नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तीन चुनावी राज्य (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़) में बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। जैसे ही इन तीनों राज्यों में चुनाव आयोग पूर्ण नतीजे जारी करेगा, भाजपा 12 राज्यों में अपने दम पर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली पार्टी बन जाएगी। वहीं कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार के बाद अब तीन राज्यों में सिमट गई। जबकि आम आदमी पार्टी दो राज्यों (दिल्ली, पंजाब) में सरकार होने के नाते तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
वर्तमान में भाजपा उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में पूर्ण बहुत से सत्ता में है। वहीं तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। भाजपा महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम में सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ है और सरकार का हिस्सा है। जबकि कांग्रेस कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और अब जीत के बाद तेलंगाना में सरकार बनाएगी। इस तरह कांग्रेस सिर्फ तीन राज्यों में सिमट गई है। हालांकि अभी मिजोरम में विधानसभा चुनाव के परिणाम सोमवार को घोषित किए जाएंगे।
…तो विपक्षी गठबंधन नहीं जीत पाएगा: उमर अब्दुल्ला
जम्मू। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चार राज्य चुनावों में इंडी गठबंधन के नतीजों को देखते हुए अगर भविष्य में स्थिति ऐसी रही तो विपक्षी गठबंधन जीत नहीं पाएगा। राज्य चुनावों में कांग्रेस के दावे अन्यथा साबित हुए क्योंकि पार्टी केवल तेलंगाना में ही जीत सकी है। उन्होंने संकेत दिए कि राज्य विधानसभा चुनाव में नेशनल कांग्रेस (एनसी) अपने दम पर खड़ी होगी।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला यहां रविवार को चार राज्यों के चुनाव परिणाम को लेकर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा को बधाई दी जानी चाहिए। हमें इस नतीजों की उम्मीद नहीं थी। हम अपने सहयोगियों से सुन रहे थे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आसानी से सत्ता में आ जाएगी, वे मध्य प्रदेश में भी जीत हासिल करेंगे, वे तेलंगाना में भी आश्वस्त थे और वे यहां तक कह रहे थे कि अंत में वे राजस्थान में भी विजयी होंगे। नतीजे आये तो तेलंगाना में उनका दावा ही सही निकला। वे न छत्तीसगढ़ को बचा सके, न ही मध्य प्रदेश को वापस जीत सके। वे राजस्थान में भी फिर से नहीं जीत सकें।
मध्य प्रदेश में भाजपा की पकड़ के बारे में बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आप मध्य प्रदेश को देखें तो वहां कमलनाथ थोड़े समय के लिए मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उसे छोड़ दें तो करीब 20 साल तक भाजपा सत्ता में रही। यह भाजपा का पांचवां कार्यकाल है। यह बहुत बड़ी बात है। इंडी गठबंधन के भविष्य पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि 6 दिसंबर को कांग्रेस प्रमुख ने इंडी गठबंधन के कुछ नेताओं को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया है। तीन महीने बाद उन्हें विपक्ष गठबंधन की याद आई है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को अपने इंडी गठबंधन के सहयोगी समाजवादी पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए कुछ सीटें देनी चाहिए थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में जमीनी स्थिति को समझ नहीं पाई है। अगर उन्होंने अखिलेश यादव को 5-7 सीटें दे दी होती तो क्या नुकसान हो सकता था। कौन सा तूफ़ान आ सकता था? अब उन्होंने क्या जीता? नतीजे अब सबके सामने हैं। राज्य में अगले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के इंडी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने संबंधी सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी अपने दम पर खड़ी होगी।