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सीआई को जिंदा जलाने के मामले में तत्कालीन डीएसपी समेत तीस को उम्रकैद

by Suyash
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जयपुर/सवाई माधोपुर, । मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव में 17 मार्च 2011 को थाने के सीआई फूल मोहम्मद को भीड़ द्वारा जिंदा जलाने के मामले एसीजेएम एससी-एसटी कोर्ट ने तत्कालीन डीएसपी महेन्द्र सिंह समेत तीस दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हत्याकांड में कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए तीस को दोषी करार दिया था।
लंबे कोर्ट के ट्रायल के बाद शुक्रवार को एससी-एसटी स्पेशल कोर्ट ने 30 दोषियों को उम्र कैद के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया, जिन्होंने सीआई फूल मोहम्मद को जिंदा जला दिया था। न्यायाधीश पल्लवी शर्मा ने हत्याकांड के आरोपितों पर जुर्माना भी लगाया है। वसूला जाने वाला करीब 40 लाख रुपये जुर्माना फूल मोहम्मद के परिवार को दिया जाएगा। इन दोषियों में तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह का भी नाम है। दरअसल, जब फूल मोहम्मद को भीड़ ने सरकारी गाड़ी में जलाया उस वक्त महेंद्र वहीं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने सीआई को बचाने का प्रयास तक नहीं किया।
जज शर्मा ने बुधवार को कुल 89 आरोपितों में से तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह सहित 30 आरोपियों को दोषी माना था। वहीं, 49 लोगों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने पर उन्हें बरी कर दिया था। शुक्रवार को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने महेंद्र सिंह पर 1 लाख 67 हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, एक और आरोपित बनवारी पर 1 लाख 87 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। वकील श्रीदास सिंह ने बताया कि इसके अलावा बाकी प्रत्येक दोषी को बतौर जुर्माना 1 लाख 65 हजार रुपये जमा कराने होंगे। जुर्माने की राशि पीड़ित परिवार को मिलेगी।

इन्हें मिली उम्रकैद
कोर्ट ने डीएसपी महेंद्र सिंह, राधेश्याम पुत्र ब्रजमोहन माली, परमानंद पुत्र रामनिवास, बबलू पुत्र रामनारायण, पृथ्वीराज, रामचरण, चिरंजीलाल, शेर सिंह, हरजी, रमेश मीणा पुत्र प्रहलाद, कालू पुत्र कोरिया, बजरंगा खटीक,मुरारी मीणा, चतुर्भुज मीणा, बनवारी पुत्र जगन्नाथ, रामकरण पुत्र हजारी, हंसराज उर्फ हंसा पुत्र रामकुमार, शंकर माली पुत्र कन्हैया, बनवारी लाल मीणा,धर्मेंद्र मीणा पुत्र सुरेश कुमार मीणा, योगेंद्र नाथ, बृजेश हनुमान पुत्र कन्हैया, रामजीलाल माखन सिंह, रामभरोसी मीणा, मोहन माली, मुकेश माली और श्यामलाल को सजा सुनाई है।
उल्लेखनीय है कि 17 मार्च 2011 को दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान राजेश मीणा व बनवारी लाल मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और सुसाइड की धमकी दी। बनवारी को लोगों ने समझाकर टंकी से नीचे उतार लिया था, लेकिन राजेश मीणा ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ली और टंकी से नीचे कूद गया। गुस्साए लोगों ने सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थानाधिकारी फूल मोहम्मद व पुलिस जवानों पर पथराव करना शुरू कर दिया। इससे घबराए पुलिसकर्मी वहां से भाग निकले। जान बचाने के लिए सीआई फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे। भीड़ ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। उन्हें घेर लिया और जीप को आग लगा दी। फूल मोहम्मद जिंदा जल गए। घटना के बाद राजस्थान सरकार ने सीआई को शहीद का दर्जा दिया था। सीआई हत्याकांड मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीबीआई जांच कराने की घोषणा की थी। सीबीआई ने मामले में 89 लोगों को आरोपित बनाया, जिनमें से तीन अब भी फरार हैं। पांच की मौत हो चुकी है। वहीं दो बाल अपचारी थे।