नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिलने के फैसले का स्वागत किया है।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिक विवाह संबंधी निर्णय स्वागत योग्य है। हमारी लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था इससे जुड़े सभी मुद्दों पर गंभीर रूप से चर्चा करते हुए उचित निर्णय ले सकती है।
विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई मातवलंबियों सहित संबंधित सभी पक्षों को सुनने के बाद आया निर्णय स्वागत योग्य है। सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिक विवाह को पंजीयन योग्य नहीं मानना और इसे मौलिक अधिकार का दर्जा नहीं देना एक संतोषजनक कदम है। साथ ही समलैंगिकों को बच्चों को दत्तक लेने का अधिकार भी न दिया जाना एक अच्छा कदम है।