ढाका । बांग्लादेश में आम चुनाव की गहमागहमी के बीच उपद्रवियों ने आधी रात बाद एक सरकारी बस को फूंक दिया।
बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून के अनुसार उपद्रवियों ने सोमवार अहले सुबह नारायणगंज अंतर्गत सिद्धिरगंज के साइनबोर्ड इलाके में अनाबिल परिवहन की एक बस को आग के हवाले कर दिया। अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा मुख्यालय (मीडिया सेल) के गोदाम निरीक्षक अनवारुल इस्लाम ने बताया कि आग बुझा दी गई है।
अखबार के अनुसार बांग्लादेश में आम चुनाव का प्रचार जोर पकड़ रहा है। इस दौरान राजनीतिक दल एक-दूसरे के वाहनों को आग लगाकर क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। सरकार विरोधी आंदोलन के हिस्से के रूप में की गई हड़ताल और नाकाबंदी सहित 58 दिनों के राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान बांग्लादेश में लगभग 289 स्थानों पर आग लगाई गई। इस दौरान 285 वाहनों को निशाना बनाया गया। इनमें 180 बसें और 45 ट्रक शामिल हैं।
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भरतपुर। जिले के नदबई इलाके में महाराजा सूरजमल और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर बबाल हो गया है। इस मामले को लेकर बुधवार रात ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। आगजनी की। पुलिस मौके पर पहुंची तो उस पर भी पथराव शुरू कर दिया। रात करीब 8 बजे शुरू हुआ बवाल देर रात 2 बजे तक चलता रहा। लोगों को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। गुरुवार सुबह भी माहौल तनावपूर्ण है।
नगर पालिका नदबई इलाके में तीन जगह प्रतिमा लगा रही है। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी ने तय किया कि कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाई जाएगी। स्थानीय लोगों की मांग है कि नदबई का मुख्य चौराहा बैलारा है। ऐसे में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा बैलारा चौराहे पर लगनी चाहिए। इसी मांग को लेकर लोगों ने धरना भी दिया। पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बयान दिया था कि आप जो चाहते हैं, वही होगा आप धरना खत्म कीजिए। इस बीच मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और डेहरा मोड़ चौराहे पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाई जाए। बस इसी को लेकर विरोध शुरू हो गया।
मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक लेटर जारी किया गया। इसमें डेहरा मोड़ पर महाराजा सूरजमल और बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की बात कही गई। जैसे ही यह लेटर और मंत्री का बयान गांव के लोगों तक पहुंचा तो नदबई में इसका विरोध शुरू हो गया। लोग मांग करने लगे कि बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगनी चाहिए। इसके बाद आसपास के गांव के लोग बैलारा चौराहे की तरफ बढ़ने लगे। प्रशासन को आशंका थी कि कहीं प्रतिमा लगाने वाले गुम्बद को न तोड़ दिया जाए, इसलिए बैलारा चौराहे पर पुलिस तैनात कर दी गई।
पूरे इलाके में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी, लेकिन रात 8 बजे बाद से हालात बिगड़ने शुरू हो गए। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पहले जाम लगा दिया और पेट्रोल डाल सड़कों पर आगजनी शुरू कर दी। लोगों ने नदबई की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया। पुलिस और मीडिया को भी बैलारा चौराहे की तरफ जाने से रोक दिया गया। नदबई से पहले बूढ़ावरी गांव, नगला खटोटि गांव की मुख्य सड़कों पर भी आगजनी की गई। यहां भी जाम लगाने का प्रयास किया गया। पुलिस जिन-जिन रास्तों पर गश्त कर रही थी, लोग वहां पथराव करने लगे। रात 12 बजे बाद हालात बेकाबू हो गए। अंधेरे का फायदा उठा ग्रामीण पुलिस पर पथराव करते रहे। रात करीब एक बजे पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह भी बैलारा चौराहे पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। गुरुवार सुबह तक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
मेरठ। हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के पलड़ा गांव में युवक की हत्या के बाद सोमवार को परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने हत्या के आरोपितों के घर में आगजनी के बाद पथराव किया। सूचना पर कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया।
हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के पलड़ा गांव में रविवार शाम को बाइक सवार बदमाशों ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विशु की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद लोगों ने शव को मवाना-हस्तिनापुर रोड पर थाने के तिराहे पर रखकर जाम लगा दिया था। परिजनों का आरोप है कि आरोपित दूसरे समुदाय के हैं। गांव में दो समुदायों के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। होली पर आठ मार्च को भी बुग्गी को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। जिसमें पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। रविवार शाम को ही एसएसपी रोहित सजवाण, एसपी देहात कमलेश बहादुर, एसपी क्राइम अनित कुमार समेत कई थानों की पुलिस फोर्स पहुंची थी।
आईजी नचिकेता झा ने भी गांव में पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पुलिस द्वारा ग्राम प्रधान समेत तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद लोगों ने जाम खोला था। सोमवार को विशु के अंतिम संस्कार के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने आरोपितों के घरों में आगजनी और पथराव कर दिया। इसके बाद कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया। एसपी देहात कमलेश बहादुर और एसपी क्राइम अनित कुमार मौके पर डटे हुए हैं। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के मुताबिक, हत्या के आरोपितों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। आगजनी करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
पटना। बिहार के बक्सर जिले के चौसा थर्मल पावर प्लांट की अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे की मांग को लेकर चल रहा किसानों का प्रदर्शन बुधवार को उग्र हो गया। ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पुलिस और पावर प्लांट पर टूट पड़े। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
मुआवजे की मांग को लेकर पिछले दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों के घर में मंगलवार आधी रात घुसकर पुलिस ने महिलाओं-बच्चों की बर्बरतापूर्ण पिटाई की। इसके बाद किसान उग्र हो गए। किसानों ने पुलिस की गाड़ियों को तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया। एसजेवीएन के गेट पर भी आग लगा दिया। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने करीब छह राउंड हवाई फायरिंग की। दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी हो रही है।