रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आज जन्मदिन है। इस अवसर पर उन्होंने अपने हाथ पर लगी कैदियों की मुहर का निशान दिखाया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने इस निशान को साझा किया और इसे लोकतंत्र के मौजूदा संकटों का प्रतीक बताया। सोरेन ने बताया कि यह मुहर उनके हाथ पर तब लगाई गई थी जब वे जेल से बाहर आए थे।
सीएम हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “आज अपने जन्मदिन के मौके पर पिछले एक साल की यादें मेरे मन में ताज़ा हैं। यह कैदी को लगाई जाने वाली मुहर का निशान है, जिसे जेल से रिहा होने पर मेरे हाथ पर लगाया गया था। यह निशान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की वर्तमान समस्याओं का प्रतीक भी है।” उल्लेखनीय है कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 28 जून को सोरेन को रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा किया गया था।
आम आदिवासियों/दलितों/शोषितों की स्थिति
उन्होंने कहा, “यदि एक चुने हुए मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत, शिकायत या अपराध के 150 दिनों तक जेल में रखा जा सकता है, तो आम आदिवासियों, दलितों और शोषितों के साथ क्या हो सकता है, यह बताने की जरूरत नहीं है।” दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ समय बाद गिरफ्तार किया गया था।
आज के दिन और भी दृढ़ संकल्पित
उन्होंने कहा, “आज के दिन मैं और भी अधिक दृढ़ संकल्पित हूं। मैं शोषित, वंचित, दलित, पिछड़े, आदिवासी और मूलवासी के अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई को और मजबूत करता हूं। मैं हर उस व्यक्ति या समुदाय की आवाज उठाऊंगा जिसे दबाया गया है, जो न्याय से वंचित है, और जो उसके रंग, समुदाय, खान-पान या पहनावे के आधार पर सताया जा रहा है।”
भविष्य की चुनौतियों का सामना
सोरेन ने कहा, “हमें एकजुट होकर ऐसा समाज बनाना होगा जहां कानून सभी के लिए समान हो और सत्ता का दुरुपयोग न हो।” उन्होंने स्वीकार किया कि यह रास्ता आसान नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम मिलकर इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं। क्योंकि हमारे देश की एकता और विविधता ही हमारी ताकत है।”