लखनऊ । देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने के बाद शुक्रवार को पहला जुमे की नमाज आज होनी है। इसको लेकर जिला व पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड में हैं। सीएए को लेकर प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए खुराफातियों और लोगों भड़काने जैसे संभावना को लेकर भी प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में लखनऊ पुलिस ने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा को नजरबंद कर लिया है।
सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा सीएए को लेकर पहले भी प्रदर्शन और विरोध कर चुकी है। उन्होंने सीएए लागू होने के बाद कहा था कि वह और विरोध करेंगी। उनके इस तेवर को देखते हुए प्रशासन व पुलिस फोर्स उनके आवास पहुंची और उन्हें नजरबंद कर लिया है। वहीं उप्र में जिला और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं और ड्रोन से भी नजर रखने की व्यवस्था की गई हैं। संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है। बता दें कि सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुमैया राणा मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं।
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में फंसने के बाद वे अपना आपा खो बैठे हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने केजरीवाल के सीएए पर की गई टिप्पणियों पर पलटवार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएए 2014 के पहले आ चुके शरणार्थियों के लिए बनाया गया है। गृहमंत्री की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आज आप 2014 से पहले की बात कर रहे हैं, कल 2019 से पहले वालों की बात करेंगे, फिर 2024 तक की बात करेंगे।
गृह मंत्री ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के प्रति सहानुभूति रखते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपना भ्रष्टाचार उजागर होने से आपा खो बैठे हैं। उन्हें इतनी चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते या रोहिंग्या का विरोध क्यों नहीं करते? दिल्ली का चुनाव उनके लिए लोहे के चने चबाने जैसा है, इसलिए वो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीएए के तहत नागरिकता पाने वाले शरणार्थी पहले से ही भारत में रह रहे हैं। एनआरसी का सीएए से कोई संबंध नहीं है। सीएए को पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाएगा। देश में केवल दो क्षेत्र जो सीएए के दायरे में नहीं होंगे, वे हैं आईएलपी (इनर लाइन परमिट) क्षेत्र और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत आने वाले क्षेत्र।
गृह मंत्री की टिप्पणी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर बयान जारी कर अपनी वही बात दोहरायी है। उन्होंने कहा कि सीएए आने से आजादी से ज्यादा बड़ा माइग्रेशन होगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में 2.5 से 3 करोड़ अल्पसंख्यक हैं। वहाँ बहुत गरीबी है, उनके पास रोजगार नहीं है। इनमें से आधे भी भारत में आ गए तो कहाँ बसाएँगे उनको?
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री कह रहे हैं कि 2014 से पहले आने वालों को बसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक घुसपैठ चल रही है। पहले उनमें डर था अब घुसपैठियों को कानूनी कर रहे हैं। आज आप 2014 से पहले की बात कर रहे हैं, कल 2019 से पहले वालों की बात करेंगे, फिर 2024 तक की बात करेंगे। घुसपैठिए तो आ ही रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि रोहिंग्या मोदी सरकार के दौरान आए हैं।
कोलकाता। केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) नियमों को लागू कर दिया गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पर लगातार हमलावर है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि यहां रह रहे लोगों की नागरिकता छीन कर डिटेंशन कैंप में रखने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जान दे दूंगी लेकिन बंगाल में कोई कैंप नहीं बनने दूंगी।
तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि मैंने इस जैसी बेकार पार्टी कभी नहीं देखी। वह महिलाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि असली हिंदू का मतलब यह नहीं होता कि बाहरी लोगों को हिंदू बनाया जाए। उन्होंने सीएए लागू होने को लेकर यह भी कहा कि मुझे संदेह है कि इनकी ओर से लाया कानून वैध भी या नहीं। इसे लेकर केंद्र सरकार की स्पष्टता नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2019 में असम में एनआरसी के नाम पर 19 लाख में से 13 लाख बंगाली हिंदूओं को नागरिकता सूची से बाहर कर दिया गया था। उसी तरह से बंगाल में भी करने की योजना बना रहे हैं लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।
लखनऊ। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को देशभर में लागू कर दिया गया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने पूरे यूपी में अलर्ट घोषित किया है।
डीजीपी ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कहा है कि सीएए को लेकर लगातार यह संभावनाएं जतायी जा रही थी कि जल्द ही सरकार इसे लागू कर देगी। इसको लेकर हम पहले से तैयारी की थी और पुलिस अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि मैं यह पुन: स्पष्ट करना चाहूंगा कि सीएए एक ऐसा रूल है कि जिसके साथ किसी की नागरिकता जानी नहीं है। बल्कि ऐसे लोग हैं जो पड़ोसी देशों से धार्मिक कारणों से परेशान होकर भारत आये हैं उन्हें नगारिकता दी जाएगी। उनकी संख्या भी कम है और इसका व्यापक असर भी दिख रहा है। सभी धार्मिक नेताओं ने सकरात्मक बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि जहां कानून व्यवस्था की बात है तो इसके लिए व्यापक इंतजाम किया गया है। 179 कंपनी पीएसी, 100 सीएपीएफ भी मिली है चुनाव दृष्टिगत हम उसका भी उपयोग कर रह हैं। इसके अलावा जितने भी तकनीकी संसाधन है, सीसीटीवी कैमरे, टूल कैमरा आदि अन्य तैयारियां जो संवेदनशील प्रकरणों को लेकर की जाती है, वो सब की हैं। अभी तक कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हमारे सभी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के लोग सभी धार्मिक गुरु, समितियों के साथ बैठक कर सुलझा लेंगे।
उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर जहां पहले दिक्कतें हुई थीं, वहां पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। कहीं से भी कोई भी व्यक्ति गड़बड़ करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्यालय से सभी बिन्दुओं पर नजर रखी जा रही है।
मुंबई। देश में सोमवार को सीएए लागू होने के बाद पुलिस ने नवी मुंबई से 8 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन सभी की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है। नवी मुंबई के बेलापुर इलाके के शाहबाज गांव में एक फ्लैट में मारे गए छापे में गिरफ्तार सभी 8 बांग्लादेशी बगैर वैध दस्तावेज के पिछले चार साल से यहां रह रहे थे। मामले की छानबीन जारी है।
एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए नवी मुंबई पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई ने सोमवार सुबह बेलापुर इलाके के शाहबाज गांव में एक फ्लैट पर छापेमारी की। पुलिस ने शाहबाज के एक आवासीय परिसर में छापा मार कर आठ बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें पांच महिलाएं और तीन पुरुष हैं, जिनकी उम्र 20 से 40 साल के बीच है। ये बंग्लादेशी नागरिक पिछले चार साल से बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से वहां रह रहे थे। इन सभी के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच की जा रही है।
संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा
बता दें कि सीएए को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद यह कानून लागू नहीं हो सका था। अब सीएए कानून लागू होने के साथ संवेदनशील इलाकों में पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
नई दिल्ली। दिल्ली दंगों में मनी लांड्रिंग के आरोपित ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज मामले में सरकारी गवाह अमित गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने अमित गुप्ता के बयान का क्रास-एग्जामिनेशन 2 फरवरी को कराने का आदेश दिया।
इसके पहले 11 दिसंबर, 2023 को कोर्ट ने ताहिर हुसैन को फरीदाबाद में एक प्लाट खरीदने के लिए अपनी पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटार्नी पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी थी। पहले की सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की अर्जी का जवाब नहीं देने और किसी के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने ईडी को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पेशल डायरेक्टर को तलब किया था। उसके बाद 8 दिसंबर, 2023 को ईडी के स्पेशल डायरेक्टर की ओर से कहा गया कि आगे मामले की पैरवी करने में ईडी की ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कोर्ट ने 11 जनवरी, 2023 को ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने ताहिर हुसैन को आरोपों के बारे में बताया, जिसके बाद ताहिर हुसैन ने आरोपों का सामना ट्रायल के जरिये करने की बात की।
कोर्ट ने 19 फरवरी, 2022 को इस मामले के सह आरोपित अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी। 5 मार्च, 2022 को कोर्ट ने इस मामले में ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 29 सितंबर, 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था। अमित गुप्ता की ओर से वकील ने कहा था कि अमित गुप्ता ने इस मामले के मुख्य आरोपित ताहिर हुसैन की मनी लांड्रिंग मामले में मदद की है, लेकिन इसका न तो उसे कोई लाभ नहीं हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है। उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपितों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने 16 अक्टूबर, 2020 को चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपित किया था। चार्जशीट में ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई। ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लांड्रिंग की। दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया।
लखनऊ। मुजफ्फरनगर जिले से चार जुलाई को गिरफ्तार किए गए प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के सदस्य मुनीर से पूछताछ के लिए एटीएस को 10 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मिली है।रिमांड का समय गुरुवार से शुरू होगा।
एटीएस से मिली जानकारी के मुताबबिक, मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार मुनीर आलम पीएफआई उत्तर प्रदेश का एडहॉक कमेटी का सदस्य है। उसे पश्चिमी उप्र में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली थी। पीएफआई से जो उसे रकम मिलती थी तो वह संगठन को मजबूत करने के लिए प्रचार-प्रसार में लगाता था। सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान वह जेल गया था। भारत में पीएफआई के बैन होने के बाद वह छिपकर संगठन का प्रचार प्रसार कर रह था। मेरठ में दर्ज एक मामले में भी वह वांटेड चल रहा था।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मेरठ के थाना खरखौदा में देश विरोधी गतिविधियों में एक मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी विवेचना एटीएस कर रही थी। इसी मामले में एटीएस ने अभियुक्त मौलाना शादाब अजीज कासमी, मौलाना साजिद, मौलाना इस्लाम कासमी एवं मुफ्ती शहजाद को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में मुजफ्फरनगर के गांव दधेड़ कला के रहने वाला मुनीर आलम का नाम सामने आया था। इसके बाद से एटीएस उसकी तलाश में थी। अब रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की जाएगी।
कोलकाता। नागरिकता अधिनियम (सीएए) जल्द ही गुजरात की तरह पश्चिम बंगाल में भी लागू किया जाएगा। राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए ऐसा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून लागू होता है तो मतुआ और नमशूद्र समुदाय को पुराने दस्तावेजों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
शुभेंदु ने कहा कि यह सीएए का हिस्सा है। सीएए का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा है। यह पश्चिम बंगाल में भी होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। उनके शब्दों में सीएए संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। इसके बाद कानून बनता है। हम इंतजार कर रहे थे। इसी कानून में पश्चिम बंगाल के मतुआ और नमशूद्र समाज के प्रतिनिधियों को भी नागरिकता मिल जाएगी। अब उन्हें 1971 से पहले के दस्तावेज लाने की जरूरत नहीं होगी।
विपक्ष का पलटवार
शुभेंदु के इस बयान पर माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि भाजपा वोट के लिए लोगों को धोखा दे रही है। उनके पश्चिम बंगाल के नेता कुछ कह रहे हैं। असम के नेता कुछ और कहते हैं। इस तरह से नागरिकता देने का 1955 का कानून संविधान के खिलाफ है। किसने तय किया कि जो इतने लंबे समय से मतदान कर रहे हैं वे नागरिक नहीं हैं?
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को राज्य के दो जिलों में सीएए लागू करने की घोषणा की। 1955 के नागरिकता अधिनियम के अनुसार, आनंद और मेहसाणा जिलों में तीन पड़ोसी देशों के हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनियों को नागरिकता दी जाएगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलने वाली है।