नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को उनके मन का खाना मुहैया कराने की मांग वाली एप्लीकेशन को ख़ारिज कर दिया। इस तरह से जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया । स्पेशल जज विकास धूल ने कहा कि सत्येंद्र जैन को धार्मिक विश्वास के मुताबिक भोजन उपलब्ध कराने की मांग नहीं मणि जा सकती ।
सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने सत्येंद्र जैन के इन आरोपों से इनकार कर दिया था कि उन्हें उनके धार्मिक विश्वास के मुताबिक भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जेल प्रशासन ने कहा था कि जैन जेल के भोजन की बजाय अपनी पसंद का खाना चाह रहे हैं। सुनवाई के दौरान जैन की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि सत्येंद्र जैन एक कट्टर जैन धर्मावलंबी हैं और वे पिछले पांच-छह महीनों से फल, सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स खा रहे थे। पिछले 12 दिनों से तिहाड़ जेल ने उनके धार्मिक विश्वास के मुताबिक भोजन देना बंद कर दिया है। मेहरा ने कहा था कि दिल्ली जेल नियमावली के रूल्स 339 और 341 के तहत जैन को अपने धार्मिक विश्वास के मुताबिक भोजन का अधिकार है।
उन्होंने कहा था कि जैन का 21 अक्टूबर को एमआरआई स्कैन किया जाना था, लेकिन तिहाड़ प्रशासन ने नहीं कराया। उसके बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल के महानिदेशक और अधीक्षक से जवाब तलब करते हुए पूछा था कि जैन को पिछले पांच-छह महीनों में कैसा खाना दिया जा रहा था। कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से ये भी पूछा था कि क्या दिल्ली जेल नियमावली के मुताबिक जैन को अपने धार्मिक विश्वास के मुताबिक फल, सब्जियां और ड्राई फ्रूट उपलब्ध कराया जा सकता है।
APPLICATION REJECTED
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने देश के अगले सीजीआई डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
यह याचिका मुरसालिन असिजीत शेख ने दायर की थी, जो आज सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं की गई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने इस याचिका पर आज ही सुनवाई करने की मांग करते हुए कहा कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर को शपथ लेने वाले हैं, इसलिए इस याचिका पर आज ही सुनवाई की जाए। उसके बाद चीफ जस्टिस ने आज दोपहर बाद याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि कोरोना काल में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक सीनियर एडवोकेट के पेश होने पर मामले को टैग कर दिया जबकि उसी मामले में जब जूनियर वकील पेश हुआ तो टैग नहीं किया गया। तब चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आपने इसका कोई साक्ष्य पेश किया है। तब याचिकाकर्ता के वकील ने कल यानि 3 नवंबर तक सुनवाई टालने की मांग की। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको जो कहना है आज कहें, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने आज सुनवाई टालने की मांग की। तब कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की शिकायत राष्ट्रपति से भी की थी जिसकी बार काउंसिल ऑफ इंडिया और विभिन्न बार एसोसिएशन ने निंदा की थी।