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2024 के एमपी बोर्ड के परिणाम: इस बार, आश्चर्यजनक रूप से, शिक्षा के प्रति अधिक उत्साहित छोटे शहरों के छात्रों ने अपने प्रदर्शन में चमक दिखाई

by Nikhil

2024 के मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं और 12वीं बोर्ड के नतीजे बुधवार को घोषित किए गए। इस बार हाईस्कूल में 58 प्रतिशत और हायर सेकेंडरी में 64.4 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। अच्छी खबर यह है कि इस बार टॉप करने वाले छात्र-छात्राएं छोटे शहरों से हैं। यह बताता है कि शिक्षा के क्षेत्र में छोटे शहरों का योगदान भी कम नहीं है।

12वीं के विज्ञान गणित समूह में रीवा की अंशिका मिश्रा ने प्रथम स्थान हासिल किया। उन्हें 493 अंक मिले। वाणिज्य समूह में सरस्वती शिशु मंदिर सिरोज विदिशा की मुस्कान डांगी ने पहले स्थान पर रहा। 12वीं की कला संकाय में शाजापुर के जयंत यादव ने टॉप किया है। दसवीं में नैनपुर मंडला की अनुष्का अग्रवाल ने पहले स्थान पर रहा।

इस बार के बोर्ड परीक्षाओं में, छोटे शहरों के छात्रों ने अपनी एकजुटता और प्रतिभा से ध्यान खींचा। यहाँ तक कि बड़े शहरों के बच्चे भी पीछे रह गए। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, और ग्वालियर जैसे नामी शहरों के छात्रों का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। साथ ही, छोटे शहरों में शिक्षा के लिए उपलब्ध संसाधनों की कमी के बावजूद, वहां के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन दिखाया। यह बताता है कि शिक्षा की गुणवत्ता का मापदंड न केवल बड़े शहरों में होता है, बल्कि छोटे शहरों में भी।

परीक्षा के परिणामों के अनुसार, नरसिंहपुर जिले का प्रदर्शन सबसे उत्कृष्ट रहा, जहां 80.51 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफलता हासिल की। विपरीत, दमोह जिले का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा, जहां केवल 41.39 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए। कुल मिलाकर, 9 जिलों में ऐसे हैं, जहां 50 प्रतिशत से भी कम छात्र-छात्राएं पास नहीं हुए।

इस बार के बोर्ड परीक्षाओं में, 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने अपनी बाजी मारी। हाईस्कूल परीक्षा में, 58.10% नियमित परीक्षार्थी और 13.26% स्वाध्यायी परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसके साथ ही, 54.35% नियमित छात्र और 61.88% नियमित छात्राएं परीक्षा में सफल हुईं। कुल मिलाकर, 8,21,086 नियमित परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए हैं। इनमें से 3,05,067 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 1,69,863 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में और 2,145 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। कुल 4,77,075 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं और उनका परीक्षाफल 58.10% रहा है। 1,00,391 परीक्षार्थियों ने पूरक परीक्षा की पात्रता प्राप्त की है। इस वर्ष भी, पूर्व वर्ष की तरह हाईस्कूल परीक्षा में दो विषयों में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों को पूरक परीक्षा की पात्रता प्रदान की गई है।

दसवीं में पिछड़े तो 12वीं में लगाई छलांग
बता दें कि इस बार हायर सेकेंडरी में 64.4 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। जबकि हाईस्कूल में 58 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। बीते साल के रिजल्ट से तुलना करें तो दसवीं का रिजल्ट करीब पांच प्रतिशत गिरा है तो बारहवीं का रिजल्ट पिछले साल के मुकाबले नौ प्रतिशत उछला है।  पिछले साल एमपी बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट 55.28% और 10वीं कक्षा के परिणाम  63.29% रहे थे।

10वीं में छात्राओं ने मारी बाजी
हाईस्कूल परीक्षा में इस वर्ष 58.10% नियमित परीक्षार्थी तथा 13.26% स्वाध्यायी परीक्षार्थी उत्तीर्ण रहे हैं। 54.35% नियमित छात्र एवं 61.88% नियमित छात्राएं परीक्षा में सफल हुई हैं। 8,21,086 नियमित परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए हैं। इनमें 3,05,067 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 1,69,863 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में एवं 2145 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार कुल 4,77,075 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं जिनका परीक्षाफल 58.10% रहा है। 100391 परीक्षार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है। इस वर्ष भी पूर्व वर्ष अनुसार हाईस्कूल परीक्षा में दो विषयों में अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता प्रदान की गई है।

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