लुसैल । फीफा विश्व कप खिताब जीतने के बाद अर्जेंटीना के कप्तान लियोनेल मेसी ने कहा कि यह ट्रॉफी जीतना उनका सपना था। उन्होंने इस अभियान में टीम के समर्थन के लिए प्रशंसकों आभार भी जताया ।
मेसी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “विश्व चैंपियंस! मैंने यह खिताब जीतने का कई बार सपना देखा था, मैं इसे इतना चाहता था कि मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि हम अब खिताब जीत चुके हैं। मेरे परिवार को बहुत-बहुत धन्यवाद, जो मुझे समर्थन देते हैं और उन सभी को भी जो हम पर विश्वास करते हैं। हमने एक बार फिर दिखाया है कि जब हम एक साथ लड़ते हैं और एकजुट होते हैं तो हम वह हासिल करने में सक्षम होते हैं जो हम करने के लिए तैयार होते हैं। इस समूह में एक ही सपने के लिए लड़ने की ताकत है। अर्जेंटीना के सभी लोगों का भी यही सपना था… हमने कर दिखाया!”
मेसी ने यह भी कहा कि वह अभी संन्यास के बारे में नहीं सोच रहे हैं और अर्जेंटीना के लिए फुटबॉल खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “नहीं, मैं अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम से रिटायर नहीं होने जा रहा हूं। मैं एक चैंपियन के रूप में खेलना जारी रखना चाहता हूं।”
अर्जेंटीना ने रविवार को पेनल्टी शूट आउट में फ्रांस को 4-2 से हराकर खिताब अपने नाम किया। तय समय तक दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर थीं, जिसके बाद पेनल्टी शूट आउट का सहारा लिया गया, जिसमें बाजी अर्जेंटीना के हाथ लगी। लियोनेल मेसी को गोल्डन बॉल से सम्मानित किया गया, जो फीफा विश्व कप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाने वाला पुरस्कार है।
इस साल अपना अंतिम फीफा विश्व कप खेल रहे मेसी पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहतरीन फॉर्म में रहे। उन्होंने वह सब कुछ किया जो ऐसे बड़े टूर्नामेंट में करना हर खिलाड़ी का सपना होता है। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण गोल किये, पेनाल्टी को स्कोर में बदला और स्कोर करने में अपने साथियों की सहायता की। ।
अर्जेंटीना का कुल मिलाकर यह तीसरा और 1986 के बाद पहला विश्व कप खिताब है।
argentina win
अपने आखिरी वर्ल्ड कप में मेसी का सपना पूरा हुआ, अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूट आउट में फ्रांस को हराकर जीता तीसरा वर्ल्ड कप
दोहा (कतर)। विश्व के करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों की दिलों पर राज करने वाले लियोनल मेसी का सपना आखिरकार पूरा हो गया। पहले मैच में ही शिकस्त के साथ शुरू हुआ अर्जेंटीना का फीफा विश्व कप 22 का रोमांचक सफर डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस के साथ एक कांटे के मुकाबले में जीत के साथ पूरा हुआ। अर्जेंटीना ने पेनल्टी शूट आउट में 4 -2 से फ्रांस को हराकर विश्व कप का ख़िताब अपने नाम कर लिया। अर्जेंटीना 36 साल बाद विश्व कप जीतने में सफल रहा है। उसने 1978 और 1986 के बाद अब तीसरी बार खिताब को अपने नाम कर लिया है। निर्धारित 90 मिनट तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद एक्स्ट्रा टाइम में मैच पहुंच गया। वहां लियोनल मेसी ने एक गोल कर अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया, लेकिन किलियन एम्बाप्पे के मन में कुछ और ही था। उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने मैच को अपने नाम कर लिया।
कतर का लुसैल स्टेडियम रविवार (18 दिसंबर) को फुटबॉल के एक एतिहासिल मैच का गवाह बना। पेनल्टी शूटआउट तक चले मैच में अर्जेंटीना ने फ्रांस को 4-2 से हराकर विश्व कप अपने नाम कर लिया। दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में एक लियोनल मेसी और युवा स्टार किलियन एम्बाप्पे ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया। मेसी ने दो तो एम्बाप्पे ने तीन गोल दागे।
लियोनल मेसी ने मैच में पहला गोल 23वें मिनट में पेनल्टी पर किया। वह एक विश्व कप के सभी नॉकआउट मैचों में गोल करने वाले दुनिया के पहले फुटबॉलर बन गए। उनके बाद एंजेल डी मारिया 36वें मिनट में गोल कर अर्जेंटीना को 2-0 से आगे कर दिया। हाफटाइम तक अर्जेंटीना की टीम 2-0 से आगे थी। हाफटाइम के बाद दोनों टीमों ने लगातार हमले किए, लेकिन गोल नहीं निकल पा रहे थे। 80 मिनट तक तो ऐसा लगा कि अर्जेंटीना अब मैच को आसानी से जीत लेगा, लेकिन किलियन एम्बाप्पे ने दो मिनट में दो गोल कर मैच को पलट दिया। उन्होंने 80वें और 81वें मिनट में गोल कर दिया।
निर्धारित 90 मिनट तक स्कोर 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में पहुंच गया। वहां दोनों टीमों को 15-15 मिनट के दो हाफ मिले। लियोनल मेसी ने 108वें मिनट में गोल कर मैच में अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया। एक बार फिर लगा कि अर्जेंटीना जीत के करीब पहुंच गया है, लेकिन उसके राह में किलियन एम्बाप्पे फिर से खड़े हो गए। उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में पहुंच गया। वहां अर्जेंटीना ने मुकाबले को 4-2 से अपने नाम कर लिया।
अर्जेंटीना ने खत्म किया 20 साल से यूरोप का दबदबा, फ्रांस से लिया 2018 का बदला
कतर में जब नेमार और लियोनल मेसी की अगुआई में ब्राजील और अर्जेंटीना अपनी दावेदारी पेश करने उतरी थी तो दोनों देशों के सामने 20 साल से चले आ रहे यूरोपियन दबदबे को तोड़ने की चुनौती थी। अर्जेंटीना ने इस दबदबे को खत्म कर दिया।
अर्जेंटीना की टीम फीफा विश्व कप 2022 की चैंपियन बन गई है। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले चर्चाओं का बाजार गर्म था कि इस बार यूरोपियन दबदबा टूटेगा या नहीं। पिछले 20 सालों से यूरोपीय देशों ने फीफा विश्व कप पर अपना एकाधिकार जमा रखा था। 2002 में अंतिम बार यूरोप से बाहर दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील विश्व चैंपियन बना था।
तब से यूरोपीय देशों ने हर विश्व कप में खिताब के प्रबल दावेदार बनने के बावजूद ब्राजील और अर्जेंटीना को फीफा विश्व ट्रॉफी से दूर रखा था। कतर में जब नेमार और लियोनल मेसी की अगुआई में ब्राजील और अर्जेंटीना अपनी दावेदारी पेश करने उतरी थी तो दोनों देशों के सामने 20 साल से चले आ रहे यूरोपियन दबदबे को तोड़ने की चुनौती थी।
ब्राजील की टीम तो क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया से हारकर बाहर हो गई, लेकिन मेसी ने इस उम्मीद को टूटने नहीं दिया। उन्होंने एक दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना को चैंपियन बनाकर ही दम लिया। अर्जेंटीना ने फ्रांस को हराने के साथ ही 2018 की हार का बदला ले लिया। 2018 फीफा वर्ल्ड कप के प्री क्वार्टर फाइनल में फ्रांस ने अर्जेंटीना को 4-3 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था।
दक्षिण अमेरिका से ब्राजील, अर्जेंटीना, उरुग्वे बने हैं विजेता
सर्वाधिक पांच बार (1958, 1962, 1970, 1994, 2002) के विश्व चैैंपियन ब्राजील और तीन बार खिताब जीतने वाले अर्जेंटीना (1978, 1986) इस बार भी जीतने के प्रबल दावेदारों में थी। हालांकि, तेज तर्रार और आक्रामक फुटबॉल खेलने वाली अर्जेंटीना की टीम रक्षात्मक और तकनीकि फुटबॉल खेलने वाले यूरोपीय देशों से आगे निकल गई।
ब्राजील और अर्जेंटीना के अलावा उरुग्वे तीसरा दक्षिण अमेरिकी देश है, जिसने फीफा विश्व कप जीता है। फीफा विश्वकप का पहला विजेता भी उरुग्वे 1930 में बना था। 1950 में भी उसने मेजबान ब्राजील को एक लाख 45 हजार दर्शकों के बीच मरकाना स्टेडियम में 2-1 से हराकर न सिर्फ विश्व खिताब जीता बल्कि उस दौरान का सबसे बड़ा उलटफेर भी किया। हालांकि, इस बार उरुग्वे की टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी।
2002 तक यूरोप के आठ के मुकाबले नौ खिताब जीते थे दक्षिण अमेरिकी देशों ने
2002 तक यूरोप और दक्षिण अमेरिकी देशों में खिताब को लेकर कांटे की टक्कर रहा करती थी। 2002 तक हुए 17 विश्व कप में नौ खिताब दक्षिण अमेरिकी देशों ने और आठ खिताब यूरोपीय देशों ने जीते थे, लेकिन इसके बाद बाजी पलट गई है। 2022 से पहले तक 12 बार यूरोपीय देश विश्व चैंपियन बन चुके हैं, जबकि दक्षिण अमेरिकी देश नौ फीफा ट्रॉफी पर ही लटके हुए थे। अब लियोनल मेसी और अर्जेंटीना ने दक्षिण अमेरिकी देशों को 10वीं बार खिताब दिलाया है।
2002 के बाद से हुए पांच विश्व कप में सिर्फ दूसरी बार दक्षिण अमेरिकी टीम फाइनल में जगह बना पाई। दोनों बार फाइनल में पहुंचने वाली टीम अर्जेंटीना ही रही। 2014 में जर्मनी ने मेसी की मौजूदगी में अर्जेंटीना को 1-0 से हराया था। वहीं, 2022 में अर्जेंटीना की टीम 2018 के चैंपियन फ्रांस को हराकर खिताब अपने नाम किया। 2010 में उरुग्वे और 2014 में ब्राजील सेमीफाइनल में पहुंचे थे। दोनों देश चौथे स्थान पर रहे। मेसी और अर्जेंटीना ने 2002 के बाद से फीफा विश्व कप पर यूरोपियन फुटबॉल के दबदबे को खत्म कर दिया।
दोहा । पोलैंड के खिलाफ अपना पहला विश्व कप गोल करने पर खुशी जताते हुए अर्जेंटीना के एलेक्सिस मैक एलिस्टर ने कहा कि ग्रुप स्टेज के अपने आखिरी मैच को जीतकर अगले दौर में पहुंचना संतोषजनक और सुखद है। साथ ही इस जीत से हमने शुरुआती दौर में सऊदी अरब से मिली हार को भी भूला दिया है।
मैक एलिस्टर और जूलियन अल्वारेज़ के एक-एक गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने ग्रुप सी के अपने अंतिम ग्रुप स्टेज मैच में पोलैंड को 2-0 से हराकर अंतिम 16 में प्रवेश किया।
इसके साथ, अर्जेंटीना ने अपने ग्रुप-स्टेज अभियान को दो जीत, एक हार और छह अंकों के साथ समाप्त किया। पोलैंड अपने बेहतर गोल अंतर के कारण मेक्सिको के बराबर (4 अंक) अंक होने के बावजूद अंतिम 16 में पहुंच गया।
स्काईस्पोर्ट्स ने एलेक्सिस मैक एलिस्टर के हवाले से कहा, हम सऊदी अरब के खिलाफ मिली उस हार की भरपाई करना चाहते थे। अब हमें वह शांति मिली जिसकी हमें जरूरत थी। पोलैंड के खिलाफ यह एक शानदार टीम गेम था। इस मैच से हमें खेलने के लिए बहुत आत्मविश्वास मिला है। हम हमेशा सकारात्मक थे, हम शांत थे।
अंतिम 16 में पहुंचने पर एलिस्टर ने कहा, यह मेरे लिए । स्कोर करने के लिए] और पूरी टीम के लिए बहुत भावनात्मक है। हमने पहला लक्ष्य हासिल किया, पहले दौर में शीर्ष पर आना, यह एक सपने के सच होने जैसा है। इस टीम के साथ डेब्यू करना मेरे लिए बहुत गर्व की बात थी। विश्व कप में गोल कर मैं बहुत खुश हूं, अब हमें बस आराम करना है और अगले मैच की तैयारी करनी है।
अर्जेंटीना के प्रबंधक लियोनेल स्कालोनी ने कहा, हो सकता है कि हम सऊदी अरब के खिलाफ उतना अच्छा नहीं खेले लेकिन हमारे पास जीतने की संभावना थी। हम हार गए, इसलिए सभी मैच कठिन हैं और अगर आपको लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच आसान होने वाला है तो आप गलत हैं। जब आप हार गए हैं तो आपको आगे बढ़ना होगा, आप उस हार के बारे में नहीं सोच सकते -हमारे पास खेलने के लिए दो और मैच थे और हम अब इससे गुजर चुके हैं। हमें पता था कि हमें बाकी मैच जीतने होंगे।