- याचिकाकर्ता से कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और आप धर्मनिरपेक्ष कोर्ट में खड़े हैं
नई दिल्ली । भारत के प्राचीन शहरों के नाम दोबारा उनके वास्तविक नामों पर रखे जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय से पूछा कि इससे आप क्या हासिल करना चाहते हैं। क्या आप देश में उबाल चाहते हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है, जिसने सभी को समाहित किया है। इसी वजह से हम सब मिलजुल कर रहते हैं। फूट डालो और शासन करो की अंग्रेजों की नीति ने हमारे समाज में भी विभाजन पैदा कर दिया। अब हमें उसे दोहराने की जरूरत नहीं है।
जस्टिस केएम जोसेफ ने अश्विनी उपाध्याय से कहा कि हिंदुत्व में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। तब उपाध्याय ने कहा कि इसकी वजह से कई ऐतिहासिक जगहों पर हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। उपाध्याय ने कहा कि इतिहास गजनी और गोरी से क्यों शुरू होना चाहिए, औरंगजेब का भारत से क्या नाता है। तब जस्टिस केएम जोसेफ ने उपाध्याय से कहा कि आप इन चीजों को जिंदा क्यों रखना चाहते हैं। आप देश में उबाल क्यों चाहते हैं। आप किसी एक धर्म या समुदाय को नीचा क्यों दिखाना चाहते हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और आप धर्मनिरपेक्ष कोर्ट में खड़े हैं।
तब उपाध्याय ने कहा कि लोदी, गजनी और गोरी के नाम पर सड़कें हैं, लेकिन पांडवों के नाम पर एक भी सड़क नहीं है। इंद्रप्रस्थ का निर्माण युधिष्ठिर ने कराया था। फरीदाबाद का नाम इसको लूटने वाले के नाम पर पड़ा। उपाध्याय ने कोर्ट का रुख भांपते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी तो कोर्ट ने कहा कि हम याचिका खारिज करेंगे। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ऐसी याचिकाओं के जरिए समाज को मत बांटिए। याचिका दायर करते समय देश को सर्वोपरि रखें, धर्म को नहीं।
याचिका में सूचना के अधिकार के तहत मांग की गई थी कि भारत में मध्यकाल में जिन शहरों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए, उनके पूर्व के प्राचीन नाम खोजे जाएं। याचिका में रिनेमिंग कमीशन बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि रिनेमिंग कमीशन पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के उन वास्तविक नाम को खोजे जिन्हें विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं।
याचिका में संविधान की धारा 19 का हवाला देते हुए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को उन नामों को खोजने की मांग की गई थी। इसमें बेगूसराय, बिहार शरीफ, दरभंगा, हाजीपुर, जमालपुर, अहमदाबाद, होशंगाबाद, गाजियाबाद, फिरोजाबाद, फरीदाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, मुजफ्फरपुर जैसी जगहों का हवाला दिया गया था।