नई दिल्ली । दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (सीएपीएफ) के कर्मी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के हकदार हैं। जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सीएपीएफ कर्मी 22 दिसंबर, 2003 को जारी नोटिफिकेशन के तहत ओपीएस के हकदार हैं।
कोर्ट ने कहा कि अर्धसैनिक बल भी केंद्र के सैन्यबल हैं, इसलिए उन्हें भी ओपीएस के तहत पेंशन पाने का हक है। कोर्ट ने कहा कि ओपीएस का लाभ न केवल उन 82 याचिकाकर्ताओं को ही मिलेगा, बल्कि सभी अर्धसैनिक बलों को मिलेगा। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि ओपीएस का लाभ सभी अर्धसैनिक बलों को देने के लिए आठ हफ्ते में आदेश जारी करें।
हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट ने देश की सुरक्षा में लगे सैन्य बलों की प्रशंसा की है। उनके प्रति सम्मान दिखाते हुए न केवल विभिन्न कोर्ट ने, बल्कि केंद्र सरकार ने भी अपनी नीति बनाते समय ये सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सैन्य बलों के साथ कोई भेदभाव न हो। कोर्ट ने कहा कि 22 दिसंबर 2003 के नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि न्यू पेंशन स्कीम पर फैसला लेते समय सैन्य बलों को उससे बाहर रखा जाएगा। ऐसे में अर्धसैनिक बलों को भी ओपीएस का लाभ मिलना चाहिए।
यह याचिका सीआरपीएफ, एसएसबी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और आईटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बलों में कार्यरत 82 लोगों ने दायर की थी। याचिका में केंद्र सरकार के एक जनवरी, 2004 के नोटिफिकेशन के तहत ओपीएस से अर्धसैन्य बलों को वंचित करने वाले नोटिफिकेशन को निरस्त करने की मांग की गई थी।