प्रयागराज / लखनऊ । उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की घेराबंदी के बीच प्रयागराज में पत्रकार बनकर आये तीन युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार की शाम पुलिस राहत कॉल्विन अस्पताल में दोनों भाइयों को मेडिकल कराने के लिए लेकर आई थी। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक दोनों पर दर्जनों गोलियां चलाई गई। फिलहाल तीनों हमलावरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हत्या करने वाले युवकों के नाम लवलेश तिवारी , सनी और अरुण मौर्या हैं। उनको पुलिस पकड़कर किसी अन्य स्थान पर ले गयी है। वारदात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के साथ आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियो की बैठक चल रही है।
जानकारी के मुताबिक अतीक और अशरफ को पुलिस मेडिकल चेक अप कराने के लिए यहाँ लायी थी। इसी दौरान वहां फायरिंग हुई और दोनों मारे गए। अभी तक सामने आई जानकारी के मुताबिक पुलिस की कस्टडी में अतीक और अशरफ के हाथ हथकड़ी में बंधे थे। उन दोनों के पास हथियार भी पड़े मिले हैं। तीनों हमलावर दोनों की हत्या की जानकारी फैलते ही राजनीतिक हलकों से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया।
पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर राहत कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आएबदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की सूचना पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। खबर लिखे जाने तक मौके पर भारी फोर्स के साथ-साथ कई वरिष्ठ अफसर पहुंच गए थे। गोलीबारी में एक सिपाही भी घायल होने की सूचना है।
उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे। शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी। रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए राहत कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी।
इस दौरान साथ में रहे पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए। गोलियां लगने से अतीक व अशरफ लहूलुहान होकर गिर पड़े। एक सिपाही भी घायल हो गया। बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से तीन पिस्टल व छह खोखे मिले हैं। घटना की सूचना पर सभी थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक अहमद पर सौ से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।
बताया जा रहा है तीनों बदमाशों ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद धार्मिक नारे भी लगाए और पिस्टल फेंक कर सरेंडर कर दिया। घायल सिपाही धूमनगंज थाने में तैनात मानसिंह है। उसके हाथ में छर्रे लगे हैं।
पुलिस की तरफ से अभी तक हत्याकांड पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है। घटना के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं जिसमें अतीक अहमद और उनके भाई को पत्रकारों से बात करते हुए देखा जा सकता है, तभी किसी ने सरगना के सिर पर गोली मार दी। अगले ही पल उसके भाई को भी गोली मार दी गई।
ATIQ AHMAD
प्रयागराज । माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का शव जिले के के कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान में आज (शनिवार) भारी सुरक्षा के बीच दफनाया गया। उसके जनाजे में नाना और मौसा सहित कुल 35 करीबी रिश्तेदार शामिल हुए।
कब्रिस्तान में अपर आयुक्त आकाश कुलहरी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौजूद रहा। बाहर पुलिस ने बैरियर लगाया था। उसके आगे मीडिया के लोगों को भी जाने की इजाजत नहीं थी। आसपास के लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई थी। इससे सन्नाटा पसरा रहा। ड्रोन से भी निगरानी की गई। इसका कारण शाइस्ता के आने की सम्भावना थी। कब्रिस्तान के अंदर पुलिस ने रजिस्टर रखा था। उसमें आईडी सहित नाम लिखकर ही कुछ लोगों को अंदर जाने दिया।
उल्लेखनीय है पुलिस मुठभेड़ में मारे गए असद की मां शाइस्ता परवीन फरार है और उसके ऊपर 50 हजार का इनाम है। बेटे के मोह में उसके सरेंडर करने की सम्भावना जताई जा रही थी। पुलिस के मुताबिक अतीक के दो बेटे अली और उमर बाल सुधार गृह में हैं। भाई अशरफ भी जेल में है। बाकी शाइस्ता सहित अन्य नजदीकी परिवारी जन फरार हैं।
उधर अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज की पुलिस शुक्रवार रात कौशांबी पहुंची। उसे संदीपन घाट थाना क्षेत्र स्थित महंगाई कस्बा लाया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम में ईडी के अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने अतीक से उसकी बेनामी संपत्ति कहां-कहां और किस-किस के जरिए संचालित होती है। इस बारे में पता लगाने की कोशिश की।
अधिकारी अभी उससे पूछताछ कर ही रहे थे कि अतीक की तबीयत बिगड़ गई। उसने सीने में दर्द और घबराहट होने की बात कही। जिसके बाद पुलिस उसे वापस लेकर प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल पहुंची। जहां पर डॉक्टरों ने उसका 15 मिनट तक चेक-अप किया। उसके बाद पुलिस उसे लेकर अस्पताल से बाहर आ गई। इसी बीच असद के एनकाउंटर पर अशरफ ने कहा, अल्लाह की चीज थी, अल्लाह ने ले ली ।
कस्टडी रिमांड मिलने के बाद गुरुवार की रात 10.30 बजे से दोनों को प्रयागराज के धूमनगंज थाने में रखा गया था। यहां दोनों से अलग-अलग और आमने-सामने बैठाकर कई राउंड पूछताछ हुई। सोने के लिए दोनों को बोरे का बिस्तर दिया गया।
शुक्रवार की रात 9 बजे तक कुल 23 घंटे पूछताछ हुई। उसके बाद धूमनगंज थाने की पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर कौशांबी के लिए निकली। माना जा रहा है कि अतीक अहमद पाकिस्तान से मंगाए गए हथियारों की बरामदगी करा सकता है।
अतीक ने इंट्रोगेशन में कुबूला है कि वो पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से बार्डर पास कराकर अत्याधुनिक हथियार मंगाता था। हथियारों का जखीरा बरामद करने में पुलिस को सफलता मिल सकती है। अतीक के साथ जांच अधिकारी धूमनगंथ इंस्पेक्टर राजेश शर्मा और बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इंटेरोगेशन के दौरान अतीक बार-बार एनकाउंटर में मारे गए बेटे असद के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा। अतीक ने पुलिस अफसरों से बेटे की तस्वीर भी दिखाने को कहा। हालांकि पुलिस पूरी तरह पूछताछ पर फोकस रही क्योंकि माफिया की सिर्फ 4 दिन की रिमांड ही पुलिस को मिली है।
पुलिस के 200 सवालों के सामने माफिया कभी असहज और कभी उग्र नजर आया। ज्यादातर सवालों का जवाब देने से कतराता रहा। केवल हां, हूं में जवाब देता रहा। हालांकि बार-बार सवाल पूछने पर उसने कई बार जांच अधिकारियों को आंखें भी दिखाईं।
उमेश पाल की हत्या की एफआईआर उनकी पत्नी जया ने धूमनगंज थाने में 24 फरवरी को दर्ज कराई थी। इसमें अतीक, उसका भाई अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, असद समेत 9 लोगों को नामजद किया गया था।
धूमनगंज थाने जाने वाली सड़क को बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया है। किसी को थाने के आसपास भी फटकने नहीं दिया जा रहा है। उमेश पाल मर्डर केस की जांच कर रहे थानाध्यक्ष धूमनगंज राजेश कुमार मौर्य ने अतीक-अशरफ की रिमांड मांगने के लिए कोर्ट में दलील दी थी।
अतीक ने माना- आतंकियों को हथियार सप्लाई किए
प्रयागराज पुलिस ने कोर्ट को दी रिमांड कॉपी में अतीक अहमद का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध का खुलासा किया है। रिमांड कॉपी में माफिया अतीक से मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है, ‘मेरे पाकिस्तान के आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध हैं। मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है।’
‘पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब सीमा पर गिराए जाते हैं और स्थानीय कनेक्शन उन्हें इकट्ठा करते हैं। इसी खेप से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार मिलते हैं। यदि आप मुझे अपने साथ ले जाएं, तो मैं उस पैसे और घटना में इस्तेमाल किए गए हथियार और गोला-बारूद को बरामद करने में आपकी मदद कर सकता हूं।’
फतेहपुर में अतीक के 37 करीबियों के घर पर छापेमारी, सपा नेता फरार
उधर, प्रयागराज से सटे जिले फतेहपुर में पुलिस ने गुरुवार रात अतीक के 37 करीबियों के घर पर छापेमारी की। पुलिस सपा नेता हाजी रफी और हाजी रजा के घर भी पहुंची, लेकिन घर में कोई नहीं मिला। यहां प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त को लेकर कार्रवाई की गई। कोतवाली इंस्पेक्टर अमित कुमार मिश्र ने बताया कि रात तक छापेमारी की गई। माफिया अतीक और उसके गुर्गों से कनेक्शन रखने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
झांसी / प्रयागराज । माफिया अतीक अहमद के पुत्र असद और शार्प शूटर गुलाम के एनकाउंटर को करीब 20 घंटे गुजर चुके हैं। रात करीब 2:30 बजे दोनों का पोस्टमार्टम भी हो चुका है। उधर प्रयागराज में कब्रिस्तान में असद और गुलाम के शवों को दफ़नाने के लिए कब्र खोदने का काम पूरा हो चूका है लेकिन अभी तक दोनों के परिवार का कोई भी सदस्य झाँसी शव लेने नहीं पहुंचा है।
कहा यह जा रहा है कि आज सुबह करीब 11:00 बजे तक कोई न कोई झांसी पहुंच कर दोनों के शव सुपुर्दगी में लेगा। फिलहाल पुलिस के पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं।
परीछा डैम के पास गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे बजे एसटीफ ने दोनों को एनकाउंटर में मार गिराया था। वहां से दोनों के शव मेडिकल कॉलेज पहुंचाए गए। देररात 2 बजकर 20 मिनट पर असद और गुलाम का पोस्टमार्टम पूरा हुआ था। इसमें तीन डॉक्टर्स की टीम में डॉ नीरज सिंह, शैलेष गुप्ता व राहुल पराशर शामिल रहे। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई।
प्रयागराज। कानूनी पेचीदगियों की वजह से माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाएगा। उसको बेटे असद के जनाजे में जाने की अनुमति नहीं मिल सकी है। एनकाउंटर का समाचार उस समय मिला जब वह कोर्ट रूम में मौजूद था। इसी समय झांसी में असद और गुलाम हसन का एनकाउंटर किया गया।
कोर्ट रूम से बाहर निकलने के बाद अशरफ ने अतीक को असद और गुलाम का एनकाउंटर किए जाने की बात बताई तो माफिया कुछ देर के लिए बदहवास हो गया। इस दौरान उसने यह भी कहा कि यह सब मेरे कारण ही हुआ है। मेरे कामों की सजा मेरे बेटे को मिली है। इसके बाद उसने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट से बेटे के जनाजे में जाने की अनुमति मांगी। जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
दरअसल माफिया अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर साबरमती जेल में बंद है। उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी होने के चलते उसे सीजेएम ने उसे कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश जारी किया था, जिसके अनुपालन में उसे कोर्ट में बृहस्पतिवार को पेश किया गया। असद के शव पर मां या बाप ही दावा कर सकते हैं, लेकिन दोनों इस समय मौजूद नहीं है। माफिया अतीक अहमद जहां जेल में बंद है वहीं असद की मां शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। असद अहमद के एनकाउंटर के बाद अतीक की सास और ससुर झांसी जाएंगें। यहां से वे पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद का शव लेंगे। असद का शव लेने के लिए उसके एक मामा भी झांसी जाएंगें। उसके शव को झांसी से प्रयागराज लाया जाएगा और वहीं उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उधर असद के साथ एनकाउंटर में मारे गए गुलाम हसन का शव उसके भाई राहिल हसन ने लेने से इनकार कर दिया है। गुलाम हसन अतीक का खास शूटर था और उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। उसने उमेश पाल पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। इसके बाद वर फरार हो गया था। उसके मेहंदौरी रसूलाबाद स्थित पुश्तैनी मकान को गत दिनों पीडीए ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था।
गुलाम हसन का बड़ा भाई राहिल हसन भाजपा से जुड़ा था और भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष था। गुलाम का नाम उमेश पाल हत्याकांड में सामने आने के बाद भाजपा ने उसे पद से हटा दिया था। राहिल हसन ने पहले भी कहा था कि यदि गुलाम का एनकाउंटर होता है तो वह उसकी लाश को नहीं लेगा। बृहस्पतिवार को जब गुलाम मुठभेड़ में मारा गया तो राहिल हसन ने फिर वही बात दोहराई और कहा कि उसका भाई गुलाम अपराधी था। इसलिए वह उसका शव नहीं लेगा।
उसने हमारे परिवार की छवि को पूरे समाज में नष्ट कर दिया। इससे उनकी काफी बदनामी हुई है। उसके चलते ही हमारा मकान ध्वस्त हो गया और हमारी बूढी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। मां हम सभी भाइयों को हमेशा ईमानदारी और नेक रास्ते पर चलने की सलाह देती थी, लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ और इसका परिणाम आज सामने है।
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद उसकी सास और ससुर झांसी जाएंगें। यहां से वे पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद के बेटे असद का शव लेंगे। असद का शव लेने के लिए उसके एक मामा भी झांसी जाएंगें। उसके शव को झांसी से प्रयागराज लाया जाएगा और वहीं उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
असद के साथ था शूटर गुलाम
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए झांसी में अतीक अहमद के फरार बेटे असद अहमद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। असद के साथ शूटर गुलाम मोहम्मद को भी एसटीएफ ने मार गिराय। एसटीएफ को असद के झांसी में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम उसकी तलाश में झांसी पहुंची। एसटीएफ की टीम जब असद की घेराबंदी कर रही थी, उस समय उसके साथ शूटर गुलाम मोहम्मद भी मौजूद था। शूटर गुलाम भी उमेश पाल हत्याकांड में शामिल था। गुलाम अतीक अहमद का बेहद करीबी था और अतीक के कई काले कारनामों में शामिल भी रहा है।
उमेश पाल हत्याकांड में शामिल गुलाम के कई सीसीटीवी फुटेज भी सामने आये थे, जिसके बाद पुलिस ने उसकी छानबीन तेज कर दी थी। इनके ऊपर पुलिस की ओर से 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। पिछले दिनों यूपी एसटीएफ इनकी तलाश में दिल्ली भी पहुंची थी, जिसके बाद उनकी लोकेशन झांसी में होने की सूचना मिली थी।
प्रयागराज । अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गुरुवार को प्रयागराज की एक अदालत में पाश किया गया। कोर्ट से पुलिस ने पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन अदालत ने सात दिन की ही रिमांड मंजूर की। दूसरी तरफ अदालत परिसर में जैसे ही असद अहमद और गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर में मरे जाने की खबर फैली अतीक अहमद अपने संभल नहीं पाया और बुरी तरह से रोने लगा। अदालत परिसर में सख्ती के बावजूद अतीक अहमद पर वकीलों ने जूते-चप्पल भी फेंके ,
प्रयागराज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने अतीक और अशरफ को सात दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंप दी। अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। सुनवाई के दौरान अतीक और अशरफ के वकीलों ने रिमांड का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अतीक की तबीयत ठीक नहीं चल रही है, इसलिए रिमांड मंजूर न की जाए। करीब डेढ़ घंटे तक कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें जारी रहीं।
इससे पहल दोनों भाइयों को कोर्ट रूम ले जाते समय भीड़ बेकाबू हो गई, जिसे काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान वकीलों ने जमकर हंगामा किया। कोर्ट से बाहर निकलते समय अतीक के ऊपर बोतलें और जूते भी फेंके गए । कोर्ट परिसर के बाहर वकीलों ने अतीक के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पूरा कचहरी परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
कोर्ट परिसर में वकीलों को खबर लगी की झांसी में अतीक का बेटे असद और शूटर गुलाम मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। कुछ देर बाद अतीक को जब पता चला तो वह कोर्ट परिसर में ही रोने लगा। कोर्ट परिसर में अधिवक्ता योगी जिंदाबाद और अतीक मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। मुठभेड़ की खबर पर कई वकीलों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत ही अच्छा हुआ। अपराधियों का यही हश्र होना चाहिए।
लखनऊ। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और गुलाम मोहम्मद को एसटीएफ ने गुरुवार को सवेरे मुढभेड़ में ढेर कर दिया गया। असद अहमद और गुलाम मोहम्मद का एनकाउंटर झाँसी में किया गया। दोनों पर पांच – पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था।
जानकारी के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड में फ़रार माफ़िया अतीक़ अतीक (Atiq Ahmed) के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम को यूपी एसटीएफ (UP STF) ने एनकाउंटर में मार गिराया। एसटीएफ के दावा है कि इनके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं.
इस एनकाउंटर के संबंध में यूपी पुलिस ने जानकारी दी कि असद पुत्र अतीक अहमद और गुलाम पुत्र मकसूदन, दोनों प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वॉन्टेड थे। इन दोनों ने आरोपियों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. झांसी में डीएसपी नवेंदु और डीएसपी विमल के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गए गए।
प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांछित असद और गुलाम पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। झांसी में
बरेली । माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को आज सुबह पुलिस करीब सवा 10 बजे बरेली जेल से लेकर प्रयागराज `रवाना हो गई। इस दौरान सभी पुलिसकर्मी बॉडी बॉर्न कैमरे से लैस थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अशरफ को आज बरेली से प्रयागराज ले जाया जा रहा है। अशरफ को पुलिस सीजेएम कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड की मांग करेगी। अशरफ पर आरोप है कि उसी ने बरेली जेल में रहते हुए उमेश पाल और उसके दोनों गनर की हत्या करवाई थी। गौरतलब है कि अशरफ पहले ही अपने एनकाउंटर का खतरा बता चुका है।
माफिया अतीक ब्रदर्स को मिट्टी में मिलाने की तैयारी शुरू हो गई है। अतीक का पूरा कुनबा पुलिस के निशाने पर है। अतीक को अब उसके गुनाह की सजा मिलने का वक्त आ गया है। प्रयागराज में खुलेआम कानून व्यवस्था को खुली चुनौती देने वाले अतीक अहमद और उसके भाई पर अब शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जहां साबरमती जेल से माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है तो वही अशरफ बरेली जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा है। दोनो भाइयों के चेहरे पर खौफ साफ- साफ दिखाई दे रहा है।
प्रयागराज में 4 दशक तक खून की होली खेलने वाले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर आरोप है कि जेल में रहते हुए इन दोनों ने राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दोनों गनर की सरेआम हत्या करवाई। इस हत्याकांड के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आई तो सीएम योगी ने साफ कर दिया कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे। इसके बाद यूपी पुलिस ने भी माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए सख्त कार्यवाही शुरू कर दी।
प्रयागराज पुलिस अब अतीक ब्रदर्स को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। सीजेएम के सामने पेश करते हुए पुलिस पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगेगी और रिमांड मिलते ही पुलिस अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ से पूछताछ करेगी। पुलिस यह जानने की कोशिश करेगी कि उमेश पाल की हत्या में और कौन-कौन शामिल है?
अतीक के साम्राज्य पर एक और प्रहार : प्रयागराज में डॉन के करीबियों के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
प्रयागराज/लखनऊ । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को अतीक अहमद और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा है। ईडी ने अब तक 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की पहचान की है, जो जब्ती की प्रक्रिया में है।
ईडी के संयुक्त निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने प्रयागराज के कालिंदीपुरम में रहने वाले खालिद जफर और जफर खान, गुलफुल, खान शौकत हनीफ आदि लोगों के यहां छापा मारा है। लूकरगंज और करेली में भी ईडी का छापा पड़ा है। खालिद, अतीक का फाइनेंसर है। उस पर अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन को पनाह देने का भी आरोप है। ईडी के अधिकारियों ने अतीक के 12 से ज्यादा करीबियों के बारे में जानकारी जुटाई है।
प्रयागराज । सजायाफ्ता अतीक अहमद को यूपी के नैनी समेत किसी जेल में जगह नहीं मिली। एमपी-एमएलए की कोर्ट में मंगलवार को उम्र कैद की सजा पाये अतीक अहमद को नैनी जेल में प्रवेश नहीं मिला। जिससे अतीक को पुनः उसी वैन से साबरमती जेल ले जाया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार माफिया अतीक की तबीयत खराब हो गयी है। कोर्ट से अतीक को लेकर वैन लगभग तीन घंटे भारी सुरक्षा के बीच जेल में ही खड़ी रही। तत्पश्चात् मिली जानकारी के अनुसार प्रिजन वैन साबरमती के लिए रवाना हो गयी। नैनी जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई।
जबकि वहीं अशरफ को लेकर पुलिस बरेली के लिए रवाना हो गयी और फरहान को लेकर चित्रकूट पुलिस रवाना हो चुकी है। उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को रिमांड नहीं मिली। रिमांड न मिलने से अतीक वापस साबरमती जेल ले जाया जा रहा है। जबकि दिनेश पासी को नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है।
प्रयागराज। उमेश पाल अपहरण केस में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जबकि सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया है। कोर्ट ने मंगलवार की दोपहर में अपना फैसला सुनाया है.
हालांकि इससे पहले उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अदालत नहीं जा रही हूं. मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी.’’ अहमद और अशरफ पर 2005 में राजू पाल की हत्या के प्रमुख गवाह उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है.
क्या है मामला?
बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह उमेश पाल से जुड़े हुए मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस केस में आरोप था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद और अशरफ ने उमेश पाल का अपहरण कराया था. उमेश पाल को मारपीट करने के बाद परिवार समेत जान से मारने की धमकी देते हुए कोर्ट में जबरन हलफनामा दाखिल कराया गया. 2007 में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को अतीक और अशरफ समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
पुलिस की जांच में छह अन्य लोगों के नाम सामने आए. कोर्ट में अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई. 2009 से मुकदमे का ट्रायल शुरू हुआ. अभियोजन यानी सरकारी पक्ष से कुल 8 गवाह पेश किए गए. इस केस के 11 आरोपियों में से अंसार बाबा नाम के आरोपी की मौत हो चुकी है. अतीक और अशरफ समेत कुल 10 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है.