नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों की योग्यता संबंधी मामले में महत्वपूर्ण फैसला दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इन 16 विधायकों की योग्यता के संबंध में निर्णय महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद शिंदे सरकार पर मंडरा रहा खतरा फिलहाल टल गया है। मतलब यह कि महाराष्ट्र में शिंदे गुट के विधायकों और भारतीय जनता पार्टी आदि के सहयोग से चल रही सरकार बनी रहेगी। इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को जबरदस्त झटका लगा है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि वह उद्धव सरकार को बहाल नहीं कर सकती। शीर्ष अदालत ने कहा कि स्पीकर इन विधायकों की योग्यता के संबंध में समय सीमा के भीतर फैसला करें। पिछले साल उद्धव सरकार से बगावत करते हुए शिंदे गुट के विधायकों ने भाजपा से हाथ मिला लिया था। महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल लाने वाले इस सियासी उथल-पुथल के बाद विधानसभा में बहुमत परीक्षण से किनारा करते हुए उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसी के बाद भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपनी दावेदारी से कदम पीछे खींचते हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया। इसके बाद शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और फडणवीस डिप्टी सीएम बने थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष-बाण’ चुनाव चिह्न भी शिंदे गुट को मिल गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को अपने फैसले में कहा भी कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया होता तो उन्हें राहत दे सकते थे।
महाराष्ट्र: शिंदे सरकार बनी रहेगी, 16 विधायकों की योग्यता पर स्पीकर फैसला करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उद्धव ठाकरे गुट को जबरदस्त झटका लगा
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