नई दिल्ली । नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर अरविंद केजरीवाल के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पलटवार करते हुए इसे वोट बैंक की राजनीति बताया है। भाजपा ने कहा कि सीएए किसी भी भारतीय को उनकी नागरिकता से वंचित नहीं करता। विपक्षी पार्टी इस बारे में लोगों के बीच झूठ फैला रहे हैं। सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
बुधवार को भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा, “केजरीवाल ने आज एक अजीब बयान दिया है कि सीएए लागू होने के बाद दूसरे देशों के लोगों को नौकरियां मिलेंगी। यह किस तरह का तर्क है? पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से लोग भारत आए हैं, क्योंकि इन देशों में उन्हें धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया था। वे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी थे। हम यह स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि किसी की नौकरी या नागरिकता नहीं छीनी जाएगी। वोट बैंक की राजनीति के लिए केजरीवाल किस हद तक जाएंगे?
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बार-बार स्पष्ट किया है कि इस कानून से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जा रही है। यह कानून किसी भी भारतीय को उनकी नागरिकता से वंचित नहीं करता है। सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देता है, जिन्हें उनकी आस्था के आधार पर सताया गया है। उन्होंने कहा कि सीएए के नाम पर विपक्षी पार्टी झूठ बोल रही है। उन्होंने दक्षिणी भारत के राजनीतिक दलों से अपील की कि वे नफरत फैलाना बंद करें।
सीएए पर ममता बनर्जी के विरोध पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी की राजनीतिक जमीन खिसक रही है। इसलिए वे सीएए को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैला रही हैं और इसे सांप्रदायिक रंग देने के लिए मजबूर हो रही हैं। भाजपा इसकी कड़ी निंदा करती है। ममता वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सीएए के माध्यम से केंद्र की भाजपा सरकार तीन देशों – बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है, तो उन्हें दी जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को हमारे देश में लाया जाएगा। उन्हें नौकरियां दी जाएंगी और उनके लिए घर बनाए जाएंगे। भाजपा हमारे बच्चों को नौकरी नहीं दे सकती लेकिन पाकिस्तान के बच्चों को नौकरी देना चाहती है।
CAA REACTION
वाशिंगटन। भारत में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। सोमवार को इस कानून का नोटिफिकेशन सोमवार को जारी हुआ। इसके साथ ही भारत में बाहर से आए गैर मुस्लिम लोगों के लिए नागरिकता का रास्ता साफ हो गया है। इस कानून के लागू होने पर दुनियाभर के हिंदू संगठनों में खुशियां मनाई जा रही है। अमेरिका में भी हिंदू संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून सीएए लागू होने पर खुशी जताई है। संगठन के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने इस संबंध में कहा कि भारत में सीएए का काफी लंबे समय से इंतजार था। इसे लागू करने की आवश्यकता भी थी। अब यह इंतजार खत्म हो गया है। इस कानून से शरणार्थियों को सुरक्षा मिलेगी।’
इससे पहले सोमवार को सीएए कानून का नोटिफिकेशन जारी हुआ। इसके साथ ही भारत में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए के नियम लागू हो गए हैं। इस पर हिंदू अमेरिकी समूहों ने कहा कि सीएए का लंबे समय से इंतजार था और यह अमेरिका में शरणार्थियों के लिए किए गए लॉटेनबर्ग संशोधन को ही दर्शाता है।
‘पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों की बड़ी जीत’
अमेरिकी हिंदू संगठन यानी एचएएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कभी कभी सीएए को लेकर गलत जानकारी दी जाती हैं। सीएए किसी भी भारतीय नागरिक के अधिकारों में बदलाव नहीं करता है और न ही यह सामान्य आव्रजन के लिए जांच स्थापित करता है। साथ ही मुसलमानों को भी भारत में आने से नहीं रोकता है। कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका की पुष्पिता प्रसाद ने कहा कि यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उत्पीड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि सीएए का भारत में रहने वाले लोगों पर कोई असर नहीं होगा।
क्या है सीएए?
सीएए का नोटिफिकेशन जारी होने से अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना अब शुरू कर देगी।
नियमों के तहत किसे मिलेगी नागरिकता?
सीएए के नए कानूनों के तहत मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों – को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। गौरतलब है कि सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी और आज इसका नोटिफिकेशन जारी करके इसे देशभर में लागू कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने तैयार किया पोर्टल
गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।
कोलकाता । केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसे लेकर बंगाल के उत्तर 24 परगना और नदिया जिले के मतुआ बहुल क्षेत्र में जश्न का माहौल है। कई लोगों ने पटाखे फोड़कर खुशी मनाई और एक दूसरे को मिठाईयां खिलाई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही विरोध जताया है और साफ कर चुकी हैं कि इससे अगर किसी समुदाय को कोई दिक्कत हुई तो विरोध करेंगी। राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन कर उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम का नियमों को पहले हम लोग पढ़ेंगे और देखेंगे कि अगर इससे किसी को दिक्कत होती है तो निश्चित तौर पर इसके खिलाफ प्रदर्शन होगा।
उल्लेखनीय है कि बनगांव लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद शांतनु ठाकुर ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए की अधिसूचना जारी होगी। इसके अलावा पश्चिम बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इसकी घोषणा की थी।