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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस नियुक्त करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

by Suyash
delhi high court

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस नियुक्त करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह याचिका ग्राम उदय फाउंडेशन के अध्यक्ष संजीव कुमार तिवारी ने दायर की थी। इसे ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये याचिका पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है। इससे पहले 3 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज की थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली है। उनका चीफ जस्टिस के रूप में दो साल से ज्यादा का कार्यकाल होगा और 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए ऑनर्स और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की थी।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम किया था। वे विदेशों के कई यूनिवर्सिटी और लॉ कॉलेजों में व्याख्यान दे चुके हैं। वे अमेरिका के ओकलाहामा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ और मुंबई यूनिवर्सिटी में कंपरेटिव कांस्टीट्यूशनल लॉ में विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। उन्होंने अपनी वकालत बांबे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में की। उन्हें जून 1998 में बांबे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया। वे 1998 से लेकर मार्च 2000 तक एएसजी रहे। उन्हें 29 मार्च 2000 को बांबे हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। 31 अक्टूबर 2013 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। 13 मई 2016 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।