नई दिल्ली । देश में जजों की संख्या दोगुनी करने की मांग पर सुनवाई करने से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इनकार कर दिया । कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका समय बर्बाद करने वाली ही होती है और उनको दाखिल करने वालों पर हर्जाना लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के लिए स्वीकृत जजों के 160 पदों को भरना मुश्किल है और आप 320 जजों की नियुक्ति चाहते हैं।
चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय से पूछा कि क्या आप कभी बॉम्बे हाई कोर्ट गए हैं। वहां एक भी जज को बढ़ाया नहीं जा सकता है क्योंकि वहां इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। जजों की संख्या बढ़ा देना समस्या का हल नहीं है। हर समस्या के लिए जनहित याचिका जरूरी नहीं होती है। आप कोशिश कीजिए कि जजों की जो वर्तमान संख्या है वो भर जाए। हाई कोर्ट में खाली पदों को भरने के लिए ही लोग उपलब्ध नहीं हैं।चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से पूछा कि कितने वकील जज बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस याचिका को दायर करने से पहले रिसर्च करना चाहिए था।