चण्डीगढ़। हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को सियासत गरमा गई, जब पिछले साढ़े चार साल से चल रहा भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) का गठबंधन टूट गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार की सुबह राजभवन पहुंच कर पूरे मंत्रिपरिषद का इस्तीफा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को सौंप दिया। इसी बीच कंवरपाल गुर्जर ने राज्य में मनोहर लाल के मुख्यमंत्री बने रहने का दावा किया है।
हरियाणा में देर रात से चल रही राजनीतिक उठापटक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने सभी निर्दलीय विधायकों को मंगलवार सुबह अपने चंडीगढ़ आवास पर बुलाया और उनके साथ बैठक की। इस बैठक में सभी निर्दलीय विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया।
इसके बाद सभी निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा गृह मंत्री अनिल विज राजभवन पहुंचे और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार का भंग करने की सिफारिश करते हुए सभी मंत्रियों के इस्तीफे राज्यपाल को सौंप दिए।
दरअसल, 90 विधायक वाली हरियाणा विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के 41 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में अब तक जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी अब निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर हरियाणा में सरकार चलाएगी।
अब हरियाणा में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है और आज ही शाम 4 बजे तक नई सरकार के गठन किए जाने की अटकलें चल रही हैं। राजभवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से किसी तरह से बातचीत नहीं की। इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने सभी मंत्रियों के इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि करते हुए दावा किया मनोहर लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और बहुत जल्द सरकार का गठन होगा। कंवरपाल गुर्जर ने जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन तोड़े जाने की भी पुष्टि की। इसी दौरान जननायक जनता पार्टी के मुखिया एवं निवर्तमान उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी दिल्ली में विधायकों की बैठक बुलाई है।