जोशीमठ । मौसम विभाग का पूर्वानुमान एक बार फिर सही साबित हुआ है। श्री बद्रीनाथ धाम, फूलों की घाटी, औली, हेमकुंड साहिब-लोकपाल सहित नीती-माणा घाटियां एक बार फिर बर्फ से लकदक हो गई हैं।
सुबह से ही मौसम बदला हुआ था। दोपहर होते होते उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश शुरू हो गई। श्री बद्रीनाथ धाम में अब तक करीब आधा फिट ताजा हिमपात हुआ है, जबकि करीब चार फीट बर्फ पहले से ही जमीं थी। विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली में भी बर्फबारी शुरू होने से स्कीइंग प्रेमियों व पर्यटकों के चेहरे खिल उठे हैं।
Badrinath Dham
गोपेश्वर । विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट शनिवार अपराह्न तीन बजकर तैंतीस मिनट पर पूजा-अर्चना, विधि-विधान और भगवान बदरी विशाल के जयकारों के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। कुछ दिन पहले हुई बर्फबारी के बाद आज कपाट बंद होने के दौरान मौसम साफ रहा। दिन में धूप खिली रही यद्यपि दूर चोटियों पर बर्फ साफ देखी जा रही थी।
शनिवार को हर दिन की भांति प्रातः काल महाभिषेक के बाद बालभोग लगाया गया। दिन में 11 बजे राजभोग लगा। इसके बाद पौने एक बजे अपराह्न सायंकालीन पूजा शुरू हुई। पौने दो बजे बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ने स्त्री रूप धारण कर लक्ष्मी जी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में विराजमान किया। इससे पहले उद्धव जी और कुबेर जी मंदिर प्रांगण में विराजमान हुए। सवा दो बजे सायंकालीन भोग और शयन आरती हुई। ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक रावल की ओर से कपाट बंद की रस्म पूरी करते हुए भगवान बदरी विशाल को माणा महिला मंडल की ओर से हाथ से बुना गया ऊन का घृत कंबल ओढ़ाया गया।
इसके उपरांत तीन बजकर तैंतीस मिनट पर श्री बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह और मुख्य सिंह द्वार के कपाट रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी की ओर से शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। इसी के साथ ही कुबेर जी रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव चले गये।
कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था। सिंह द्वार परिसर में गढ़वाल स्काउट के बैंड की भक्तिमय धुनों से संपूर्ण बदरीनाथ गुंजायमान हो रहा था। पूरा परिसर जय बदरीविशाल के उदघोष गूंज रहा था। कपाट बंद के समय साढ़े पांच हजार से अधिक श्रद्धालुजन-तीर्थयात्री इसके साक्षी बने। बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति, ऋषिकेश ने मंदिर को फूलों से सजाया। इस अवसर पर दानीदाताओं, भारतीय सेना ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे आयोजित किये।
कपाट बंद के पश्चात बदरीनाथ से रविवार 19 नवम्बर प्रातः उद्धव जी, कुबेर जी की देव डोली पांडुकेश्वर और आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान करेगी।
कपाट बंद होने के शुभ अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा- निर्देशन में इस यात्रा वर्ष बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा ऐतिहासिक रही है। इस बार सबसे अधिक 38 लाख रिकार्ड तीर्थयात्री बदरी-केदार पहुंचे हैं। इनमें से शुक्रवार देर रात से शनिवार कपाट बंद तक अठारह लाख चालीस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने यात्रा में योगदान करने वाले सभी व्यक्तियों, संस्थानों को बधाई दी है।
मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिह ने बताया कि कपाट खुलने की तिथि से 17 नवम्बर शुक्रवार देर रात तक 18 लाख 36 हजार 519 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे जोक पिछले सभी यात्रा वषों में सबसे अधिक है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवम्बर को आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी एवं रावल योग बदरी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे। उद्धव जी और कुबेर जी पांडुकेश्वर में शीतकाल में प्रवास करेंगे जबकि 20 नवम्बर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी रावल के साथ जोशीमठ स्थित श्री नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। आदिगुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो जायेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन होगा। योग बदरी पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, सदस्य आशुतोष डिमरी, सुभाष डिमरी, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी/डिप्टी सीईओ कुमकुम जोशी, प्रभारी अधिकारी अनिल ध्यानी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चैहान, थाना प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिजल्वाण, एई गिरीश देवली मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ आदि मौजूद रहे।
गोपेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित भू-बैकुंठ धाम पहुंचकर भगवान बदरी-विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए राष्ट्रपति ने देश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। बदरीनाथ धाम आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति की अगुवानी की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार को सुबह 10.20 बजे बदरीनाथ आर्मी हेलीपैड पहुंचीं। हेलीपैड पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया।
यहां से राष्ट्रपति काफिले के साथ भगवान बदरी-विशाल के मंदिर पहुंचीं और मंदिर में बदरी विशाल की वेद पाठ और विशेष पूजा की। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी और तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा करायी। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार और अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को भगवान बदरी-विशाल का प्रसाद और अंग वस्त्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर में राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बदरीनाथ मंदिर की प्रतिकृति, आरती और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। मंदिर से निकलते समय उन्होंने हाथ हिलाकर बदरीनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति ने बदरीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रशासन ने भगवान बदरीनाथा धाम में सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए थे। साथ ही कन्टीजेन्सी प्लान के तहत गौचर में भी सभी व्यवस्थाएं की गई थीं। राष्ट्रपति के बदरीनाथ भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, सीडीओ एलएन मिश्र, एडीएम डॉ.अभिषेक त्रिपाठी, सयुंक्त मजिस्ट्रेट डा.दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ आदि मौजूद थे।
गोपेश्वर । बालीवुड कि मशहूर फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने अपनी पुत्री राशी के साथ मंगलवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन किये और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। केदारनाथ दर्शन के पश्चात फिल्म अभिनेत्री दोपहर में बदरीनाथ धाम पहुंचीं।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड ने बताया कि फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन मंगलवार को बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय के साथ राजधानी देहरादून से केदारनाथ धाम पहुंचीं। केदारनाथ हेलीपैड पहुंचने पर बीकेटीसी और केदारनाथ तीर्थपुरोहित समाज ने उनका स्वागत किया। केदारनाथ मंदिर पहुंचकर फिल्म अभिनेत्री भगवान केदारनाथ की रुद्राभिषेक पूजा में शामिल हुईं। तत्पश्चात बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने फिल्म अभिनेत्री को भगवान केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया। फिल्म अभिनेत्री केदारनाथ मंदिर से बाहर आते ही प्रशंसकों से घिर गयीं और तीर्थयात्रियों ने उनके साथ सेल्फी ली।
उन्होंने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की व्यवस्थाओं की सराहना की। केदारनाथ धाम के आलौकिक सौंदर्य को देख वे अभिभूत नजर आयीं। इस अवसर पर मंदिर समिति कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी, प्रदीप सेमवाल, ललित त्रिवेदी मौजूद रहे। इसके बाद वह बीकेटीसी अध्यक्ष के साथ दोपहर में बदरीनाथ धाम पहुंचीं। बदरीनाथ हेलीपैड में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने फिल्म अभिनेत्री का स्वागत किया।
बालीवुड अभिनेत्री रवीना अपराह्न को देश के प्रथम सीमांत गांव माणा का भ्रमण करेंगी। माणा ग्रामवासियों से मिलेंगी और सरस्वती नदी, भीमपुल, गणेश गुफा, व्यास गुफा का दर्शन भी करेंगी।
फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन शाम को माणा से बदरीनाथ पहुंचकर भगवान बदरीविशाल की शयन आरती में शामिल होंगी तथा बुद्धवार को प्रातः भगवान बदरीविशाल की वेदपाठ पूजा में सम्मिलित होकर मुंबई प्रस्थान करेंगी।
गोपेश्वर। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 18 नवम्बर को शाम तीन बजकर 33 मिनट पर बंद हो जाएंगे। मंगलवार को विजय दशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की। इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की तथा वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यों ने स्वास्तिवाचन किया।
इसी तरह केदारनाथ धाम के कपाट भी 15 नवंबर को बंद होंगे, जबकि गंगोत्री धाम के कपाट इससे एक दिन पहले 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे। मंगलवार को विजय दशमी के अवसर पर आयोजित समारोह में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का निर्धारण किया गया। 18 नवम्बर को कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को प्रातः श्री उद्धवजी एवं कुबेर जी योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल को प्रस्थान करेगी।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंगलवार को विजयदशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित एक समारोह में धर्माचार्यों, तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में पंचांग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित की गई। इस समारोह का साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु धाम में उपस्थित थे।
इस वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। वर्तमान यात्रा काल में अब तक रिकॉर्ड 16 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं।
इस दिन बंद होंगे यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट
उत्तराखंड में स्थित चार धामों में प्रथम धाम यमुनोत्री के कपाट 15 नवंबर को भैया दूज के अवसर पर सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर बंद होंगे। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मंगलवार को विजयदशमी के दिन यमुनोत्री धाम में पंडा, तीर्थ पुरोहितों ने पंचांग गणना कर उक्त घोषणा की है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में स्थित चार धामों में प्रथम धाम यमुनोत्री के कपाट 15 नवंबर को भैया दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त (मकर लग्न) में विशेष पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। उसके बाद शीतकाल में मां यमुना के दर्शन खरसाली (खुशीमठ) में होंगे।
गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जिले में छिनका के पास अवरुद्ध बदरीनाथ हाइवे 20 घंटे की मशक्कत के बाद शुक्रवार तड़के सुचारू हो गया है। हाइवे में फंसे तीर्थयात्रियों ने राहत की सांस ली। इस वजह से रुकी चारोंधाम यात्रा फिर शुरू हो गई।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे बदरीनाथ हाइवे छिनका के पास पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया था। प्रशासन ने वाहनों को कर्णप्रयाग, गौचर सहित अन्य स्थानों पर रोक दिया था ताकि यात्रियों को असुविधा न हो। आज तड़के हाइवे खुलने के बाद फंसे वाहनों को गंतव्य स्थानों पर भेजा गया।
ऋषिकेश। उत्तराखंड में शुक्रवार से चारधाम यात्रा 2023 का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश आईएसबीटी से ”जय बद्री, जय केदार, चारों धामों में हो रही जय जयकार” के उद्घोष के बीच बसों के काफिले को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर चारधाम यात्रा का शुभांरभ किया। इस मौके पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, परिवहन मंत्री चंदन रामदास, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोले महाराज उपस्थित थे।
इस दौरान संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कोरोना काल के बाद दूसरी बार हो रही यह यात्रा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ेगी। अभी तक 16 लाख से अधिक यात्रियों ने अपना पंजीकरण करा लिया। यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हों, इसकी तैयारियां की हैं। सरकार ने इस प्रकार की व्यवस्था की है कि कोई भी यात्री बिना दर्शन करे वापस नहीं जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केदारनाथ में किए गए जीर्णोद्धार कार्य की प्रशंसा की। इसी के साथ उन्होंने बद्रीनाथ में हो रहे विकास कार्यों के अतिरिक्त हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए जा रहे रोपवे पर कार्य भी जल्द पूरा किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गंगोत्री-यमुनोत्री के विकास के लिए भी सरकार कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने यात्रियों को आश्वासन दिया कि यात्रा के दौरान जो भी समस्याएं आएंगी, उसे भी जल्द समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार चारों धामों में यात्रियों का स्वागत हेलीकॉप्टर से फूल वर्षा कर किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस बार यात्रा पूरी तरह से सफल रहेगी, जिसका संदेश देश ही नहीं विश्व में भी जाएगा।
परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि चार धाम यात्रा की सफलता को बनाए रखने के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। चारों धामों में यात्रियों के रहने, खाने-पीने के साथ वाहनों के चालकों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की है। 5000 वाहनों के ग्रीन कार्ड बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों का पंजीकरण किया जाएगा, जिससे यात्रियों को चार धाम जाने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इस बार की चार धाम यात्रा पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा राज्य की आर्थिक रीढ़ का भी कार्य करती है। उन्होंने यात्रा की सुरक्षा की दृष्टि से वाहन चालकों से अपेक्षा व्यक्त की है कि वह यात्रियों के प्रति सद्भावना रखते हुए धैर्य पूर्वक उन्हें यात्रा करवाएं।
स्थानीय विधायक व शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ सभी प्रकार की व्यवस्था की है। आपके स्वागत के लिए पूरी सरकार तैयार है। यात्री की सुविधा के लिए होटलों सहित दुकानों से खरीदे जाने वाले सामान पर किसी भी प्रकार का टैक्स न ले जाने की व्यवस्था की है। सभी सामान उत्तराखंड में टैक्स मुक्त रहेगा। उन्होंने यात्रियों से भी अपेक्षा व्यक्त की है कि वह जब अपने घर लौटे तो स्थानीय उत्पाद लेकर ही जाएं, छोटी सी खरीदी गई चीज से उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
जोशीमठ। बुधवार शाम से शुरू हुई बारिश के बाद श्री बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब-लोकपाल सहित नीती-माणा घाटियों में जोरदार हिमपात से पूरे सीमावर्ती क्षेत्रों में एक बार फिर ठंड शुरू हो गई है।
श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलने वाले हैं। मास्टर प्लान के कार्यों के साथ बद्री-केदार मंदिर समिति व नगर पंचायत की अग्रिम टीमें कपाट खुलने से पूर्व की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन बर्फबारी के कारण कार्यों को समय से पूर्ण करना चुनौती बन गया है।
हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से पूर्व घांघरिया से हेमकुंड साहिब मार्ग से बर्फ हटाने के लिए सेना का दल घांघरिया पहुंच चुका था लेकिन ताजा हिमपात के कारण सेना के सामने भी 20 मई से पूर्व मार्ग को आवाजाही के लिए तैयार करने की चुनौती है।