मुजफ्फरपुर । लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक हलचल भी अपने चरम पर पहुंच गया है। कई नेताओं का पहला बदलने का दौर जारी है तो कहीं टिकट काटने और लेने की होड़ है।
हाल ही में लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा और महागठबंधन के द्वारा कई सीटों पर वर्तमान सांसद को हटाया गया जिसमें बिहार के मुजफ्फरपुर की सीट भी शामिल है वर्तमान में मुजफ्फरपुर से बीजेपी के सांसद रहे अजय निषाद का टिकट कटने के बाद नाराजगी शुरू हो गई थी अजय निषाद समर्थित भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह-तरह से सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक एनडीए के खिलाफ आक्रोश था बीजेपी के कई नेताओं का पुतला दहन भी किया गया था और यह आरोप लगाया गया था कि मुजफ्फरपुर सीट को अजय निषाद से छीन कर बेच दिया गया है।
तमाम अटकलें पर विराम देते हुए अजय निषाद ने मंगलवार को भाजपा के प्राथमिक के सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की प्रेस वार्ता में बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश सिंह और बिहार के कांग्रेस प्रभारी के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थाम लिए। इस दौरान कांग्रेस के कई बड़े चेहरे मौजूद रहे। अब कयासो का यह दौर शुरू हो गया है कि अजय निषाद बीजेपी के खिलाफ मुजफ्फरपुर से महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार कांग्रेस से बनेंगे।
BJP MP
अमेठी। आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व अमेठी जिले के एक गांव में चुनाव के पूर्णतया बहिष्कार का बोर्ड लगा है। ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह बोर्ड लगाकर इसको स्वयं सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है।
यह बोर्ड अमेठी जनपद की सदर तहसील गौरीगंज के जामों ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा सरमें मजरे पूरे अल्पी तिवारी गांव में लगा हुआ है। इसके माध्यम से ग्रामीणों ने अपनी तकलीफ को व्यक्त किया है। ग्रामीण ओमप्रकाश ओझा बताते हैं कि हमारे गांव को जोड़ने वाले सात चकरोड हैं लेकिन आज तक किसी पर भी खड़ंजा या इंटरलॉकिंग नहीं लग पाया है। इस गांव को हमेशा उपेक्षित रखा जाता है। गांव में जाने आने का रास्ता न होने के कारण मुझे अपनी बेटी की शादी जामों से करनी पड़ी थी।
रोड और जल निकासी की व्यवस्था तक नहीं : ग्रामीण रमाशंकर बताते हैं कि बरसात में बाइक भी नहीं जा पाती है। गांव में नाली नहीं बनी है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी की कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं है। यहां तक की जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने की योजना भी हमारे गांव तक नहीं पहुंची। हमारे गांव में जल जीवन मिशन की पाइप भी नहीं डाली गई है।
दूल्हा-दुल्हन को कंधे पर उठाकर तय करते हैं आधा किमी की दूरी : ग्रामीण राम अभिलाष बताते हैं कि मेरे गांव से जब कोई लड़की विदा होती है तो उसे ऐन-केन प्रकारेण गांव से 500 मीटर की दूरी तक ले जाया जाता है, तब वह गाड़ी से अपने ससुराल जाती हैं। इसी प्रकार बारात आने पर दूल्हे को भी गांव तक कंधे पर बैठाकर लाना पड़ता है। हम लोगों की अपनी गाड़ियां दूसरे गांव में खड़ी होती हैं। आजादी के बाद से अब तक इस गांव का कोई भी विकास नहीं हुआ है। जिसके कारण हम लोग लगातार शिकायत करते-करते तंग आ गए हैं। अब हम सभी ग्रामीणों ने पूरी तरह से मन बना लिया है कि जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता हैए तब तक हम लोग आगामी लोकसभा चुनाव 2024 का इसी प्रकार पूर्ण रूप से बहिष्कार करते रहेंगे।
नई दिल्ली । झारखंड के हजारीबाग से भाजपा के सांसद जयंत सिन्हा ने लोकसभा का चुनाव लड़ने के इनकार किया है। सिन्हा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर उन्हें चुनावी दायित्वों से मुक्त करने का अनुरोध किया है। इससे पहले दिल्ली से भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
जयंत सिन्हा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा, मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से चुनावी दायित्वों से मुक्त करने अपील की है ताकि मैं भारत और दुनिया में जलवायु परिवर्तन से निपटने पर फोकस कर सकूं। हालांकि मैं पार्टी के आर्थिक और प्रशासनिक मुद्दों पर काम करता रहूंगा। सिन्हा ने लिखा, मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे बीते 10 वर्षों तक हजारीबाग के लोगों की सेवा का मौका मिला। मुझे भाजपा नेतृत्व, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने कई अवसर दिए, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
इससे पहले सुबह दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने एक्स पर जानकारी दी कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। गंभीर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन्होंने लिखा कि मैं भविष्य में क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को कांग्रेस द्वारा अस्वीकार करने पर भारतीय जनता पार्टी ने उसकी तीखी आलोचना की है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के ऐतिहासिक फैसले का बहिष्कार किया। जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का भी बहिष्कार किया।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में मई 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया। यहां तक कि कांग्रेस ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी बहिष्कार किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इसी बहिष्कार मानसिकता के कारण जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है। यहां एक बात स्पष्ट है कि कांग्रेस अपने प्रवृत्ति के अनुरूप काम कर रही है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 500 सालों के संघर्ष के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है लेकिन कांग्रेस अपनी प्रवृत्ति के अनुरूप काम कर रही है। सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी जवाहरलाल नेहरू ने बहिष्कार किया था। नेहरू द्वारा 24 अप्रैल, 1951 में लिखे पत्र में प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया गया था। फिर इंदिरा के जमाने में अयोध्या में 1976 में राम मंदिर साक्ष्य निकल रहे थे तो वहां काम रुकवा दिया गया था। सोनिया गांधी के जमाने में राम को काल्पनिक बता दिया गया लेकिन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कांग्रेस के लिए मौका था कि वे अपने आप को बदल सकते थे। उन्होंने कहा कि यह नेहरू की कांग्रेस है, यह महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है। रामराज की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अस्वीकार करना कांग्रेस के अंदर के हिन्दू धर्म विरोध को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मुख्य पक्षकार अंसारी ने भी निमंत्रण स्वीकार किया है। कांग्रेस की परंपरा के सारे दल आज हाहाकार मचा रहे हैं। कांग्रेस गोत्र के सभी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक दृष्टि से वे निष्प्राण होते जा रहे हैं। वे लोग प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में भगवान के विरोध तक चले गए। हर ऐतिहासिक अवसर का विरोध करते- करते आज भारतीयता के मूल्यों पर उनकी कट्टरपंथ की राजनीति अधिक महत्वपूर्ण नजर आती है।
नई दिल्ली/नागपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। यह इंडिया और एनडीए की लड़ाई है। कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को नागपुर में पार्टी के लोगों को राहुल गांधी संबोधित कर रहे थे।
राहुल ने भाजपा के एक सांसद का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में गुलामी चलती है। भाजपा में आदेश का पालन करना जरूरी है। उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के भाजपा में रहते हुए प्रधानमंत्री से जीएसटी को लेकर पूछे गए सवाल का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि कांग्रेस में नीचे से आवाज आती है। हम सभी की सुनते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र है और यहां सभी को बोलने की आजादी है।
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ने बुधवार को सदन के सदस्यों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए जानकारी दी कि सदन के अंदर दो लोगों द्वारा फैलाया गया धुआं खतरनाक नहीं था। उन्होंने सदस्यों को यह भी आश्वासन दिया कि वे सबसे अलग से बातचीत कर उनके सुझाव लेंगे कि कैसे सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकता है।
इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विजिटर्स पास जारी करने पर रोक लगा दी है। संसद की सुरक्षा में चूक का यह मामला सामने आने के बाद दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के अलावा डीजी सीआरपीएफ भी संसद पहुंचे।
लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन के बीच में कूदकर हंगामा करने लगे। उन्होंने अपने जूतों से कुछ निकालकर सदन में पीले और हरे रंग का धुआं भी किया। वे तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगा रहे थे। दोनों फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। उनके हंगामे के चलते कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
इसके बाद दो बजे दोबारा लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई । लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को सूचित किया कि जांच करा ली गई है और धुआं सामन्य है। इसमें खतरा नहीं है। वे सभी को आश्वासन देेते हैं कि पूरी जांच होने के बाद सदन को जानकारी दी जाएगी।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने अपनी बात रखनी चाही। उनकी सुरक्षा चिंताओं पर अध्यक्ष बिरला ने उन्हें आश्वासन दिया और कहा कि यह सदन चलना चाहिए। संसद हमले के बाद भी यह सदन चला था। वे सभी सांसदों की सुरक्षा चिंताओं पर अलग से बातचीत करेंगे।
नई दिल्ली । तीन राज्यों में प्रचंड जीत के बाद गुरुवार को आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए उन्हें विकसित भारत संकल्प यात्रा पर जाने को कहा। उन्होंने अपने संबोधन में पांच राज्यों में भाजपा के चुनावी प्रदर्शन पर बात की। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बनाई और तेलंगाना व मिजोरम में भाजपा का संख्याबल बढ़ा है।
बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में मिचौंग तूफान से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त किया गई। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तीन राज्यों में जीत के साथ मिजोरम और तेलंगाना में भी भाजपा का संख्याबल बढ़ा है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि भाजपा ने तीन राज्यों में जीत हासिल की। अब सभी सांसद 22 दिसंबर से 25 जनवरी तक विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लें और केन्द्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं।
नई दिल्ली। नए संसद भवन में आज गणेश चतुर्थी के दिन कामकाज शुरू होगा। पुरानी संसद में सोमवार 18 सितंबर को कार्यवाही का अंतिम दिन था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में यह 2010 में ही पास हो चुका है। इसमें महिलाओं को 33% आरक्षण देने का प्रावधान है। यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी। यह आरक्षण लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में लागू होगा। बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए जाएगा। कानून बनने के बाद होने वाले चुनावों में यह बिल लागू हो जाएगा। बिल पास हुआ तो लोकसभा में 180 महिलाएं होंगी, अभी सिर्फ 78 हैं
सूत्रों के हवाले से बताया कि महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बिल को मंजूरी मिलने की बात कही।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चर्चा इस बात की भी है कि केंद्र सरकार लोकसभा में 180 सीटें बढ़ा सकती है। फिलहाल लोकसभा में 543 सीटें हैं। अगर सरकार सीटें बढ़ाने का फैसला लेती है तो यह आंकड़ा बढ़कर 743 हो जाएगा।
इधर, महिला आरक्षण बिल पर अब पार्टियों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। सोनिया गांधी मंगलवार को संसद भवन पहुंची और मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस का दिया हुआ है। भाजपा सांसदों का कहना है कि मोदी है तो मुमकिन है।
नड्डा की सांसदों को हिदायत- हंगामे की स्थिति न बने
कैबिनेट बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर 30 सांसदों के साथ दो घंटे तक बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सांसद गौतम गंभीर, मीनाक्षी लेखी, महेश शर्मा, किरेन रिजिजू शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, नड्डा ने कहा- पिछली बार जब लोकसभा में महिला आरक्षण बिल लाया गया था, तो काफी विवाद की स्थिति बनी थी इसलिए इस बार सांसदों को ब्रीफिंग दी गई है कि ऐसी कोई स्थिति ना बनने पाए। सांसद तय करें कि बिल पर चर्चा बिना किसी हंगामे के हो।
तीन दशक से पेंडिंग है महिला आरक्षण बिल
संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा ने महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था।
तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल पेंडिंग है।
बिल का विरोध करने के पीछे सपा-राजद का तर्क
सपा और राजद महिला ओबीसी के लिए अलग कोटे की मांग कर रही थी। इस बिल को विरोध करने के पीछे सपा-राजद का तर्क था कि इससे संसद में केवल शहरी महिलाओं का ही प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। दोनों पार्टियों की मांग है कि लोकसभा और राज्यसभा में मौजूदा रिजर्वेशन बिल में से एक तिहाई सीट का कोटा पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए होना चाहिए।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी सांसद मनोज तिवारी की राजधानी दिल्ली में पटाखों पर बैन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। तिवारी ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री पर रोक के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी है। दरअसल, दिल्ली की आप सरकार ने 7 सितंबर को राजधानी में तत्काल प्रभाव से 1 जनवरी 2023 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
वकील शशांक शेखर झा द्वारा शुक्रवार को तत्काल सुनवाई के लिए मनोज तिवारी की याचिका का उल्लेख करने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह इस मुद्दे पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। सीजेआई ललित ने कहा कि सूची 10 अक्टूबर को, दीवाली से पहले है।
सभी राज्यों में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक की मांग
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को आगामी त्योहारी सीजन के दौरान जायज पटाखों की बिक्री, खरीद और फोडऩे के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की है। तिवारी ने सभी राज्यों को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि वे पटाखों की बिक्री या उपयोग करने वाले आम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जैसी कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें।
याचिका में 2021 के फैसले का भी किया जिक्र
वकील अश्विनी कुमार दुबे और शशांक शेखर झा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, जीवन के अधिकार के नाम पर, धर्म की स्वतंत्रता को छीना नहीं जा सकता है और एक संतुलन बनाना होगा जैसा कि इस अदालत के 29 अक्टूबर, 2021 के फैसले के माध्यम से किया गया है।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पटाखों के उपयोग पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और केवल वे आतिशबाजी जिनमें बेरियम लवण होते हैं, प्रतिबंधित हैं।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए जाते हैं, जबकि यह स्पष्ट किया है कि पटाखों पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं है और लोग अपना त्योहार मनाने के लिए जायज पटाखों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि कई राज्य सरकारों और उच्च न्यायालयों ने 2021 में सुप्रीम कोर्ट के रुख के विपरीत आदेश पारित किए और पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने दीपावली के जश्न की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए और एफआईआर दर्ज की और कर्फ्यू लगा दिया।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने आम नागरिकों के खिलाफ 210 एफआईआर दर्ज कीं और पुलिस ने पटाखे फोडऩे के आरोप में 143 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि 125 एफआईआर दर्ज की और 138 लोगों को (पटाखे) बेचने के आरोप में 28 सितंबर, 2021 से 4 नवंबर, 2021 के बीच गिरफ्तार किया था।