नई दिल्ली ।अपने नाम में धार्मिक शब्दों और प्रतीकों के इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है।
आज सुनवाई के दौरान एआईएमआईएम के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि याचिका में केवल एआईएमआईएम और मुस्लिम लीग को पक्ष बनाया गया है। ऐसा केस दिल्ली हाई कोर्ट में भी लंबित है। तब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में लंबित केस की जानकारी मांगी और सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी गई।
5 सितंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। याचिका वसीम रिज़वी ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौरव भाटिया ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, हिंदू एकता दल जैसी पार्टियों का उदाहरण दिया था। उन्होंने कहा था कि बोम्मई केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता बुनियादी चीज है।
सुनवाई के दौरान भाटिया ने कहा कि कोई राजनीतिक दल अगर धार्मिक नाम पर वोट मांगता है तो वह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन कर रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाने की अनुमति दी थी।