चंडीगढ़ । पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल पुरोहित ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा है। इससे पहले राज्यपाल ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी।
भाजपा से लंबे समय से जुड़े रहे पुरोहित को 11 सितंबर 2021 को पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह वर्ष 2017 से 2021 तक तमिलनाडु और वर्ष 2016 से 2017 तक असम के राज्यपाल रहे। पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल 1940 को राजस्थान के नवलगढ़ में हुआ था। पुरोहित इस पद पर दो साल 127 दिनों तक रहे।
शनिवार को राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में पुरोहित ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों तथा अन्य प्रतिबद्धताओं के चलते इस पद से इस्तीफा दे रहे हैं। पंजाब-हरियाणा में हुए समझौते के तहत पुरोहित के पास पंजाब का राज्यपाल होने के नाते चंडीगढ़ के प्रशासक का जिम्मा भी था। इस इस्तीफे के बाद राज्यपाल पद के अलावा चंडीगढ़ में प्रशासक का पद भी रिक्त हो गया है।
Banwari Lal Purohit
चंडीगढ़। पंजाब में सोमवार दोपहर से शुरू होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर घमासान मच गया है। सत्र शुरू होने से कुछ घंटे पहले पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर को एक पत्र भेजा। इस पत्र में पिछले पत्र का हवाला देकर कहा गया है कि सत्र बुलाने के लिए अगर कोई खास बिजनेस नहीं है, तो इसे बुलाने का कोई औचित्य नहीं है।
पंजाब सरकार ने आज से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के आयोजन को लेकर सरकार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मंजूरी मांगी थी। राज्यपाल ने मंजूरी देने के बजाए सरकार से पूछा कि विशेष सत्र बुलाने का एजेंडा बताया जाए। इसके जवाब में स्पीकर ने कहा कि पिछले बजट सत्र को समाप्त नहीं, केवल निलंबित किया गया था। ऐसे में सत्र चल रहा है।
सरकार जब चाहे अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके सदन के भीतर बैठ सकती है। सोमवार को सरकार तथा विपक्ष सत्र की तैयारी में व्यस्त थे, जबकि राज्यपाल ने स्पीकर को पत्र लिखकर कहा कि जब सत्र के लिए कोई बिजनेस नहीं है, तो सत्र बुलाने की क्या जरूरत है। अगर कोई काम था तो उसे अगले सत्र में किया जा सकता था। इससे सरकारी खजाने पर बोझ नहीं पड़ेगा।