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संविधान पीठ में निकाह हलाला, निकाह मुताह, निकाह मिस्यार पर सुनवाई दीपावली के बाद

by City Headline
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नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाय में बहु-विवाह, निकाह हलाला, निकाह मुताह और निकाह मिस्यार के खिलाफ दायर याचिकाओं पर वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने कहा कि अभी सरकार का जवाब आने का इतंजार कीजिए। अब संविधान पीठ दीपावली के बाद इस पर सुनवाई करेगी।
30 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर निकाह हलाला और बहु-विवाह का समर्थन किया है। बोर्ड ने निकाह हलाला, बहु-विवाह के खिलाफ दायर अर्जी का विरोध किया है। बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि 1997 के फैसले में ये साफ हो चुका है कि पर्सनल लॉ को मूल अधिकारों की कसौटी पर नहीं आंका जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च, 2018 को इस मसले पर सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले में सहयोग करने के लिए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल और विधि आयोग को निर्देश दिया था। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय और सायरा बानो के बाद दिल्ली की महिला समीना बेगम ने बहु-विवाह और निकाह-हलाला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है । अपनी याचिका में इस महिला ने बहु-विवाह और निकाह हलाला को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध घोषित करने और मुस्लिम पर्सनल लॉ की धारा 2 को असंवैधानिक करार देने की मांग की है ।
दक्षिणी दिल्ली की समीना बेगम ने याचिका दायर की है । उसने याचिका में कहा है कि उसकी शादी 1999 में जावेद अनवर से हुई थी । उससे उसे दो पुत्रे पैदा हुए । जावेद ने उसके ऊपर काफी अत्याचार किया । जब उसने आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत दर्ज कराई तो जावेद ने उसे तलाक का पत्र भेज दिया । उसके बाद उसने 2012 में रियाजुद्दीन शादी की जिसकी पहले से ही आरिफा नामक महिला से शादी हो चुकी थी । रिजायुद्दीन ने भी उसे उस समय फोन पर तलाक दे दिया था जब वह गर्भवती थी ।