नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने अपने नाम में धार्मिक शब्दों और प्रतीकों के इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रदद् करने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए निर्वाचन आयोग को समय दे दिया है। कोर्ट ने मामला अहम बताते हुए 26 नवंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
वसीम रिज़वी की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौरव भाटिया ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, हिंदू एकता दल जैसी पार्टियों का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था कि बोम्मई केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता बुनियादी चीज है। सुनवाई के दौरान भाटिया ने कहा कि कोई राजनीतिक दल अगर धार्मिक नाम पर वोट मांगता है तो वह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाने की अनुमति दी थी।