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Home court नौकरी के समय हुए अधिक भुगतान की वसूली रिटायरमेंट के बाद मिले पैसों से करना अवैध : हाई कोर्ट

नौकरी के समय हुए अधिक भुगतान की वसूली रिटायरमेंट के बाद मिले पैसों से करना अवैध : हाई कोर्ट

काटी गयी गई रकम को ब्याज सहित लौटने का निर्देश

by Suyash

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि यदि कर्मचारी को नौकरी के दौरान किसी वजह से अधिक भुगतान हो जाता है तो रिटायरमेंट के बाद उससे वसूली करना गलत है। कोर्ट ने इसी ऑब्जरवेशन के साथ पीएसी के प्लाटून कमांडर रहे सुरेश चंद यादव तथा उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग से इंस्पेक्टर गोपाल सिंह से सेवानिवृत्त होने के बाद की गई वसूली को ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को यह छूट दी कि चाहें तो नौकरी के दौरान किए गए अधिक भुगतान के जिम्मेदार अधिकारी से उनका दायित्व निर्धारित करते हुए उनसे वसूली करें।
सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याचीगण से पैसों की कटौती बगैर विभागीय कार्यवाही संपादित किए की गई है। बहस की गई थी इस प्रकार का वसूली आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300-ए का उल्लंघन है तथा इसे रद्द किया जाना चाहिए। अधिवक्ता का कहना था कि सेवा के दौरान जो वेतन दिया गया वह शासनादेशों के अनुकूल था। कहा गया कि याचीगण की इसमें कोई गलती नहीं थी और न ही इन्होंने धोखे से वेतन प्राप्त किया था।
यह फैसला जस्टिस पंकज भाटिया ने सुरेश चंद्र यादव प्लाटून कमांडर पीएससी तथा इंस्पेक्टर गोपाल सिंह की याचिकाओं पर पारित किया। दोनों पुलिस विभाग के अधिकारियों ने सेवानिवृत्त होने के बाद उनके विरुद्ध पारित वसूली आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सेवानिवृत्ति के बाद याचीगणों की ग्रेच्युटी एवं पेंशन से पैसों की कटौती कर ली गई थी तथा कहा गया था कि यह कटौती इस कारण की जा रही है कि सेवाकाल के दौरान उन्हें अधिक वेतन भुगतान किया गया था।