वाराणसी । ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का सहारा ले सकती है। सुरक्षा की अभेद्य किलेबंदी के बीच लगातार छठे दिन बुधवार को सर्वे किया गया।
इसके पहले पांचवें दिन टीम ने मंडप, गुंबद, व्यास जी के तहखाने का सर्वे किया । टीम ने तीनों गुंबदों पर चढ़कर, परिसर में निर्माण कार्य और रंगाई-पुताई से संबंधित साक्ष्य को जुटाया।परिसर की रंगाई-पुताई में इस्तेमाल सामग्री का नमूना लिया। मूल ढांचे के हिसाब से डायग्राम तैयार कराया। इसे डिजिटल नक्शे में अंकित किया गया।
सूत्रों के मुताबिक परिसर के पश्चिमी दीवार की थ्रीडी इमेज तैयार करने के लिए टीम ने कई जगहों पर डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) स्थापित किया। व्यास जी के कमरे से मलबा निकालने और उसमें मिल रही पत्थर की आकृतियों की जांच भी हुई। वादी पक्ष के पैरोकार सोहन लाल आर्य के अनुसार टीम जरूरत के हिसाब से सर्वे कर रही है। जो सामने है, वह दिख रहा।
उधर, सर्वे के दौरान फैल रही अफवाहों को लेकर अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) एस. चन्नप्पा व डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने चौक थाने में मंगलवार शाम शांति समिति के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में सभी धर्मों के धर्मगुरु, शांति समिति के लोग, ज्ञानवापी केस के वादी और प्रतिवादीगण, उनके अधिवक्ता व पैरोकार मौजूद रहे। डीसीपी ने अफवाह न फैलाने की अपील की और कहा कि सोशल मीडिया की निगरानी भी हो रही है।
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ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को इलाहबाद हाई कोर्ट की मंजूरी , मुस्लिम पक्ष की सभी याचकाएँ ख़ारिज
प्रयागराज । ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को उच्च न्यायालय से तगड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी मामले की सुनवाई करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग से सम्बंधित मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर रोक नहीं होगी। साथ ही हाई कोर्ट ने सर्वे को जल्द शुरू करने को कहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा। सर्वे से ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। खुदाई करनी होगी तो कोर्ट से इजाजत लेंगे। वहीं, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। मस्जिद कमेटी हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा।
हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद जिला कोर्ट का फैसला प्रभावी हो चुका है। सर्वे के समय पर कहा कि हाई कोर्ट ने सर्वे के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। आज से ही जिला कोर्ट का फैसला प्रभावी हो गया है।
उल्लेखनीय है कि जिला कोर्ट ने एएसआई से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था। उसी के आधार पर सर्वे शुरू किया गया था।
नई दिल्ली । सर्वोच्च न्यायालय ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी को 26 जुलाई तक ट्रायल कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 26 जुलाई तक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई की उस दलील को नोट किया कि वो ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई नहीं करने जा रही है। एएसआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ये सूचित किया। आज मस्जिद कमेटी की ओर से वकील हुफैजा अहमदी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए आज ही सुनवाई की मांग की।
सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से पेश वकील श्याम दीवान ने कहा कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग जैसी संरचना की उम्र का पता लगाने के लिए साइंटिफिक सर्वे कराने के आदेश पर रोक लगाई थी। अब ट्रायल कोर्ट के सर्वे आदेश में शिवलिंग जैसी संरचना को शामिल नहीं किया गया है। तब अहमदी ने कहा कि एएसआई ने मस्जिद की खुदाई शुरू कर दी है। तब कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आप एएसआई से पूछ कर बताइए कि क्या खुदाई हो रही है।
कुछ देर बाद मेहता ने कोर्ट को बताया कि मस्जिद की एक ईंट भी नहीं हटाई गई है। केवल पैमाइश और फोटोग्राफी हो रही है। उन्होंने कहा कि एएसआई की अभी मस्जिद की खुदाई की कोई योजना नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा।
वाराणसी। जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे करने की मंजूरी दे दी है। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक जांच कराई जाएगी। इससे पहले 14 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 21 जुलाई तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले वाराणसी कोर्ट का अहम फैसला आया है। हिंदू पक्ष के वकील का कहना था कि काशी विश्वनाथ मंदिर – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच द्वारा ही हल किया जा सकता है। जबकि मुस्लिम पक्ष एएसआई सर्वे का विरोध कर रहा है।
ज्ञानवापी क्या विवाद है
ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए।
जब ये अपील कोर्ट के सामने आई तो उसने मस्जिद परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए इस पर रिपोर्ट देने के लिए कहा। सर्वे के दूसरे दिन सर्वे टीम के मस्जिद में घुसने को लेकर भी काफी हंगामा हुआ और टीम मस्जिद के अंदर दाखिल नहीं हो पाई थी।