नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी और केंद्रीय गह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को मिली अंतरिम जमानत की अवधि 26 सितंबर तक बढ़ा दी है।
सुनवाई के दौरान पीडितों की तरफ से प्रशांत भूषण ने मामले पर रोजाना ट्रायल पर सुनवाई की मांग की, जबकि आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने रोजाना सुनवाई की मांग का विरोध किया। 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की गति पर संतोष जताया था । 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जमानत मिलने के एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा। कोर्ट ने कहा था कि आशीष मिश्रा उप्र या दिल्ली में नहीं रह सकेंगे।
अंतरिम जमानत दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना से जुड़े दूसरे केस में बंद चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दी थी, जिन पर घटना के बाद पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार ने किसी भी तरह से ट्रायल को प्रभावित करने की कोशिश की तो जमानत रद्द कर दी जाएगी।
हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एसआईटी आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाकर 3 जनवरी को लखीमपुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।