रांची । झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से एनआईए जांच की अनुशंसा संबंधी निर्णय लेने में 55 दिन का समय लेने को आधार बनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा एनआईए जांच का आदेश दिए जाने को चुनौती दिए जाने वाली फूलेश्वर गोप क्रिमिनल रिट को खारिज कर दिया है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि बेड़ो थाना कांड संख्या 67/ 2016 को एनआईए से जांच कराने की अनुशंसा करने में राज्य सरकार ने 55 दिनों का समय लिया है, जबकि एनआईए एक्ट के तहत सात दिनों में राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना था कि इस मामले में एनआईए ने प्रथम पूरक चार्जशीट में उसे गवाह बताया है, जबकि दूसरी पूरक चार्जशीट में उसे आरोपित बना दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार ने महीनों बाद एनआईए जांच से कराने का आंतरिक निर्णय लिया है। इसलिए केंद्र सरकार की ओर से इस मामले की जांच एनआईए को देने का आदेश दिया जाना गलत है। इसलिए बेड़ो थाना कांड संख्या 67/ 2016 की जांच एनआईए को हैंडओवर करने के आदेश निरस्त किया जाना चाहिए।