लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने देश और प्रदेश में रहने वाले लोगों को आंग्ल नववर्ष की हार्दिक बधाई दी है। यह साल आप सब के लिए आत्म-सम्मान के साथ सुख, शान्ति, सुरक्षा व सफलता लेकर आए इसकी शुभकामनाएं,ताकि आर्थिक असमानता व अन्य गैर-बराबरी आदि से मुक्त लोगों का जीवन ख़ुश-ख़ुशहाल बने।
बसपा प्रमुख ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा कि इस नववर्ष से सरकार केवल ‘रोज़गार की गारण्टी’ सुनिश्चित कर सच्ची देशभक्ति व राजधर्म का निर्वहन करे,क्योंकि बाकी सरकारी गारण्टियां संकीर्ण राष्ट्रवाद के छलावा की राजनीति ज्यादा साबित हुई है। जिस कारण लगभग 100 करोड़ लोगों का जीवन लगातार गरीब,पिछड़ा,मजलूम व मोहताज बना हुआ है।
मायावती ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य की सरकारें हो या फिर कांग्रेस सहित विपक्ष के ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन की राज्य सरकारें दोनों जबरदस्त महंगाई,बेरोजगारी और पिछड़ेपन जैसे देश की बुनियादी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है। बल्कि उस पर से लोगों का ध्यान बांटने आदि के लिए अलग-अलग प्रकार की गारंटी वितरण में ही लगी है,जो कि देश की जटिल व ज्वलंत समस्याओं से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। इस प्रकर वे सारी गारंटी स्कीमें समाधान कम छलावा ज्यादा लग रही है।
उनका मानना है कि अगर ये सरकारें राष्ट्रीय चिंता के तहत सरकार की शक्ति,ऊर्जा एवं संसाधन रोजी-रोटी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित करे तो यह बेहतर होगा। आजकल जब विकसित देशों की भी पहली चिंता अपने यहां किसी न किसी प्रकार से रोजगार के अवसर बनाये रखने पर ही ज्यादा लगी हुई तो भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश की सरकार के लिए इधर-उधर के बाजये यह चिंता कयों नहीं जरूरी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पहले कांग्रेस और अब भाजपा की लम्बी चली जातिवादी, अहंकारी व गैर-समावेशी सरकार के दुष्प्रभाव से गरीबों का उचित विकास लगातार बाधित है। इसलिए अब इस चुनावी साल से जनहित एवं जनकल्याण को पूर्णत:समर्पित बहुजन हित को विवश सर्वजन हितैषी सरकार जरूरी है।