कदमों की सराहना की। टाटा स्टील डाउन स्ट्रीम प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने 300 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की सहमति दी। हल्दीराम भुजिया वाला ने 1500 युवाओं, अनमोल फीड्स की तरफ से मछली पालन के लिए 200 रोजगार, ग्रीनटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 5000 युवाओं, एलेनबेरी (मेडिकल गैस) के लिए 200 रोजगार, श्याम मेटालिक्स ने 720 रोजगार, ईस्टर्न इक्यूपमेंट ईएनटी ने 50 रोजगार, टेक्सटाइल में लक्स इंडस्ट्री लिमिटेड ने 500 रोजगार, कैप्टन स्टील ने 1800 रोजगार, चार नौक हॉस्पिटल (एसकेएम ग्रुप) 1700 लोगों को रोजगार, एसआरएमबी ने स्टील मैनुफैक्चरिंग में 750 युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को कहा। इनफिनिटी इंफोटेक पार्क ने 500, फ़ूड प्रोसेसिंग के लिए बाला जी वेफर्स ने 1500 और मेघदूतम ट्रेवल्स ने 5000 युवाओं को रोजगार के लिए उत्तर प्रदेश आने का आश्वासन दिया।
निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है प्रदेश सरकार
- आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देगी सरकार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आए फैसले को प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है। हाई कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए बनाये गए आरक्षण प्रस्ताव को ख़ारिज किया जाना राज्य सरकार को रास नहीं आया है। इस विषय पर ए हाईकोर्ट के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध करायेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित करेगी। ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की सुविधा दी जाएगी। इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी।
उल्लेखनीय है कि लखऊ हाईकोर्ट ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए ही चुनाव सम्पन्न कराने को कहा है। साथ ही समय से चुनाव सम्पन्न कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि पिछड़ाें को आरक्षण दिए बगैर चुनाव नहीं कराए जाएंगे। इसके लिए जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।