मुंबई। चुनाव आयोग की ओर से शिंदे गुट को शिवसेना नाम और धनुष-बाण चुनाव चिन्ह दिए जाने के फैसले को ठाकरे गुट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आनलाइन याचिका दाखिल करके चुनौती देगा। ठाकरे समूह के इस निर्णय की जानकारी मिलते ही सीएम एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट भी दाखिल कर दी है।
ठाकरे गुट का कहना है कि स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने 19 जून 1966 को शिवसेना का गठन किया था। 57 साल पुरानी पार्टी और चुनाव चिन्ह ठाकरे परिवार के हाथ से निकल गया है। इसलिए ठाकरे गुट इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई में उतर गया है। उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि उनकी तरफ से चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए ऑनलाइन याचिका दाखिल कर 20 फरवरी को अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई जाएगी।
ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश होंगे। ठाकरे गुट के वकील चुनाव आयोग के आदेश में कानूनी खामियों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। दरअसल, चुनाव आयोग ने सिर्फ जीते हुए जनप्रतिनिधियों के वोटों का अपने फैसले का आधार बनाया है, जबकि पराजित जनप्रतिनिधियों को मिले वोटों की गणना नहीं की गई है। इसी तरह चुनाव आयोग ने 2018 में शिवसेना पार्टी के संविधान में बदलाव का हवाला दिया है। ठाकरे गुट इसकी वीडियोग्राफी भी सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगा। इस वीडियोग्राफी में एकनाथ शिंदे खुद उपस्थित थे और उन्होंने इस बदलाव को मान्य किया था।
ठाकरे गुट चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट
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