मास्को। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार फिर विश्वयुद्ध की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन द्वारा यदि संघर्ष किया गया तो इसका अर्थ यही होगा कि तीसरे विश्व की कगार पर दुनिया खड़ी हो जाएगी।
रूस में पांचवी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते पुतिन ने हालिया प्रेसिडेंशियल चुनाव में बड़ी जीत हासिल की। एक बार फिर राष्ट्रपति बनते ही पुतिन ने एक बार फिर पश्चिमी देशों को धमकी दे डाली है। पुतिन ने पश्चिमी देशों को तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन द्वारा यदि संघर्ष किया गया तो इसका अर्थ यही होगा कि तीसरे विश्व की कगार पर दुनिया खड़ी हो जाएगी।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों का बयान गंभीर
पुतिन ने दावा किया है कि यूक्रेन से चल रही जंग के बीच अभी भी नाटो के सैनिक यूक्रेन में मौजूद हैं। इससे पहले हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने भी भविष्य में अपने सैनिकों को यूक्रेन में उतारने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। इस बारे में जब पुतिन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘आज के आधुनिक दौर में कुछ भी संभव है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो तीसरा विश्वयुद्ध ज्यादा दूर नहीं है।’
फिर राष्ट्रपति चुनाव जीते पुतिन, मिले 87 फीसदी वोट
गौरतलब है कि पुतिन एक बार फिर रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। पुतिन को 87 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं। पोलस्टर पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एक एग्जिट पोल के अनुसार, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए, जो रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है। पहले आधिकारिक नतीजों ने संकेत दिया कि चुनाव सटीक थे।
पुतिन के फिर राष्ट्रपति बनने से पश्चिमी देशों को लगा झटका
अमेरिका और पश्चिमी देशों को पुतिन की ताजपोशी से लगा झटका लगा है। यूक्रेन को लगातार सैन्य और आर्थिक मदद करने वाले पश्चिमी देशों को लग रहा थ कि रूस में पुतिन को लगातार जंग का खामियाजा जनता के गुस्से के रूप में देखना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच अमेरिका ने रूस में चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्न खड़ा कर दिया। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, “चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है।
America
- भारतीय सेना 15 मार्च को जोधपुर में बनाएगी अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की पहली स्क्वाड्रन
नई दिल्ली। अब अमेरिकी ‘अपाचे’ और स्वदेशी ‘प्रचंड’ लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की जुगल जोड़ी आसमान में नया गुल खिलाएगी। भारतीय वायु सेना पहले ही स्वदेशी ‘प्रचंड’ की पहली स्क्वाड्रन जोधपुर में स्थापित कर चुकी है लेकिन अब भारतीय सेना की आर्मी एविएशन कोर भी 15 मार्च को जोधपुर में अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का अपना पहला स्क्वाड्रन स्थापित करने जा रही है। इस यूनिट के पहले हेलिकॉप्टर इस साल मई में अमेरिका से आने की उम्मीद है। भारतीय सेना ने अमेरिका से छह अपाचे हेलिकॉप्टर हासिल करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय वायु सेना पहले ही अमेरिकी कंपनी बोइंग के अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों पर भरोसा करती है, इसीलिए वायु सेना ने सितम्बर, 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। वायु सेना ने पठानकोट एयरबेस पर सितम्बर, 2019 में आठ लड़ाकू अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। यह शक्तिशाली और भारी हथियार ले जाने में सक्षम होने के बावजूद वजन में भारी होने की वजह से उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते हैं। इसीलिए हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की जरूरत को देखते हुए वायु सेना ने पिछले साल जोधपुर में मल्टी रोल वाले हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’ की पहली ‘धनुष’ स्क्वाड्रन बनाई थी।
इसी तरह रक्षा मंत्रालय ने 2017 में 4168 करोड़ रुपये कीमत पर सेना के लिए हथियारों के साथ छह अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। भारतीय सेना की आर्मी एविएशन कोर को इस साल मई में अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने की उम्मीद है लेकिन सेना 15 मार्च को जोधपुर में अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों का अपना पहला स्क्वाड्रन स्थापित करने जा रही है। इस स्क्वाड्रन के नाम का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन अमेरिका से मिलने वाले पहले बैच के हेलिकॉप्टरों को जोधपुर की इसी स्क्वाड्रन में तैनात किया जायेगा। सेना के लिए अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
पाकिस्तानी सीमा पर पश्चिमी सेक्टर के जोधपुर में वायु सेना की स्वदेशी ‘प्रचंड’ की स्क्वाड्रन और यहीं पर भारतीय सेना की अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टरों की स्क्वाड्रन मिलकर काम करेगी। दोनों स्क्वाड्रन एक ही जगह पर होने से लड़ाकू अमेरिकी ‘अपाचे’ और स्वदेशी ‘प्रचंड’ की जुगल जोड़ी आसमान में नया गुल खिलाएगी। अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर फ्लाइंग रेंज 550 किलोमीटर में 16 एंटी टैंक मिसाइल दागकर उसके परखच्चे उड़ा सकता है। इसे दुश्मन पर बाज की तरह हमला करके सुरक्षित निकल जाने के लिए बनाया गया है। हेलिकॉप्टर के नीचे लगी बंदूकों से 30 एमएम की 1,200 गोलियां एक बार में भरी जा सकती हैं। अपाचे एक बार में 2:45 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
वकाशिंग्टन। अमेरिका में भारतीय प्रोफेशनल्स की भारी डिमांड है। अमेरिका में बसे भारतीयों का स्टेटस और उनकी पोजिशन यह बताने के लिए काफी है कि भारत से अमेरिका कितना प्रभावित है। अब तो अमेरिका के जनप्रतिनिधि भी भारत का लोहा मानने लगे हैं। वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती धाक की गूंज अब अमेरिका में भी सुनाई दे रही है। यही कारण है कि अमेरिका में पेन्सिल्वेनिया के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से सांसद मैट कार्टराइट ने कहा कि अमेरिका को भारतीय प्रोफेशनलों की सख्त आवश्यकता है। इसी वजह से कार्टराइट ने ग्रीन कार्ड जारी करने की 7 प्रतिशत के कोटा को हटाने की मांग भी की है।
वैसे तो अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं। यही कारण है कि अमेरिका को और भारतवंशियों की आवश्यकता है जो वहां रहकर अमेरिका के विकास में और योगदान कर सकें। अमेरिकी सांसद मैट कार्टराइट ने भारतीयों के लिए ग्रीन कार्ड की कैप को खत्म करने की अपील भी की है।
7 फीसदी ग्रीनकार्ड के कोटे को हटाने की मांग
अमेरिका हर साल सिर्फ 7% भारतीयों को ही ग्रीन कार्ड जारी करता है। कार्टराइट ने इस कोटे को हटाने की मांग की है। कार्टराइट ने कहा कि ये बहुत जरूरी है कि जब भारतीय नौकरी की तलाश में हों तो वो अमेरिका आकर बसें, क्योंकि अमेरिका को हाई क्वालिटी, हाई स्किल्ड और स्मार्ट लोगों की जरूरत है। मैट कार्टराइट पेन्सिल्वेनिया के 8वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से सांसद हैं। कार्टराइट लंबे समय से ग्रीन कार्ड का कोटा हटाने की गुहार लगाते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हर देश के लिए 7 फीसदी कोटा सीमित कर दिया है, लेकिन इस वजह से भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक और मित्र देशों को नुकसान होता है। भारत में बहुत सारे लोग उच्च शिक्षित हैं और अमेरिका में 7 फीसदी कोटे की सीमितता की वजह से इन्हें मौका नहीं मिल पाता है। यदि ऐसे लोगों को अमेरिका में मौका नहीं मिला, तो यह अमेरिका की बेवकूफी होगी।
अमेरिका में हाई स्किल्ड भारतीयों की जरूरत
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने हमेशा तेज बुद्धि और हाई स्किल्ड लोगों को यहां आने और हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वागत किया है। और ऐसा सैकड़ों साल से जारी है। इसलिए ये 7 प्रतिशत का मनमाना कोटा लगाना गलती है। कार्टराइट ने कहा कि दोनों देशों के बीच होने वाला अंतर्राष्ट्रीय कारोबार बहुत जरूरी है। और भारत से ज्यादा से ज्यादा लोग यहां आएं, ये भी बहुत जरूरी है।
ग्रीन कार्ड को अमेरिका में आधिकारिक तौर पर स्थायी निवास कार्ड के तौर पर जाना जाता है। यह अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है, जिसके तहत वीजाधारक को स्थायी रूप से रहने का अधिकार दिया जाता है। ग्रीन कार्ड जारी करने के लिए प्रति देश के हिसाब से एक तय सीमा होती है। अनुमान है कि अमेरिका में 2.35 करोड़ लोग एशियाई मूल के हैं। सबसे ज्यादा 52 लाख नागरिक चीनी मूल के हैं। दूसरे नंबर पर 48 लाख भारतीय मूल के हैं।
अमेरिका में भी टिक टॉक को बैन करने की तैयारी, सदन ने भारी बहुमत से पारित किया विधेयक
वाशिंगटन। भारत के बाद अमेरिका ने भी चीन को बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सदन ने चीनी एप टिकटॉक को बैन करने के लिए एक विधेयक पारित किया है। अमेरिकी सदन ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने वाले इस विधेयक को भारी बहुमत से पारित करके चीन को कड़ा संदेश दिया है। राजनीतिक रूप से विभाजित वाशिंगटन में टिकटॉक को बैन करने के मामले में गजब की द्विदलीय एकता दिखाई दी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सांसदों ने प्रस्तावित कानून के पक्ष में 352 और विपक्ष में सिर्फ 65 वोट दिए।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को भारी बहुमत से इस विधेयक को मंजूरी देकर चीन के होश उड़ा दिए हैं। अमेरिका का यह फैसला टिकटॉक को अपने चीनी मालिक से अलग होने या संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रतिबंधित होने के लिए मजबूर करेगा। यह कानून वीडियो-शेयरिंग ऐप के लिए एक बड़ा झटका होने का खतरा है, जिसने दुनिया भर में लोकप्रियता में वृद्धि की है, जबकि इसके चीनी स्वामित्व और बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी के लिए इसकी संभावित अधीनता के बारे में घबराहट पैदा हो रही है।
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगर यह विधेयक राष्ट्रपति के डेस्क पर आता है तो जो बाइडेन उस विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसे आधिकारिक तौर पर “विदेशी शत्रु नियंत्रित अनुप्रयोगों से अमेरिकियों की रक्षा अधिनियम” के रूप में जाना जाता है। टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को 180 दिनों के भीतर ऐप बेचने की आवश्यकता है या इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐप्पल और गूगल ऐप स्टोर से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। यह राष्ट्रपति को अमेरिका के प्रतिकूल माने जाने वाले किसी देश के नियंत्रण में होने पर अन्य अनुप्रयोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित करने की शक्ति भी देता है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, टिकटॉक के खिलाफ वाशिंगटन का पुनरुत्थान अभियान कंपनी के लिए एक आश्चर्य के रूप में आया, जब बाइडेन पिछले महीने दूसरे कार्यकाल के लिए अपने अभियान के हिस्से के रूप में ऐप में शामिल हुए तो टिकटॉक के अधिकारी आश्वस्त हो गए। टिकटॉक के सीईओ शौ ज़ी च्यू वाशिंगटन में हैं और बिल को रोकने के लिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दिलचस्प चुनाव के लिए स्टेज सेट होता दिख रहा है। अमेरिका में नवंबर 2024 में होंगे राष्ट्रपति चुनाव। अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी के दौर में डोनॉल्ड ट्रंप और बाइडेन को मिली जीत से साफ हो चुका है कि इन्हीं दोनों नेताओं के बीच एक और महा मुकाबला देखने को मिलेगा। इससे यह भी स्पष्ट है कि अमेरिका को 2024 में भी उम्रदराज राष्ट्रपति ही मिलेगा। क्योंकि फाइनल मुकाबला राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के बीच ही होने वाला है। बाइडेन ने डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में, वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन प्राइमरी चुनाव में जीत हासिल कर अपने-अपने दलों की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की ओर कदम बढ़ा दिया है।
राष्ट्रपति बाइडन (81) ने जॉर्जिया में पार्टी के प्राइमरी चुनाव में आसानी से जीत हासिल की और अब वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के संभावित उम्मीदवार बन गए हैं। बाइडन को कुल 3,933 डेलीगेट (मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्टी सदस्य) में से आधे से अधिक का समर्थन मिल चुका है। डेमोक्रेट उम्मीदार बनने के लिए 1,968 डेलीगेट के समर्थन की जरूरत होती है। बाइडन को अगस्त में शिकागो में ‘डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन’ के दौरान औपचारिक रूप से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। ट्रंप (77) को अब तक 1,215 डेलिगेट का समर्थन मिल चुका है। रिपब्लिकन प्राइमरी में जीत के बाद ट्रंप के प्रचार विभाग ने उनका एक वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। ट्रंप ने कहा, “यह एक बड़ी जीत है। अब हमें वापस काम में जुट जाना होगा क्योंकि हमारे पास देश के इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपति हैं। उनका नाम जो बाइडन है, जिन्हें कभी-कभी कुटिल बाइडन भी कहा जाता है, और उन्हें हराना ही होगा।
जुलाई में ट्रंप के रिपब्लिकन उम्मीदवार होने की होगी आधिकारिकक घोषणा
ट्रंप को जुलाई में ‘रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन’ में आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। ट्रंप लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार होंगे। पिछली बार की तरह इस बार भी दोनों का मुकाबला लंबे समय से प्रतीक्षित था, हालांकि ट्रंप इस बार अलग-अलग मुकदमों का सामना करते हुए चुनाव लड़ेंगे। ट्रंप 25 मार्च को न्यूयॉर्क में किसी आपराधिक मुकदमे का सामना करने वाले अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति बन जाएंगे। इस मामले में ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने ‘पॉर्न स्टार’ को किए गए गुप्त भुगतान को छिपाने के लिए गलत तरीके से रिकॉर्ड में हेरफेर की।
बाइडेन ने ट्रंप को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने बाइडन के अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वहीं बाइडन की ओर से एक बयान जारी कर जीत तथा उम्मीदवारी पर प्रसन्नता व्यक्त की गई और ट्रंप को लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया गया। बाइडन ने कहा कि ट्रंप, ‘‘आक्रोश, प्रतिशोध का अभियान चला रहे हैं जो अमेरिका के मूल विचार को खतरे में डालता है।’’ मंगलवार को प्राइमरी चुनाव की पूर्व संध्या पर ट्रंप ने स्वीकार किया था कि बाइडन ही उनके सामने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार होंगे। रिपब्लिकन प्राइमरी में जीत के बाद ट्रंप का हौसला बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सबसे खराब राष्ट्रपति को अब हराना ही होगा। (भाषा)
मीरजापुर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि इस साल के अंत तक उत्तर प्रदेश का सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के समान होगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2014 तक 7643 किलोमीटर नेशनल हाई-वे था। पिछले 10 वर्षों में यह 13 हजार किलोमीटर हो चुका है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में दो लाख करोड़ रुपये का सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें ग्रीन फील्ड का भी काम है। प्रतिदिन सात किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
गडकरी ने मीरजापुर जिले में बथुआ स्थित पालीटेक्निक कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विंध्याचल धाम से अयोध्या धाम तक फोरलेन सड़क का शिलान्यास किया। फोरलेन सड़क बनने से मीरजापुर से जौनपुर, अकबरपुर होते हुए तीन घंटे में अयोध्या पहुंचा जा सकेगा। इसमें कई स्थानों पर काम शुरू हो चुका है। अन्य पर शुरू होगा।
गडकरी ने मीरजापुर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले शास्त्री पुल के बगल में 15 किलोमीटर लंबे छह लेन पुल का भी शिलान्यास किया। इस परियोजना पर 1750 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में सड़कों का जाल बिछने से आस्था पथ पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी ही, रोजगार के द्वार भी खुलेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने 1500 करोड़ रुपये से मीरजापुर-प्रयागराज राजमार्ग को फोरलेन किए जाने की भी घोषणा की। साथ ही प्रयागराज के कोरांव से मीरजापुर के अति पिछड़े आदिवासी बाहुल्य हलिया तक एक हजार करोड़ रुपये से फोरलेन सड़क निर्माण की घोषणा की। गडकरी ने कहा कि जून तक इस पर काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा वाराणसी-विंध्याचल मार्ग पर माधोसिंह में सौ करोड़ की लागत से ओवरब्रिज बनाने की घोषणा की। माधोसिंह में रेलवे क्रासिंग के चलते वाराणसी-विंध्याचल मार्ग पर जाम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ओवरब्रिज बनने से काशी-विंध्याचल- प्रयागराज-अयोध्या की राह आसान होगी ही, समय के साथ पैसे भी बचेंगे। वहीं पर्यटन को बढ़ावा मिलने से धार्मिक पर्यटन की संकल्पना भी साकार होगी।
स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने गडकरी का स्वागत किया। उनके संसदीय क्षेत्र में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की सड़कों के निर्माण कार्य की घोषणा एवं शिलान्यास से सांसद प्रफुल्लित दिखीं। कार्यक्रम में राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी मौजूद रहे।
वाशिंगटन। अमेरिका में स्थित इजराइली दूतावास के बाहर आत्मदाह करने वाले अमेरिकी वायुसैनिक की सोमवार को मौत हो गई। वायुसेना कर्मी ने रविवार को यहां स्थित इजराइली दूतावास के बाहर यह कहते हुए खुद को आग लगा ली कि वह ‘‘अब नरसंहार में शामिल नहीं होगा।’’
मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग ने बताया कि मृतक की पहचान 25 वर्षीय आरोन बुशनैल के रूप में हुई। एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना कर्मी रविवार को अपराह्न एक बजे से कुछ देर पहले दूतावास पहुंचा और वीडियो स्ट्रीमिंग मंच ‘ट्विच’ पर उसने ‘लाइव-स्ट्रीमिंग’ (सीधा प्रसारण) शुरू कर दी। अधिकारियों का मानना है कि व्यक्ति ने लाइवस्ट्रीम शुरू करने के बाद अपना फोन नीचे रखा और फिर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़क कर आग लगा ली। आग लगाते समय वायुसेना कर्मी ने कहा कि वह “अब नरसंहार में शामिल नहीं होगा।’’
यह घटना तब हुई, जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दक्षिणी गाजा शहर रफह में एक सैन्य अभियान के लिए कैबिनेट की मंजूरी मांग रहे हैं, जबकि एक अस्थायी संघर्ष विराम समझौते पर भी बातचीत चल रही है। हालांकि, गाजा में इजराइल के सैन्य हमले की आलोचना हुई है। इजराइल पर फलस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार के आरोप भी लगाए गए हैं।
विकीलीक्स संस्थापकअसांजे के अमेरिकी प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
लंदन । विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील पर ब्रिटिश हाई कोर्ट में बुधवार को दो दिन तक चली सुनवाई पूरी कर ली गई लेकिन न्यायाधीशों ने कहा कि वे अपना फैसला बाद में सुनाएंगे। जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे 52 वर्षीय असांजे अमेरिका में वांछित हैं। असांजे को 2019 से दक्षिण पूर्व लंदन स्थित अत्यंत सुरक्षा वाली वेलमार्श जेल में रखा गया है।
एक दशक पहले अफगानिस्तान और इराक युद्धों से संबंधित सैन्य दस्तावेज विकीलीक्स पर प्रकाशित होने के बाद असांजे अमेरिका में राष्ट्रीय रक्षा सूचना सार्वजनिक करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। विकीलीक्स पर प्रकाशित सूचनाओं में अपाचे हेलीकॉप्टर से 2007 में बगदाद की सड़कों पर रायटर के पत्रकारों और बच्चों को अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने का वीडियो फुटेज भी शामिल है।
अमेरिका के वकीलों ने इससे पहले कहा था कि जेल की सजा सुनाई गई तो असांजे को उनके अपने देश आस्ट्रेलिया में स्थानांतरित किए जाने की अनुमति दी जाएगी। 2022 में ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीती पटेल ने असांजे को प्रत्यर्पित करने की स्वीकृति दी थी। इससे पहले असांजे के मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं को देखते हुए प्रत्यर्पण रोक दिया गया था।
बर्न्सविले । अमेरिका में मिनेसोटा के मिनियापोलिस उपनगर में घरेलू हिंसा संबंधी एक शिकायत मिलने के बाद रविवार तड़के मदद के लिए पहुंचे दो पुलिस अधिकारियों समेत तीन लोगों की गोली मारकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने के वाले एक संघ ने यह जानकारी दी है।
मिनेसोटा पुलिस एंड पीस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इस घटना में बर्न्सविले के पुलिस अधिकारियों समेत तीन लोगों की मौत होने की पुष्टि की। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए पुलिस, दमकल विभाग और मेयर समेत शहर के किसी भी अधिकारी से बात नहीं हो सकी है। इस मामले में आधिकारिक सूचना और पुष्टि किया जाना बाकी है।
कोलकाता। लंबे समय से अमेरिका में रह रहे कोलकाता के मूल निवासी प्रवासी भारतीय नागरिक जिष्णुनाथ पर महानगर में हुए हमले को लेकर अमरीकी दूतावास सख्त हो गया है। कोलकाता पुलिस की ओर से घटना के तीन दिनों बाद भी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किए जाने के बाद अब दूतावास ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कोलकाता के कांकुलिया इलाके में जिष्णुनाथ पर हमला किया गया था। मूल रूप से कोलकाता के रहने वाले जिष्णु कई साल से अमरीकी नागरिक हैं। इस मामले में रवीन्द्र सरोवर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी लेकिन घटना के तीन दिन बीत गए हैं और पुलिस हमलावरों को धरदबोचने में विफल रही है।
55 वर्षीय जिष्णुनाथ का जन्म कोलकाता के गोलपार्क में हुआ था। उन्होंने 1992 में जादवपुर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की। इसके बाद लंबे समय तक अमेरिका में रहे और वहां की नागरिकता भी हासिल की। कोलकाता वापसी पर उन्हें स्थानीय क्लबों की ओर से किस तरह से परेशान किया जाता है इसकी आपबीती उन्होंने सुनाई है। वह कहते हैं, ‘2019 में मुझे कुछ स्थानीय लड़कों की ओर से रंगदारी के लिए धमकाया गया। मैंने थाने में शिकायत की लेकिन बाद में वापस ले ली क्योंकि मुझे वापस अमेरिका जाना था।’
काकोलिया में उनका घर है, जहां काम चल रहा है। आरोप है कि प्रमोटर खोकोन सरदार और राबिन सरदार उर्फ भैलो काम के बदले पैसे की मांग कर रहे थे। वह 17 जनवरी को कोलकाता आये तो देखा कि उनके घर के आसपास कई बोरियां कूड़ा-कचरा डाल दिया गया है। आरोप है कि जब उन्होंने भैलो से इस बारे में बात की तो उसने कचरा हटाने के लिए पैसे मांगे। जब जिष्णुनाथ ने इनकार किया तो उन्हें मारा-पीटा गया। उनकी बांई आंख और शरीर के अन्य हिस्से में चोट आई है। उन्होंने तुरंत पुलिस को इतला किया लेकिन तीन घंटे बाद पुलिस पहुंची। जिष्णु के बेलूर में रहने वाले बहनोई को भी धमकी दी गई है।
अस्पताल में इलाज के बाद वह लौटे तो उन्हें डर के साए में रहना पड़ रहा है। गुरुवार को जिष्णुनाथ ने अमेरिकी दूतावास के अलावा लाल बाजार जाकर दोबारा शिकायत दर्ज कराई है। जिष्णु के मुताबिक विवाद बढ़ने पर पुलिस ने भैलो प्रमाणिक उर्फ बापी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया लेकिन अन्य दो आरोपित पकड़े नहीं जा सके हैं। पुलिस के मुताबिक कोलकाता पुलिस की दक्षिण-पूर्व शाखा और खुफिया विभाग (डीडी) की गैंगस्टर दमन विंग (एआरएस) घटना की विस्तार से जांच कर रही है। सीसीटीवी कैमरे और फोन की जानकारी खंगाली जा रही है।
इधर, अमेरिकी दूतावास के हस्तक्षेप के बाद कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) सैयद वकार राजा ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 41, 326, 385, 379, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है। अमेरिकी दूतावास के सूत्रों ने बताया है कि जिष्णुनाथ की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और अगर कोलकाता पुलिस कार्रवाई में विफल रहती है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की जाएगी।