नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई करते हुए बीबीसी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सचिन दत्ता ने इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में करने का आदेश दिया है।
याचिका एनजीओ जस्टिस ऑन ट्रायल की ओर से दायर की गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने देश और न्यायपालिका, प्रधानमंत्री सहित पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है।
हाल ही में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट की तरफ से बीबीसी, विकीमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव को भी भाजपा नेता विनय कुमार सिंह की ओर दाखिल मानहानि याचिका पर समन जारी किया जा चुका है।
उल्लेखनीय कि केंद्र सरकार ने 21 जनवरी को आईटी रूल्स के आपातकालीन प्रावधानों के तहत बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से संबंधित क्लिप और लिंक हटाने का आदेश दिया था।
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नई दिल्ली ।दिल्ली और मुंबई स्थित बीबीसी के कार्यालयों में आयकर विभाग के सर्वे या तथाकथित छापे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उचित आदेश जारी करने की मांग की गई है।
याचिका सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील रूपेश सिंह भदौरिया और मारीश प्रवीर सहाय ने याचिका दायर कर बीबीसी की कथित तौर पर विवादित डॉक्यूमेंट्री से बैन हटाने की मांग की है।
याचिका में केंद्र सरकार के बीते 20 जनवरी की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई है जिसमें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था। बीते तीन फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दो याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा था। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वो डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाने संबंधी आदेश से जुड़े मूल रिकॉर्ड पेश करे।