मुरादाबाद । एमपी-एमएलए कोर्ट ने 12 वर्ष पूर्व धोखाधड़ी और गबन के एक मामले में पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी को बुधवार को दोषी मानते हुए सात साल की कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर आठ हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में दूसरे आरोपित विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा में जिला जेल भेज दिया गया।
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि वर्ष 2000 में मुरादाबाद के थाना गलशहीद में विद्युत विभाग ने हाजी इकराम कुरैशी के विरुद्ध धोखाधड़ी और गबन के मामले में केस दर्ज कराया था। जिसमें हाजी इकराम कुरैशी पर बिजली का करीब 6 लाख 88 हजार रुपये का बिल था। हाजी इकराम कुरैशी और विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा ने मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बना ली, जबकि यह रुपये विद्युत विभाग में जमा नहीं किए थे। इस मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट स्मिता गोस्वामी की अदालत में चल रही थी।
एडवोकेट मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार को इस मुकदमे में न्यायालय ने फैसला सुनाया। जिसमें हाजी इकराम कुरैशी को धोखाधड़ी और गबन के मामले में दोषी करार देते हुए 7 वर्ष सजा और 8000 रुपये का जुर्माना लगाया है। विद्युत विभाग के एसएसओ राम अवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया। पूर्व विधायक को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जिला कारागार भेज दिया गया।
इकराम कुरैशी ने सपा से बगावत कर कांग्रेस से लड़ा था चुनाव
समाजवादी पार्टी में कई बार जिलाध्यक्ष और सपा सरकार में दर्जा राज्यमंत्री रहे हाजी इकराम कुरैशी वर्ष 2017 में सपा के सिंबल पर मुरादाबाद देहात विधानसभा से विधायक बने थे। वर्ष 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में सपा ने हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर हाजी नासिर कुरैशी को मुरादाबाद देहात से टिकट दे दिया। हाजी इकराम ने सपा से बगावत कर कांग्रेस की सदस्यता लेकर कांग्रेस के सिंबल पर मुरादाबाद देहात विधानसभा से चुनाव लड़ा, जिसमें हाजी इकराम की जमानत जब्त हो गई और सपा प्रत्याशी हाजी नासिर कुरैशी मुरादाबाद देहात विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने।