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डिंपल यादव ने सपा का गढ़ बचाया, मैनपुरी में जीत का परचम लहराया

खतौली में रालोद-सपा प्रत्याशी मदन भैया जीते, रामपुर शहर सीट से भाजपा के आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की

by City Headline
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर उनकी बहू और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव चुनाव जीत गई हैं। उन्‍होंने उनके समक्ष चुनाव मैदान में उतरे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्‍याशी रघुराज सिंह शाक्य को बड़े अंतर से पराजित कर सपा के गढ़ में जीत का परचम लहराया। वहीं मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर राष्‍ट्रीय लोकदल और सपा गठबंधन के प्रत्‍याशी मदन भैया ने भाजपा प्रत्‍याशी राजकुमारी सैनी को हरा दिया है। यूपी में सत्‍तारूढ़ भाजपा के लिए उपचुनाव में राहत भरी खबर रामपुर से मिली, जहां आजम खां को तीन साल की सजा हो जाने के कारण रिक्‍त हुई रामपुर शहर की सीट से भाजपा प्रत्‍याशी आकाश सक्‍सेना चुनाव जीत गए हैं। आकाश सक्‍सेना ने आजम खां के करीबी और सपा प्रत्‍याशी आसिम रजा को विधानसभा के उपचुनाव में पराजित किया।

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर एवं खतौली विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों की मतगणना में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार बढ़त बनाए रहे। गुरुवार सुबह मतगणना शुरू होते ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा उम्मीदवार डिम्पल यादव अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रघुराज शाक्य से आगे चलने लगीं। भाजपा उम्मीदवार पर सपा की बढ़त लगातार जारी रही। रामपुर और खतौली सीटों के शुरुआती रुझानों में दोनों दल आगे-पीछे हुए, लेकिन बाद में सपा ने बढ़त बना ली। दोपहर एक बजे तक के रुझानों में सपा तीनों सीटों पर आगे है।
दो विधानसभा सीटों की बात करें तो खतौली में रालोद उम्मीदवार मदन भैया करीब 10 हजार वोटों से भाजपा से आगे चल रहे हैं। खतौली में भाजपा ने राजकुमारी सैनी को उतारा है। रामपुर में सपा उम्मीदवार आसिम रजा करीब पांच हजार मतों से आगे हैं। रामपुर सीट पर आकाश सक्सेना भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। रुझानों को देखकर साफ है कि मैनपुरी में डिम्पल की जीत करीब-करीब पक्की है।

भाजपा की आक्रामकता से चुनाव लड़ने की रणनीति को भांपकर अखिलेश यादव अपनी पूरी ब्रिगेड के साथ मैनपुरी उपचुनाव में जुटे। नाराज चल रहे चाचा शिवपाल यादव को उपचुनाव से पहले साथ लाने में सफल रहे। पूरा यादव कुनबा एक होकर भाजपा के सामने चुनाव लड़ा। मैनपुरी में उसका असर साफ दिखाई दिया।