मुंबई । मुंबई -अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की सभी अड़चनें दूर हो गई है। परियोजना के रास्ते में आने वाले 21 हजार 997 मैंग्रोव पेड़ों को काटने की बाम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अनुमति दे दी है।
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट मुम्बई -अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में मुंबई, पालघर और ठाणे जिले में मैंग्रोव पेड़ बाधक बने हुए थे। इन पेड़ों को न काटे जाने की मांग को लेकर एक याचिका बॉम्बे एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप ने हाई कोर्ट में दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि मुंबई, पालघर और ठाणे में 53,467 मैंग्रोव पेड़ काटे जाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने वाला है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई हुई थी। नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल ) की ओर से इन पेड़ों को काटने की अनुमति हाई कोर्ट से मांगी गई थी। खंडपीठ ने मैंग्रोव पेड़ों की संख्या कम करने के लिए कहा था। इसके बाद एनएचएसआरसीएल के वकील प्रहलाद परांजपे और मनीष केलकर ने हाई कोर्ट को बताया कि काटे जाने वाले मैंग्रोव की संख्या अब 53,467 से घटाकर 21,997 कर दी गई है। साथ ही उन्होंने गुहार लगाई है कि उनकी मांग मान ली जाए ।
एनएचएसआरसीएल ने कोर्ट को बताया कि जितने मैंग्रोव काटे जा रहे हैं, उससे पांच गुना पौधे लगाने का भी जिम्मा लिया गया है।
इसके बाद खंडपीठ ने इस मामले का फैसला सुरक्षित रख दिया था। शुक्रवार को हाई कोर्ट ने बुलेट ट्रेन की राह में बाधक 21,997 मैंग्रोव पेड़ों की कटाई की अनुमति दी है। हाई कोर्ट की अनुमति के बाद 1.1 लाख करोड़ रुपये की इस योजना को गति मिलने वाली है । इस परियोजना को अन्य सभी आवश्यक अनुमतियां मिल चुकी है।