कानपुर। शहर के चर्चित ज्योति हत्याकांड में आठ साल से सुनवाई और जिरहों का दौर चल रहा था। गुरुवार को अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट ने ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा सहित छह लोगों को दोषी करार दिया और साक्ष्यों के अभाव में तीन को बरी कर दिया। वहीं शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी पाये गये सभी छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इसके बाद सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।
पांडुनगर निवासी बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी के बेटे पीयूष श्यामदासानी की पत्नी ज्योति की संदिग्ध हालात में 27 जुलाई 2014 को हत्या हुई थी। आठ साल पुराने इस चर्चित मामले में गुरुवार को अपर जिला जज प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी की अदालत ने छह को दोषी पाया। इसमें ज्योति के पति पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा के अलावा मनीषा के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी, हत्या करने का सौदा करने वाला आशीष कश्यप और हत्यारे सोनू व रेनू को दोषी करार दिया। वहीं साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने पीयूष की मां पूनम व दो भाइयों मुकेश और कमलेश को बरी कर दिया।
शुक्रवार को अपर जिला जज कोर्ट में शासकीय अधिवक्ता दामोदर मिश्रा, धर्मेन्द्र पाल सिंह ने तर्क देते हुए दोषियों को फांसी की सजा की मांग की। इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कम से कम सजा की मांग कर दी। दोनों पक्षों की ओर से दलीलें दी गईं और अन्तत: कोर्ट ने दोषी पाये गये सभी छह अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
गुरुवार को कोर्ट ने छह अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। जिसमें तीन जेल में ही बंद है और पीयूष, प्रेमिका मनीषा व आशीष की जमानत हो चुकी थी। जेल में बंद तीन लोगों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया, वहीं जमानत प्राप्त अभियुक्तों को भी कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में सबकी निगाहें प्रेमिका मनीषा पर रही जो सजा के भय से सजा सुनाने के पहले से ही रोने लगी और जब सजा सुनाई गई तो कोर्ट में फूट फूटकर रोती रही। सजा सुनाये जाने के बाद सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया गया।
जबलपुर निवासी ज्योति के पिता शंकर नाग देव ने कोर्ट के निर्णय पर खुशी जताते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई है। लम्बे संघर्ष के बाद उनकी बेटी को न्याय मिला है। हमें कोर्ट से उम्मीद है इस जघन्य अपराध पर हत्यारोपियों को फांसी मिलेगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। फिर भी हम कोर्ट के निर्णय से संतुष्ट हैं। जिन लोगों को बरी किया गया है, उनके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके साथ ही हाईकोर्ट में बराबर पैरवी कर हत्यारोपियों को फांसी की सजा की मांग करेंगे।
10 लोग बनाए गये थे आरोपी
पुलिस ने पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, मनीषा के ड्राइवर अवधेश कुमार चतुर्वेदी, पीयूष से सुपारी लेकर हत्या की साजिश रचने वाले आशीष कश्यप व सुपारी किलर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया और सोनू कश्यप के अलावा पुलिस को सही जानकारी न देने के आरोप में पीयूष के पिता ओम प्रकाश श्यामदासानी, मां पूनम व दो भाइयों मुकेश और कमलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट भेजी थी। इनमें से पिता ओम प्रकाश की मौत मुकदमे की सुनवाई के दौरान हो चुकी है।
तीन की नहीं हुई थी जमानत
ज्योति हत्याकांड में अवधेश, रेनू और सोनू घटना के बाद से जेल में ही बंद है, जबकि बाकी आरोपितों को जमानत मिल गई थी। रेनू और सोनू के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था। रेनू के पास से पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू और ज्योति के गहने बरामद किए थे।