नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच की मांग पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से 2017 से अब तक यूपी में हुए एनकाउंटर के मामले में 4 हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन करने की मांग की है। इस मामले में वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पहले से दायर करके सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर जांच की मांग की है।
विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि किन हालात में हत्या हुई और हत्या के बाद क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि अतीक और अशरफ को पैदल परेड करते हुए मेडिकल के लिए क्यों हॉस्पिटल ले जाया गया था। यूपी सरकार को ये भी बताना है कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में भी यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
दरअसल, 15 अप्रैल की रात में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस मेडिकल जांच कराने के लिए प्रयागराज के एक अस्पताल में ले गई थी। इसी बीच तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। अतीक अहमद ने इससे पहले मार्च में ही अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि उसे गुजरात से यूपी ले जाते समय हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो अब गुजरात से यूपी लाया जा चुका था। अतीक अहमद उमेश पाल हत्या मामले में आरोपित था।
ayesha noori
नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आयशा ने याचिका दायर कर मांग की है कि उसके दो भाइयों अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया जाए।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका और दायर है। उस पर 3 जुलाई को सुनवाई होगी। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर जांच की मांग की है। विशाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल को यूपी सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि अतीक और अशरफ को पैदल परेड करते हुए मेडिकल के लिए क्यों हॉस्पिटल ले जाया गया। यूपी सरकार को यह भी बताना है कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में भी यूपी सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
15 अप्रैल की रात अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पुलिस मेडिकल जांच कराकर लौट रही थी। इसी बीच तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
अतीक अहमद ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक ने आशंका जताई थी कि उसकी गुजरात से यूपी ले जाते समय हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो अब गुजरात से यूपी लाया जा चुका है। अतीक अहमद उमेश पाल हत्या मामले में आरोपित था।