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2024 के चार धाम यात्रा के लिए, स्वास्थ्य विभाग ने 11 भाषाओं में SOP जारी किए हैं। इन SOP में तीर्थयात्रियों को यह सलाह दी गई है

by Nikhil

10 मई को, गंगोत्री, यमुनोत्री, और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही, चारधाम यात्रा का आरंभ हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चारधाम यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी तैयारियों को पूरा किया है। चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मानक प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु आसानी से स्वास्थ्य संबंधित दिशानिर्देश को समझ सकेंगे, क्योंकि इसके लिए हिंदी, अंग्रेजी के अलावा नौ स्थानीय भाषाओं में एसओपी तैयार की गई है। यात्रा मार्गों पर 50 स्थानों पर तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। साथ ही, मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य मित्रों को तैनात किया जाएगा।

10 मई को, गंगोत्री, यमुनोत्री, और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही, चारधाम यात्रा का आरंभ हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चारधाम यात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी तैयारियों को पूरा किया है। डॉ. आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव, सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए बताएं कि चारधाम यात्रा की तैयारियों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। राज्य सरकार यात्रा को सुगम एवं व्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव प्रयासरत कर रही है। पर्यटन विभाग के माध्यम से किए पंजीकरण में स्वास्थ्य पैरामीटर का कॉलम रखा गया है, जिससे यात्री अपने स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी भरकर, जरूरत के समय इलाज में आसानी पा सकें।

तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी में यात्रियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। ये सुझाव सात दिन की यात्रा की योजना बनाने से लेकर, प्रत्येक दो घंटे के बाद थोड़ा विश्राम करने तक जाते हैं। इसके साथ ही, स्वास्थ्य से संबंधित कुछ आवश्यक सामग्री के साथ यात्रा करने की सलाह भी दी गई है। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि ये सलाह 11 भाषाओं में उपलब्ध हैं ताकि श्रद्धालु अपनी भाषा में समझ सकें। यह एसओपी राज्यों को भेज दी गई है ताकि वहां के लोग भी इसे समझ सकें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकें।

चारधाम यात्रा के लिए यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग प्वाइंट तैनात किए गए हैं, जो तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये स्क्रीनिंग प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्वाइंट के साथ संयुक्त रूप से काम करेंगे और 28 पैरामीटर्स की जांच का आयोजन करेंगे। इन परियोजनाओं को संचालित करने में हंस फाउंडेशन की टीम भी सक्रिय रूप से योगदान दे रही है।

मेडिकल रिलीफ प्वाइंट भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो यात्रियों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इस बार इन प्वाइंट्स की स्थिति को प्राथमिकता दी गई है और उन्हें सुदृढ़ किया गया है। यहां पर डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ स्वास्थ्य मित्रों की भी तैनाती की गई है। मेडिकल रिलीफ प्वाइंट में आवश्यक उपकरण जैसे कि दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, और अन्य सामग्री भी उपलब्ध रहेंगे। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट पर, चिकित्सकों के साथ-साथ आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ भी होंगे। इसके अलावा, सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ साथ एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी भी हैं, जो स्थितियों का निरीक्षण और चिकित्सा सेवाओं में सहायता करेंगे।

केदारनाथ धाम के यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग को खास ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। पिछले वर्ष की तरह, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, जैसे कि गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड, और नारायणकोटी में। यहां पर डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर, और दवाओं की व्यवस्था है।

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि टेलीमेडिसन सेवा की भी व्यवस्था की गई है, जो तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे किसी भी गंभीर परिस्थिति में यात्री तुरंत सलाह प्राप्त कर सकते हैं, और 24 घंटे किसी भी समस्या के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह ली जा सकती है। यह उनके लिए एक बड़ी सुविधा होगी, जो दुर्गम स्थितियों में त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है।

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