मुंबई । 100 करोड़ रुपये वसूली मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 13 महीने बाद बाम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। कोर्ट ने अपने संक्षिप्त फैसले में माना है कि देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर सुनवाई पहले ही पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार को जज मकरंद कर्णिक ने इस मामले में अनिल देशमुख को जमानत देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने संक्षिप्त फैसले में माना है कि देशमुख के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। अनिल देशमुख की ओर से वकील अनिकेत निकम ने बताया कि यह मामला अप्रैल, 2021 में दर्ज किया गया था और गलत तरीके से देशमुख को गिरफ्तार किया गया। मामले में सरकारी गवाह ने अपनी गवाही में कहा था कि वे होटलों से वसूली करते थे, लेकिन वसूली के कोई सबूत नहीं मिले। साथ ही मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भी कहा था कि उन्होंने सुनी सनाई बात के आधार पर आरोप लगाया था, जबकि उनके पास कोई सबूत नहीं हैं। इस मामले में ईडी के पास भी सबूत नहीं थे, इसी वजह से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में देशमुख को जमानत मिली है।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का टारगेट देने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। इसी पत्र के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी और मामले की मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच करने के लिए ईडी को निर्देश दिया था। इसके बाद ईडी ने इस मामले में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। इस मामले में अनिल देशमुख को 13 महीने बाद जमानत मिली है। हालांकि इस समय अनिल देशमुख का इलाज मुंबई के अस्पताल में कोर्ट की अनुमति से हो रहा है।
ANIL DESHMUKH
मुंबई । शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार के समय हुए बहुचर्चित वसूली मामले में मंगलवार को बाॅम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई 2 दिसंबर तक टाल दी है।
हाई कोर्ट के जज एमएस कार्णिक की एकल पीठ ने सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह के अस्वस्थ होने के वजह से इस मामले की सुनवाई मंगलवार को सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 दिसंबर तय की है।
जानकारी के अनुसार अनिल देशमुख (73) ने विशेष कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद पिछले महीने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में चिकित्सा कारणों से जमानत देने की मांग की है। अनिल देशमुख के वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि देशमुख पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। इसलिए याचिका पर सुनवाई की जानी चाहिए, लेकिन जज एमएस कार्णिक ने कहा कि वह इस मामले में दोनों पक्षों की विस्तृत जिरह सुनेंगे, इसके बाद ही मामले पर फैसला सुनाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 2 दिसंबर करने के निर्देश दिए।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल परब पर सौ करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मामले की मनी लॉड्रिंग के तहत जांच करने का निर्देश दिया था। ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एंगल से भी मामला दर्ज किया था और देशमुख को गिरफ्तार किया था। हालांकि ईडी के मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है, लेकिन अभी तक उन्हें सीबीआई के मामले में जमानत नहीं मिली है। अनिल देशमुख फिलहाल न्यायिक कस्टडी में हैं और उन्हें मुंबई के आर्थररोड जेल में रखा गया है।
मुंबई । पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भ्रष्टाचार मामले में न्यायिक कस्टडी मंगलवार को मुंबई की विशेष कोर्ट ने 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। अनिल देशमुख की जमानत पर सुनवाई हाई कोर्ट में प्रलंबित है, इसी वजह आज विशेष कोर्ट ने उनकी न्यायिक कस्टडी बढ़ाने का आदेश जारी किया है।
जानकारी के अनुसार अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लॉड्रिंग मामले में जमानत मिल चुकी है लेकिन सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई ) ने अनिल देशमुख के विरुद्ध भ्रष्टाचार का अलग से मामला दर्ज किया है। इस मामले में जमानत के लिए अनिल देशमुख ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सीबीआई के वकील ने हाई कोर्ट में हलफनामा पेश कर कहा है कि अनिल देशमुख के विरुद्ध भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में प्रलंबित है, इसी वजह से आज विशेष कोर्ट ने अनिल देशमुख की न्यायिक कस्टडी बढ़ा दिया है।
दरअसल, पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने हर महीने 100 करोड़ रुपये रंगदारी वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद सीबीआई ने देशमुख के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख के विरुद्ध मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
मुंबई। मुंबई के विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे अनिल देशमुख को गहरा झटका लगा है।
शुक्रवार को अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सीबीआई के वकील एएसजी अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। अगर अनिल देशमुख को जमानत दी गई तो इस मामले की जांच पर असर पड़ेगा। इस पर अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले में गवाह सचिन वाझे ने कई बार अपना बयान बदला है, वाझे के बयान को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल चुकी है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर एक सौ करोड़ प्रतिमाह रंगदारी वसूली का आरोप लगाया था। इसके बाद इस मामले की जांच के लिए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच करते हुए अनिल देशमुख को 2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था और तब से देशमुख न्यायिक कस्टडी में हैं और उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया है। हालांकि ईडी में दर्ज मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल चुकी है। आज विशेष कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद अनिल देशमुख के वकील हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
मुंबई। राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को आज जसलोक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आगामी दो दिन में अनिल की जसलोक अस्पताल में एंजियोग्राफी की जाएगी। अगर एंजियोग्राफी में उनके हार्ट में ब्लॉकेज पाए गए तो उसका इलाज भी इसी अस्पताल में किया जाएगा। अनिल देशमुख के इलाज की अनुमति मुंबई की विशेष कोर्ट ने दी है। इसी वजह से शुक्रवार को देशमुख को जसलोक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
दरअसल अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का आरोप पूर्व मुंबई आयुक्त परमबीर सिंह ने लगाया था। इस मामले की प्रारंभिक जांच के लिए सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले की मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच करते हुए पिछले वर्ष अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था। ईडी के मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है, जबकि सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में अनिल देशमुख की जमानत याचिका का सीबीआई ने तीव्र विरोध किया है। मुंबई के विशेष कोर्ट में अनिल की जमानत याचिका पर सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।