नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देने वाली खबर आयी है। दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव मामले में दायर याचिका पर बड़ा फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे। कोर्ट ने कहा- ‘हम एमसीडी और एलजी की ये दलील नहीं मान रहे कि पहली मीटिंग में मनोनीत पार्षद वोट कर सकते हैं। मेयर के चुनाव के लिए पहली मीटिंग के लिए 24 घंटे अंदर नोटिस जारी किया जाए। नोटिस में मेयर चुनाव और अन्य चुनाव की तारीख बताई जाए.’
एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के एलजी के फैसले को चुनौती देने वाली आप नेता डॉ. शैली ओबेरॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया। वोटिंग में हो रही देरी पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “देश की राजधानी में ये हो रहा, अच्छा नहीं लगता”।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243 आर के हिसाब से मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते। चुनाव जल्द से जल्द होना बेहतर है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले मेयर का चुनाव होगा। उसके बाद डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग काउंसिल का चुनाव होगा। एमसीडी के वकील एडिशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) वोट दे सकते हैं.
आम आदमी पार्टी की ओर से अदालत में पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- ‘मैं शीघ्र ही दो बिंदु आपके सामने रखूंगा। पहली बात- हम बात कर रहे हैं किसी नगर पालिका में मेयर चुनाव की। कृपया अनुच्छेद 243 आर देखें। संविधान का अनुच्छेद 243 आर एल्डरमैन को वोटिंग का अधिकार नहीं देता है। पैरा 1 कहता है कि मनोनीत व्यक्ति मतदान नहीं कर सकते। इस चुनाव के लिए इस नगर पालिका के लिए यह अधिनियम इसे दर्शाता है, वह खंड 3ए है.’
सिंघवी ने कहा कि अब वास्तविक नियमों को देखें. पहले आप महापौर का चुनाव करते हैं और फिर महापौर शेष बैठक की अध्यक्षता करते हैं. कोर्ट को चुनाव की तारीख तय करनी चाहिए. जो भी हो उन्हें चुनाव कराना चाहिए. CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि प्रथम दृष्टया, अनुच्छेद 243 आर से पता चलता है कि मनोनीत सदस्य मतदान नहीं कर सकते हैं। पहले चुनाव के लिए कल बैठक होगी. मेयर का चुनाव तत्काल होना है.
सिंघवी ने कहा कि उन्होंने दो बार यह कहकर चुनाव रद्द कर दिया कि एल्डरमैन मतदान करेंगे. संजय जैन ने कहा कि एमसीडी के मुताबिक, मेरी समझ यह है कि एल्डरमैन वोट दे सकते हैं. सीजेआई ने पूछा कि हमें 243 आर पर बताएं कि क्या एल्डरमैन मतदान कर सकते हैं. जैन ने कहा कि नगर पालिका की ये बैठक पहली बैठक से अलग है जो महापौर के चुनाव के लिए विशेष प्रावधान है. उस बैठक के लिए कोई रोक नहीं है क्योंकि शब्द हैं कि निगम को मतदान करने की अनुमति है.
वहीं, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि पहली बैठक में वोटिंग पर पाबंदी नहीं है। म्युनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के हवाले से जैन ने कहा कि वो फाउंडेशनल मीटिंग होती है. उसका स्पष्ट प्रावधान है।
3 बार टल चुका है मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव
एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के चुनाव को लेकर 3 बार चुनाव टल चुके हैं. तीसरी बार चुनाव स्थगित होने के बाद आप मेयर पद प्रत्याशी शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मसले में आज फिर सुनवाई है. यानी मेयर चुनाव को लेकर गेंद अब सुप्रीम कोर्ट के पाले में है. इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि मेयर के चुनाव में एल्डरमैन काउंसलर्स हिस्सा नहीं ले सकते. इस मसले को लेकर छह फरवरी को हंगामे के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था. उसके बाद एससी में मसला पहुंचने के बाद 16 फरवरी को प्रस्तावित चुनाव टल गया था. यही वजह है कि अब सभी को सर्वोच्च अदालत के फैसले का इंतजार है.
ये हैं मेयर पद के प्रत्याशी
आम आदमी पार्टी ने मेयर के लिए शैली ओबेरॉय और बीजेपी ने रेखा गुप्ता को मैदान में उतारा है. वहीं, डिप्टी मेयर के लिए आप ने मोहम्मद इकबाल और बीजेपी ने कमल बागड़ी को उम्मीदवार बनाया है. मेयर चुनाव का मामले में आप ने सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था. इसके बाद आप की मेयर कैंडीडेट शैली ओबेरॉय ने याचिका वापस ले ली थी.
आप ने 15 साल बाद बीजेपी को हराया
निकाय चुनाव 4 दिसंबर को हुए और वोटों की गिनती 7 दिसंबर को हुई थी. आम आदमी पार्टी ने 134 वार्ड जीतकर चुनाव जीता और 15 साल से दिल्ली निकाय चुनाव में शासन कर रही बीजेपी को हरा दिया. इस चुनाव में बीजेपी को 104 वार्डों में जीत मिली, जबकि कांग्रेस सिर्फ 9 सीटों पर जीत हासिल कर सकी.