नई दिल्ली । पत्रकार और फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट आल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा है कि दिल्ली पुलिस उसके खिलाफ फर्जी डिस्क्लोजर स्टेटमेंट को आधार बनाकर काम कर रही है।
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में जुबैर ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ झूठे आरोप गढ़े हैं। जुबैर ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने जिन डिस्क्लोजर स्टेटमेंट को आधार बनाया है, वे सभी मनगढ़ंत और फर्जी हैं। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि मोहम्मद जुबैर के पास से जब्त उपकरण की फोरेंसिक लेबोरेटरी रोहिणी पड़ताल कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि जब फोरेंसिक लेबोरेटरी की पड़ताल खत्म हो जाएगी तो जुबैर निचली अदालत में अर्जी दाखिल कर अपने उपकरणों को सौंपने की मांग कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट से मांग की है कि जुबैर की उपकरण और दस्तावेज को सौंपने की मांग खारिज की जाए। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मोहम्मद जुबैर के 2018 के ट्वीट की तस्वीरें और शब्द एक समुदाय विशेष के खिलाफ थीं। उस ट्वीट से समाज में घृणा को उकसाने की कोशिश की गई थी।
इससे पहले 27 जुलाई को कोर्ट ने जुबैर की याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब तलब किया था। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ यूपी में दर्ज छह एफआईआर के मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ यूपी में दर्ज सभी छह एफआईआर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक जुबैर को 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया और पूछताछ के बाद उसे शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था।