नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रद्धा मर्डर केस की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि ये जनहित याचिका नहीं, बल्कि पब्लिसिटी इंटरेस्ट याचिका लगती है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है फिर भी उसने याचिका दाखिल की है। कोर्ट कोई मॉनिटरिंग एजेंसी नहीं है। यह याचिका वकील जोशिनी तुली ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि पुलिस जांच से जुड़ी हर जानकारी मीडिया को लीक कर रही है। छह महीने पहले हुए इस मर्डर की मुकम्मल जांच करने में पुलिस समर्थ नहीं है, इसलिए जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस की ओर से जांच से जुड़ी जानकारी लीक करने के चलते सबूतों की बरामदगी वाली संभावित जगहों पर लोगों व मीडियाकर्मियों को आवाजाही जारी है। मीडिया ट्रायल शुरू हो चुका है और लोग बिना ट्रायल के ही आफताब की फांसी की मांग करने लगे हैं। साकेत कोर्ट ने 21 नवंबर को आरोपित आफताब का पोलिग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दे दी थी। उसके पहले साकेत कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट करने का आदेश दिया था। 17 नवंबर को कोर्ट ने आफताब की पुलिस हिरासत पांच दिनों के लिए बढ़ा दी थी। श्रद्धा आफताब के साथ रहती थी। आफताब पर आरोप है कि उसने श्रद्धा की हत्या कर करीब तीस टुकड़े कर दिए थे। उसके शव के टुकड़ों को फ्रिज में रख कर उन अंगों को अलग-अलग ले जाकर फेंकता था। पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर श्रद्धा के कई अंगों को बरामद किया है।