नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपित गौतम नवलखा को घर में नजरबंद करने का आदेश दिया है। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये नजरबंदी एक महीने के लिए होगी। एक महीने के बाद इसकी समीक्षा होगी।
कोर्ट ने कहा कि गौतम नवलखा 2020 से हिरासत में हैं। इसके पहले भी उन्हें नजरबंद रखा गया था जिस दौरान उन्होंने किसी भी शर्तों का उल्लंघन नहीं किया था। गौतम नवलखा का इस केस के अलावा कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है। कोर्ट ने कहा कि एनआईए नजरबंदी वाली जगह की सर्च कर सकती है लेकिन सर्च के दौरान आरोपित को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि नजरबंदी वाले घर पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होगी। उनके घर पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। नवलखा को टहलने के अलावा घर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। टहलने के दौरान वे किसी से भी नहीं मिलेंगे। रोजाना उन्हें दस मिनट फोन पर बात करने की अनुमति होगी और बात करने के लिए सुरक्षाकर्मी फोन उपलब्ध कराएंगे। घर पर फोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी।
कोर्ट ने 9 नवंबर को ही गौतम नवलखा को घर पर नजरबंद करने का संकेत दे दिया था। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से नजरबंदी के लिए शर्तें पूछी थी। इससे पहले 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा का तुरंत मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने तलोजा जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वो गौतम नवलखा की मर्जी के अस्पताल में लेकर जाएं जहां उनका इलाज हो सके। कोर्ट ने इलाज करने वाले अस्पताल को गौतम नवलखा के स्वास्थ्य की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने 27 सितंबर को नवलखा की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान नवलखा की ओर से कहा गया था कि उनकी उम्र 70 साल है और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। खराब स्वास्थ्य के कारण उनको जेल में रखना सही नहीं है। उन्हें पहले भी नजरबंद रखा गया था। नवलखा ने घर में नजरबंद रखने के लिए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बांबे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल 2020 को गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे को सरेंडर करने का आदेश दिया था। 1 जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव की दो सौंवीं सालगिरह पर हुए कार्यक्रम में हिंसा हुई थी। उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 केस दर्ज किए हैं